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गन्ना मंत्री की अधिकारियों को दो टूक, बोले- अब नहीं आनी चाहिए शिकायत - गन्ना खरीद और भुगतान की शिकायत पर यतीश्वरानंद सख्त

गन्ना राज्यमंत्री यतीश्वरानंद ने विभागीय अधिकारियों, शुगर मिल प्रबंधकों और गन्ना समिति के सदस्यों को गन्ना खरीद व बकाया भुगतान की शिकायत आने पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में किसानों की शिकायतें नहीं आनी चाहिए.

yatishwaranand
विभागीय समीक्षा बैठक
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Published : Mar 23, 2021, 7:51 PM IST

देहरादूनः गन्ना राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार यतीश्वरानंद ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक ली. बैठक में उन्होंने गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग से संबंधित विभागीय कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान यतीश्वरानंद अधिकारियों पर सख्त नजर आए. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में किसानों की गन्ना खरीद और भुगतान की शिकायतें स्वीकार नहीं की जाएगी.

बैठक में मंत्री यतीश्वरानंद ने विभागीय अधिकारियों, गन्ना मिल प्रबंधकों और गन्ना समिति के सदस्यों से कहा कि सभी प्रकार की शुगर मिलों सरकारी, सहकारी और गैर सरकारी के संबंध में किसानों की गन्ना घटतोली, गन्ना ढुलाई व ट्रांसपोर्ट की खराब स्थिति, पर्ची भेजने में हेरफेर की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए. साथ ही समय और तय दिन में शुगर मिल खुलना चाहिए. गन्ना मिलों में बिचैलियों का दखल, गन्ना भुगतान की खराब व्यवस्था, बाहरी प्रदेशों से ब्लैक में गन्ने की खरीद करना, कार्मिकों का खराब बर्ताव और गन्ना खरीद में लोकल किसानों को तवज्जो न देना जैसी शिकायतें किसी भी सूरत में नहीं बक्शा जाएगा.

गन्ना मंत्री की अधिकारियों को दो टूक.

किसानों के गन्ने को निम्न गुणवत्ता का बताकर उसके साथ धोखाधड़ी करना, कार्मिकों की तैनाती में रोस्टर का अनुपालन न होना, गन्ना समिति को निर्धारित किए गए 2 प्रतिशत कमीशन का भुगतान न करना, क्रय केंद्रों में किसानों के ठहरने, पेयजल, शौचालय, खानपान व साफ-सफाई न होना और उनके पशुधन को खड़ा करने के लिए किसी तरह की व्यवस्था न होना इत्यादि किसानों से जुडी हुई सामान्य शिकायतें जिसे प्राथमिकता से दूर किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः जैविक ऑयस्टर मशरूम से महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर, कीमत भी मिल रही मुनाफिक

राज्य मंत्री यतीश्वरानंद ने विभागीय अधिकारियों, सरकारी और गैर सरकारी सभी शुगर मिल प्रबंधकों को सख्ती से स्पष्ट निर्देश दिए कि अब तक शुगर मिलों में जो भी होता आ रहा है, वह आगे नहीं चलेगा. आज के बाद किसी भी शुगर मिल में किसानों से संबंधित किसी भी तरह की धोखाधड़ी, गन्ने की खरीद से लेकर भुगतान तक किसी भी तरह की शिकायत स्वीकार नहीं की जाएगी. जो भी प्रबंधक, अधिकारी, कर्मचारी आदि किसी भी तरह से शुगर मिलों में गलत परंपरा को आगे बढ़ाएगा और किसानों के हितों के खिलाफ कोई भी काम करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, उन्होंने सभी शुगर मिलों में सभी प्रकार की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए प्रत्येक जिले में एक समिति गठित करने के निर्देश भी दिए. जिसमें स्थानीय जिला प्रशासन, किसान प्रतिनिधि, गन्ना समिति, स्थानीय प्रतिनिधि और विभागीय प्रतिनिधि शामिल हो. यह समिति समय-समय पर अपने जनपदीय सीमा की शुगर मिलों का शिकायत मिलने पर या स्वतः ही संज्ञान लेकर समय-समय पर औचक निरीक्षण करेगी. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सभी शुगर मिलों में तैनात सभी कार्मिकों का उनके तैनाती समय से लेकर आज तक का विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए. किस शुगर मिल में वर्तमान समय में किसानों का कितना गन्ना अभी भी क्रय करना बाकी है, इसका भी सर्वे करते हुए तत्काल विवरण उपलब्ध कराने को कहा है.

