देहरादून: विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक आते ही उत्तराखंड परिवहन मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. डेढ़ साल से रुकी हुई पदोन्नति को लेकर बीती 26 अगस्त से काली पट्टी बांधकर कार्य कर रहे उत्तराखंड परिवहन मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ ने आज से कार्य बहिष्कार भी शुरू कर दिया है. हालांकि, आज इन कर्मचारियों ने दो घंटे का ही कार्य बहिष्कार किया है. उनका कहना है कि अगर सरकार ने 31 अगस्त के बाद भी उनकी मांग नहीं मानी तो एक सितंबर से पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाएगा.
उत्तराखंड परिवहन मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष बृजमोहन रावत का कहना है कि राज्य सरकार ने साल 2020 में जो शासनादेश जारी किया गया था, उसमें वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के 26 पदों को लिखित त्रुटि के चलते 14 ही दर्शाया गया है, जिसकी वजह से बीते लंबे समय से परिवहन विभाग के मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पा रहा है. सरकार से बार-बार गुहार लगाई जा रही है. लेकिन लंबा वक्त भी जाने के बावजूद अब तक इस स्थिति में सुधार नहीं किया गया है.
परिवहन मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष दौलत पांडे ने साफ किया कि आज और 31 अगस्त को 2 घंटों का ही कार्य बहिष्कार किया जाएगा, लेकिन अगर सरकार ने उसके बावजूद भी उनकी मांग पर गौर नहीं किया तो 1 सितंबर से प्रदेशभर के मिनिस्ट्रियल कर्मचारी पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार करने को मजबूर होंगे.
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बता दें, सरकार द्वारा जून 2020 में परिवहन विभाग के नये स्वीकृत ढांचे को जारी करने संबंधी शासनादेश जारी किया गया था. लेकिन इस शासनादेश में हुई त्रुटि के कारण विगत डेढ़ साल से परिवहन विभाग के मिनिस्ट्रियल कैडर के कर्मचारियों का प्रमोशन रुका हुआ है. हालांकि, इस त्रुटि में सुधार के लिए पिछले एक साल से कर्मचारी संघ, शासन मुख्यालय और विभागीय मंत्री के समक्ष गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक शासनादेश में हुई त्रुटि को सुधारा नहीं गया है.