देहरादून: कोरोना काल में सूबे की त्रिवेंद्र सरकार युवाओं के लिए मत्स्य पालन को स्वरोजगार के तौर पर विकसित करने के प्रयासों में जुटी है. इसी के तहत आज राज्यमंत्री रेखा आर्य ने राज्य मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों के साथ अहम बैठक की. मंत्री ने बैठक में प्रदेश में संचालित हो रही विभिन्न केंद्र एवं राज्य पोषित योजनाओं की जानकारी ली.
गौरतलब है कि समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में आदर्श तालाब निर्माण और मैदानी क्षेत्रों में एसीपी आदर्श मछली तालाबों निर्माण पर चर्चा की गई. साथ ही साथ इन कार्यों की प्रगति में तेजी लाने के दिशा निर्देश दिए गए. वहीं, दूसरी बैठक में राज्यमंत्री रेखा आर्य ने नील क्रांति के तहत तालाबों, हैचरी के सुदृढ़ीकरण पर भी जोर दिया.
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राज्यमंत्री रेखा आर्य का कहना था कि कोरोना संकटकाल के चलते इस वित्तीय वर्ष का बजट कुछ महीनों पूर्व ही प्राप्त हुआ है, जिसकी वजह से इस बार मत्स्य पालन से जुड़े कार्यों की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है, लेकिन मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में जितने भी तालाब की मांग होगी, उतने तालाबों के लिए योजनाएं प्रस्तावित की जाएगी. इसके अलावा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए ट्राउट प्रजाति को डेनमार्क से आयात करने पर विचार किया जा रहा है. जिससे कि प्रदेश में बेहतर क्वालिटी की मछलियों का उत्पादन हो सके.