देहरादून: बीते दिन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने मंत्रीपद से मौखिक इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद सूबे की सियासत गर्मा गई थी. वहीं अब हरक सिंह को मनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं. बताया जा रहा है कि हरक सिंह ने सीएम धामी से फोन पर बात की है.
रायपुर से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत से मुलाकात की और देर रात अपने घर पहुंचे. विधायक उमेश काऊ ने कहा कि हरक सिंह ने तात्कालिक नाराजगी जताई है और इस संदर्भ में सीएम से बात हुई है. सीएम धामी ने मेडिकल कॉलेज के मामले में जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया है. उन्होंने हरक सिंह के कांग्रेस में शामिल होने का खंडन किया.
वहीं, ईटीवी भारत से बातचीत में खुद हरक सिंह रावत ने इस्तीफे की पुष्टि की है. ईटीवी भारत पर अपने इस्तीफे की बात स्वीकार करते हुए हरक सिंह रावत ने कहा कि उनका स्वास्थ्य खराब है और क्षेत्र के हित के लिए उनके लिए यह मंत्रीपद छोटा है. लिहाजा, उन्होंने मंत्रीपद छोड़ दिया है. हरक सिंह ने बताया कि वो पिछले 5 साल से लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन उस पर कोई भी कार्यवाही सरकार की तरफ से नहीं की गई. ऐसे में उन्होंने इस्तीफा देना उचित समझा.
बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत सरकार से कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के मुद्दे को लटकाए जाने से नाराज चल रहे थे. इसी वजह से उन्होंने शुक्रवार देर शाम मंत्रिमंडल की बैठक के बीच में इस्तीफा दे दिया. बताया जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने चल रही कैबिनेट बैठक के बीच में ही टेबल पटककर इस बात पर नाराजगी जताई कि कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का विषय क्यों कैबिनेट में नहीं आया, जिसके बाद वह कैबिनेट से उठकर चले गए. हरक सिंह रावत ने कैबिनेट बैठक में ये भी कहा कि उनको विधायक को भिखारी बना दिया गया है.
उनके जाते ही उनके पीछे सुबोध उनियाल और धन सिंह रावत ने हरक सिंह को रोकने की कोशिश की लेकिन दोनों नाकामयाब रहे. हरक सिंह रावत ने कई पत्रकारों को खुद फोन करके इस बात की जानकारी दी कि उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है. हालांकि बाद में यह साफ हुआ कि यह इस्तीफा अभी मौखिक रूप से हुआ है.
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गौर हो कि बीते दिन उत्तराखंड की सियासत में उठापटक चलती रही. कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने मंत्रीपद से मौखिक इस्तीफे ने सूबे की राजनीति को गर्मा दिया. वहीं, ईटीवी भारत से बातचीत में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी मदन कौशिक ने बताया कि उन्हें हरक सिंह रावत के इस्तीफे की कोई जानकारी नहीं है. उन्हें इतना पता है कि वो कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के मामले को लेकर नाराज चल रहे थे. मदन कौशिक ने बताया कि वो अभी गोपेश्वर में हैं औप सुबह सब काम छोड़कर देहरादून पहुंच रहे हैं. अगर ऐसा हुआ है तो ये सब पार्टी के लिए ठीक नहीं है.
सूत्रों की मानें तो हरक सिंह रावत कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि दिल्ली में हरीश रावत से बातचीत के बाद हरक सिंह रावत ने मंत्रीपद से इस्तीफा दिया है. ऐसे में वह आज हरिद्वार के नारसन में कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं. गौरतलब है कि बीते दिन हरीश रावत और हरक सिंह रावत दोनों दिल्ली में मौजूद थे. वहीं कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के मौखिक इस्तीफे से भाजपा में तूफान खड़ा हो गया है. हालांकि हरक सिंह रावत ने लिखित तौर पर कोई इस्तीफा नहीं दिया है.
बता दें कि हरक सिंह रावत उत्तराखंड के बड़े नेता हैं, जिन्होंने 2016 में कांग्रेस आलाकमान से बगावत कर दी थी और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. गौरतलब हो कि बीते कुछ महीनों से हरक सिंह रावत के बागी तेवर देखने को मिल रहे थे. इसी वजह से उन्हें दिल्ली भी तलब किया गया था. हालांकि, कुछ दिनों पहले मामला शांत हो गया था.