देहरादून: राज्यमंत्री रेखा आर्य और आईएएस अधिकारी वी.षणमुगम के बीच चल रहे विवाद को लेकर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अब उच्च स्तरीय जांच बैठा दी है. लेकिन रेखा आर्य ने जांच आईएएस अधिकारी को सौंपने पर सवाल भी खड़े किए हैं.
रेखा आर्य का कहना है कि इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री का जांच बिठाने का फैसला सही है. लेकिन क्या एक आईएएस अधिकारी दूसरे आईएएस अधिकारी के खिलाफ सही तरीके से जांच कर पाएगा. रेखा आर्य ने कहा कि जांच कमेटी में अगर जनप्रतिनिधि या कोर्ट के न्यायाधीश शामिल होते तो जांच परिणाम ज्यादा निष्पक्ष होती.
वहीं, बीजेपी के नेता रेखा आर्य को नसीहत दे रही हैं. बीजेपी प्रवक्ता विनय गोयल का कहना है कि मंत्री को जांच परिणाम आने तक इंतजार करना चाहिए. वहीं, कांग्रेस की मानें तो मंत्री और अधिकारियों की इस लड़ाई में नुकसान जनता का हो रहा है और इससे विकास कार्य बाधित हो रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि सरकार में आपसी समन्वय और विश्वास की पूरी तरह से कमी दिखाई दे रही है.
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गौरतलब है कि राज्य मंत्री रेखा आर्य और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक वी.षणमुगम के बीच यह पूरा विवाद एक निजी आउटसोर्सिंग कंपनी को टेंडर जारी करने से जुड़ा है. जिसे लेकर राज्य मंत्री रेखा आर्य ने आपत्ति जताई थी.
राज्यमंत्री ने कई बार निदेशक को कई बार मिलने के लिए भी बुलाया था. मगर बार-बार कहे जाने के बावजूद भी जब निदेशक मंत्री से मिलने नहीं पहुंचे. जिसके बाद राज्यमंत्री ने निदेशक की गुमशुदगी को लेकर शिकायत पत्र डीआईजी देहरादून को भेजा था.