देहरादून: उत्तराखंड के अधिकारियों की कार्यशैली पर हमेशा से ही सवाल खड़े होते रहे हैं. जहां एक ओर मंत्री समेत कई विधायक अधिकारियों के अड़ियल रवैये को लेकर सवाल उठा चुके हैं, वहीं आरोप लगता है कि अधिकारी काम करने के बजाय सिर्फ दफ्तरों में बैठकर कुर्सियां तोड़ते नजर आ रहे हैं. यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि विभागीय अधिकारियों की स्थिति यही बयां कर रही हैं. ताजा मामला मत्स्य विभाग की बैठक का है.
लापरवाह अफसरों पर भड़के सौरभ बहुगुणा: दरअसल, बुधवार को उत्तराखंड राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण की प्रबंध समिति के अध्यक्ष सौरभ बहुगुणा ने बैठक ली. बैठक में ना सिर्फ अधिकारी बिना तैयारी के पहुंचे, बल्कि तीन प्रमुख अधिकारियों में कोई तालमेल नजर नहीं आया. इसके चलते बैठक के दौरान प्रबंध समिति के अध्यक्ष सौरभ बहुगुणा ने अधिकारियों की क्लास लगा दी.
बिना तैयारी मीटिंग में आए थे अफसर: सौरभ बहुगुणा ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि इस बैठक में अधिकारी बिना तैयारियों के पहुंचे हैं, ऐसे में सिर्फ इस बैठक में सबका समय बर्बाद हुआ है. अधिकारियों को कुछ दिन पहले ही इस बैठक की जानकारी दे दी गई थी, बावजूद इसके तैयारी करके ना आना बेहद दुखद है. अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज विभागीय मंत्री ने कहा कि पिछले एक साल के भीतर प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कोई बड़ा काम नहीं किया गया है.
अफसरों को तीन महीने का अल्टीमेटम: इसके साथ ही प्रबंध समिति के तीन प्रमुख अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल न होने पर सौरभ बहुगुणा ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि उनको आपसी तालमेल बनाकर विभाग के लिए बेहतर काम करना होगा. मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम को इस बात के लिए भी निर्देश दिया कि इन सभी अधिकारियों को 3 महीने का समय दिया जाए. अगर ये अधिकारी अगले 3 महीने में अपने कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं लाते हैं और विभाग कोई उपलब्धि हासिल नहीं करता है, तो इन अधिकारियों को हटा दिया जाए.
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हर महीने एक हफ्ते फील्ड में रहेंगे अफसर: सौरभ बहुगुणा यहीं नहीं रुके. बैठक के दौरान ही अधिकारियों से मत्स्य विभाग की पिछले एक साल में की गई एक उपलब्धि या उनका बेहतर काम बताने को कहा. लेकिन वहां बैठा कोई भी अधिकारी अपने विभाग की एक उपलब्धि भी नहीं गिनवा पाया. जिस पर सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पिछले 1 साल में इस विभाग में कोई भी बेहतर कार्य नहीं किया गया है. लिहाजा, प्रबंध समिति के तीनों प्रमुख अधिकारी हर महीने 5 से 7 दिन तक फील्ड में रहकर काम करेंगे. साथ ही बहुगुणा ने कहा कि जो भी शिकायतें उन्हें फील्ड से प्राप्त होंगी, उन सभी शिकायतों और समस्याओं को अगले एक माह के भीतर निस्तारित कर उसकी रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी.
ट्राउट फिश प्रोडक्शन पर जोर: मत्स्य पालक विकास को लेकर बनी प्रबंध समिति की बैठक के दौरान अध्यक्ष सौरभ बहुगुणा ने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के साथ ही मार्केटिंग और स्टोरेज को लेकर चर्चा की. बहुगुणा ने कहा कि धरातल पर निरीक्षण के दौरान किसानों की समस्याएं पता चली हैं जिसके तहत किसानों को मछलियों के मार्केटिंग और बेचने के लिए मार्केट उपलब्ध हो पा रहा है. इसके साथ ही अगर उत्पादन बढ़ता है तो मछलियों के स्टोरेज के लिए पर्याप्त जगह भी उपलब्ध नहीं है, ऐसी शिकायतें किसानों ने उनके सामने रखी हैं.
इसको देखते हुए अधिकारियों को अगले तीन महीने का वर्क प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसानों को फायदा पहुंचाया जा सके. साथ ही कहा कि प्रदेश में ट्राउट फिश फार्मिंग के लिए नेचुरल रिसोर्सेस मौजूद हैं. इसके अलावा कोल्ड रनिंग वाटर भी मौजूद है, जिसके जरिए ट्राउट फिश फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा सकता है. लेकिन दिक्कत यही है कि अगर प्रोडक्शन बढ़ेगा तो उसके लिए मार्केटिंग के साथ ही स्टोरेज को भी बढ़ाना पड़ेगा. जिसके चलते अधिकारियों को अगले तीन महीने का समय दिया गया है. ऐसे में उम्मीद है कि अगले तीन महीने का रोड मैप तैयार हो जाएगा, जिसके बाद अगले 6 महीने का रोड मैप तैयार किया जाएगा.