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पलायन और गांवों में स्थिरता को लेकर डीडी कॉलेज में दो दिवसीय सेमिनार शुरू

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Published : Dec 30, 2021, 10:38 PM IST

उत्तराखड में पलायन आज की सबसे बड़ी समस्या बन गया है. इसी विषय पर देहरादून के डीडी कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू हो गया है. सेमिनार में पलायन और गांवों में स्थिरता पर चर्चा की जा रही है.

dd college dehradun seminar
डीडी कॉलेज में दो दिवसीय सेमिनार

देहरादूनः हर साल की तरह डीडी कॉलेज देहरादून में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू हो गया है. इस बार राज्य के ज्वलंत विषय 'प्रवास और ग्रामीण बस्तियों की स्थिरता' पर चर्चा की जा रही है. सेमिनार को वक्ताओं ने वर्तमान परिपेक्ष में अति आवश्यक मानते हुए उन्होंने उत्तराखंड के पलायन व समाधान पर चर्चा की.

प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर दशकों से पलायन जारी है. जिससे स्थानीय जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. सेमिनार का विषय वर्तमान परिपेक्ष में बहुत ही महत्वपूर्ण है. विशिष्ट अतिथि कौशल कुमार शर्मा ने अपने अतिथि वक्तव्य में कहा कि पलायन से स्थानीय जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. जिससे पर्यावरण, जनसंख्या असंतुलन, कृषि उद्यानिकी की अत्याधिक प्रभावित हुए हैं. लगातार गांव से पलायन के कारण स्थितियां बहुत बदल गई हैं.

ये भी पढ़ेंः राइंका चमकोट का भवन निर्माण 10 सालों से अधर में लटका, कड़ाके की ठंड में पढ़ाई कर रहे छात्र

प्रोफेसर बीडब्लू पांडे ने कहा कि उत्तराखंड के गांव में आर्थिकी को पुनर्जीवित करने, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विकास में समुचित संतुलन बनाए रखने और संपोषित विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पलायन की समस्या को ठोस व स्थाई समाधान की आवश्यकता है. अकादमिक चेयरमैन डॉ वीके त्यागी ने अपने वक्तव्य में कहा कि गांव से पलायन की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है.

भारत में विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पलायन की समस्या के ठोस और स्थायी समाधान के लिए प्रयास किए जाने आवश्यक हैं. सेमिनार में विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, दून विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से आए विशेषज्ञों ने संबंधित विषय में अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए. साथ ही सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया गया.

देहरादूनः हर साल की तरह डीडी कॉलेज देहरादून में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू हो गया है. इस बार राज्य के ज्वलंत विषय 'प्रवास और ग्रामीण बस्तियों की स्थिरता' पर चर्चा की जा रही है. सेमिनार को वक्ताओं ने वर्तमान परिपेक्ष में अति आवश्यक मानते हुए उन्होंने उत्तराखंड के पलायन व समाधान पर चर्चा की.

प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर दशकों से पलायन जारी है. जिससे स्थानीय जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. सेमिनार का विषय वर्तमान परिपेक्ष में बहुत ही महत्वपूर्ण है. विशिष्ट अतिथि कौशल कुमार शर्मा ने अपने अतिथि वक्तव्य में कहा कि पलायन से स्थानीय जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. जिससे पर्यावरण, जनसंख्या असंतुलन, कृषि उद्यानिकी की अत्याधिक प्रभावित हुए हैं. लगातार गांव से पलायन के कारण स्थितियां बहुत बदल गई हैं.

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प्रोफेसर बीडब्लू पांडे ने कहा कि उत्तराखंड के गांव में आर्थिकी को पुनर्जीवित करने, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विकास में समुचित संतुलन बनाए रखने और संपोषित विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पलायन की समस्या को ठोस व स्थाई समाधान की आवश्यकता है. अकादमिक चेयरमैन डॉ वीके त्यागी ने अपने वक्तव्य में कहा कि गांव से पलायन की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है.

भारत में विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पलायन की समस्या के ठोस और स्थायी समाधान के लिए प्रयास किए जाने आवश्यक हैं. सेमिनार में विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, दून विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से आए विशेषज्ञों ने संबंधित विषय में अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए. साथ ही सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया गया.

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