देहरादूनः गन्ना राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार यतीश्वरानंद ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक ली. बैठक में उन्होंने गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग से संबंधित विभागीय कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान यतीश्वरानंद अधिकारियों पर सख्त नजर आए. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में किसानों की गन्ना खरीद और भुगतान की शिकायतें स्वीकार नहीं की जाएगी.

बैठक में मंत्री यतीश्वरानंद ने विभागीय अधिकारियों, गन्ना मिल प्रबंधकों और गन्ना समिति के सदस्यों से कहा कि सभी प्रकार की शुगर मिलों सरकारी, सहकारी और गैर सरकारी के संबंध में किसानों की गन्ना घटतोली, गन्ना ढुलाई व ट्रांसपोर्ट की खराब स्थिति, पर्ची भेजने में हेरफेर की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए. साथ ही समय और तय दिन में शुगर मिल खुलना चाहिए. गन्ना मिलों में बिचैलियों का दखल, गन्ना भुगतान की खराब व्यवस्था, बाहरी प्रदेशों से ब्लैक में गन्ने की खरीद करना, कार्मिकों का खराब बर्ताव और गन्ना खरीद में लोकल किसानों को तवज्जो न देना जैसी शिकायतें किसी भी सूरत में नहीं बक्शा जाएगा.

गन्ना मंत्री की अधिकारियों को दो टूक.

किसानों के गन्ने को निम्न गुणवत्ता का बताकर उसके साथ धोखाधड़ी करना, कार्मिकों की तैनाती में रोस्टर का अनुपालन न होना, गन्ना समिति को निर्धारित किए गए 2 प्रतिशत कमीशन का भुगतान न करना, क्रय केंद्रों में किसानों के ठहरने, पेयजल, शौचालय, खानपान व साफ-सफाई न होना और उनके पशुधन को खड़ा करने के लिए किसी तरह की व्यवस्था न होना इत्यादि किसानों से जुडी हुई सामान्य शिकायतें जिसे प्राथमिकता से दूर किया जाना चाहिए.

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राज्य मंत्री यतीश्वरानंद ने विभागीय अधिकारियों, सरकारी और गैर सरकारी सभी शुगर मिल प्रबंधकों को सख्ती से स्पष्ट निर्देश दिए कि अब तक शुगर मिलों में जो भी होता आ रहा है, वह आगे नहीं चलेगा. आज के बाद किसी भी शुगर मिल में किसानों से संबंधित किसी भी तरह की धोखाधड़ी, गन्ने की खरीद से लेकर भुगतान तक किसी भी तरह की शिकायत स्वीकार नहीं की जाएगी. जो भी प्रबंधक, अधिकारी, कर्मचारी आदि किसी भी तरह से शुगर मिलों में गलत परंपरा को आगे बढ़ाएगा और किसानों के हितों के खिलाफ कोई भी काम करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, उन्होंने सभी शुगर मिलों में सभी प्रकार की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए प्रत्येक जिले में एक समिति गठित करने के निर्देश भी दिए. जिसमें स्थानीय जिला प्रशासन, किसान प्रतिनिधि, गन्ना समिति, स्थानीय प्रतिनिधि और विभागीय प्रतिनिधि शामिल हो. यह समिति समय-समय पर अपने जनपदीय सीमा की शुगर मिलों का शिकायत मिलने पर या स्वतः ही संज्ञान लेकर समय-समय पर औचक निरीक्षण करेगी. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सभी शुगर मिलों में तैनात सभी कार्मिकों का उनके तैनाती समय से लेकर आज तक का विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए. किस शुगर मिल में वर्तमान समय में किसानों का कितना गन्ना अभी भी क्रय करना बाकी है, इसका भी सर्वे करते हुए तत्काल विवरण उपलब्ध कराने को कहा है.

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