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मुख्यमंत्री को ग्राम विकास और पलायन आयोग ने सौंपी संयुक्त रिपोर्ट, ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था सुधारने के दिए सुझाव

ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सुधारने और योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर ग्राम विकास विभाग और पलायन आयोग की टीम ने एक संयुक्त रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी. इस रिपोर्ट में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास से जुड़े तमाम सुझाव दिए गए.

मुख्यमंत्री को ग्राम विकास और पलायन आयोग ने सौंपी संयुक्त रिपोर्ट.
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Published : Sep 6, 2019, 7:50 AM IST

देहरादून: ग्राम विकास और पलायन आयोग की टीम ने क्षेत्र में योजनाओं का विश्लेषण करने के बाद एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंपी. आयोग द्वारा तैयार की गई 5वीं रिपोर्ट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सिफारिशें की गई हैं, जिससे पलायन को कम किया जा सके.

प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकना और जन सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है. ये प्रदेश के लिये एक बड़ी चुनौती भी है. इसी दिशा में बेहतर काम करने के लिए ग्रामीण विकास और पलायन आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को लेकर और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर अपने सुझाव दिए गए.

मुख्यमंत्री ने इस दौरान पलायन आयोग द्वारा अब तक किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि उनके सुझावों पर राज्य सरकार द्वारा प्रभावी पहल की जाएगी. साथ ही हमारे गांव और खेती आबाद हो, इसके लिये व्यापक जन जागरूकता जरूरी है. मुख्यमंत्री ने न्याय पंचायत स्तर पर कृषि विकास से संबंधित विभागों के अधिकारियों की टीम बनाए जाने की भी जरूरत बताई.

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र के राज्यपाल बने भगत सिंह कोश्यारी, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने दिलाई शपथ

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल और सिंचाई दोनों के लिए पानी की कमी एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है. इस समस्या से निपटने के लिए इस योजना के तहत कार्यों का संयोजन किया जा सकता है. उत्तराखंड में औषधीय और सुगंधी पौधों की अच्छी क्षमता है, लेकिन वर्तमान में वह राज्य में एक लाभकारी गतिविधि के रूप में नहीं उभर पा रही है.

देहरादून: ग्राम विकास और पलायन आयोग की टीम ने क्षेत्र में योजनाओं का विश्लेषण करने के बाद एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंपी. आयोग द्वारा तैयार की गई 5वीं रिपोर्ट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सिफारिशें की गई हैं, जिससे पलायन को कम किया जा सके.

प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकना और जन सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है. ये प्रदेश के लिये एक बड़ी चुनौती भी है. इसी दिशा में बेहतर काम करने के लिए ग्रामीण विकास और पलायन आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को लेकर और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर अपने सुझाव दिए गए.

मुख्यमंत्री ने इस दौरान पलायन आयोग द्वारा अब तक किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि उनके सुझावों पर राज्य सरकार द्वारा प्रभावी पहल की जाएगी. साथ ही हमारे गांव और खेती आबाद हो, इसके लिये व्यापक जन जागरूकता जरूरी है. मुख्यमंत्री ने न्याय पंचायत स्तर पर कृषि विकास से संबंधित विभागों के अधिकारियों की टीम बनाए जाने की भी जरूरत बताई.

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राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल और सिंचाई दोनों के लिए पानी की कमी एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है. इस समस्या से निपटने के लिए इस योजना के तहत कार्यों का संयोजन किया जा सकता है. उत्तराखंड में औषधीय और सुगंधी पौधों की अच्छी क्षमता है, लेकिन वर्तमान में वह राज्य में एक लाभकारी गतिविधि के रूप में नहीं उभर पा रही है.

Intro:summary-ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की टीम द्वारा राज्य में ग्राम्य विकास के क्षेत्र में योजनाओं का विश्लेषण करने के बाद एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंपी गई। आयोग द्वारा तैयार की गयी 5वीं रिपोर्ट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सिफारिशें की गयी हैं ताकि पलायन को कम किया जा सके।

ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सुधारने और योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर आज ग्राम विकास विभाग और पलायन आयोग की टीम ने एक संयुक्त रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के विकास से जुड़े तमाम सुझाव दिए गए...


Body:प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकना तथा जन सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है, यह प्रदेश के लिये एक बड़ी चुनौती भी है। इसी दिशा में बेहतर काम करने के लिए ग्रामीण विकास और पलायन आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी...जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को लेकर और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर अपने सुझाव दिए गए।।। मुख्यमंत्री ने इस दौरान पलायन आयोग द्वारा अब तक किये गये प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनके सुझावों पर राज्य सरकार द्वारा प्रभावी पहल की जायेगी। उन्होंने कहा कि हमारे गांव व खेती आबाद हो, इसके लिये व्यापक जन जागरूकता जरूरी है। मुख्यमंत्री ने न्याय पंचायत स्तर पर कृषि विकास से संबंधित विभागों के अधिकारियों की टीम बनाये जाने की भी जरूरत बतायी।

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल और सिंचाई दोनों के लिए पानी की कमी एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। इस समस्या से निपटने के लिए इस योजना के तहत कार्यों का संयोजन किया जा सकता है। उत्तराखंड में औषधीय और सुगंधी पौधों की अच्छी क्षमता है लेकिन वर्तमान में वह राज्य में एक लाभकारी गतिविधि के रूप में नहीं उभर रहा है। राज्य में इसकी वास्तविक क्षमता का लाभ उठाने के और इसे महत्वपूर्ण आजीविका उत्पादन गतिविधि में से एक में बदलने के प्रयास किए जाने चाहिए।


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