देहरादून: उत्तराखंड में हर घर नल-हर घर जल की योजना भले ही राज्य सरकार चला रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश के कई जिलों में लोग पानी को तरस रहे हैं. जिसको लेकर पेयजल निगम ने खाका तैयार किया है. जिसके तहत हर जिले में पानी की किल्लत वाले गांवों को चिन्हिंत कर वहां पेयजल पहुंचाने की कोशिश की जाएगी.
उत्तराखंड के अधिकतर जिलों में पेयजल की समस्या बनी हुई है, लेकिन कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहां पर ग्रामवासियों के हलक अब सूखते नजर आ रहे हैं. ऐसे गांवों में न केवल पानी के टैंकरों से पेयजल की व्यवस्था की जा रही है, बल्कि खच्चरों के माध्यम से भी दुर्गम क्षेत्रों में पानी पहुंचाने की योजना है. इस दिशा में गर्मी बढ़ने के साथ ही पेयजल को लेकर राज्य सरकार की बैठकों का दौर भी शुरू हो गया हैं. तीरथ सरकार में पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए मौजूदा स्थितियों पर चिंतन किया.
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उत्तराखंड में खास तौर पर तीन जिलों को मुख्य रूप से पेयजल विभाग ने चिन्हिंत किया है. इसमें बागेश्वर, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जिला शामिल है. बागेश्वर जिले में 42 गांव ऐसे हैं, जहां पर पानी की भारी किल्लत है. इसी तरह पिथौरागढ़ में 28 गांव तक पानी नहीं पहुंचता है. इन दोनों ही जिलों में टैंकरों से पानी पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, उत्तरकाशी जिले में 6 गांव दुर्गम क्षेत्र में होने के चलते पानी के लिए तरस रहे हैं. ऐसे गांव में खच्चरों से पानी पहुंचाने की योजना है.