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प्रवासी उत्तराखंडियों को लाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी, अभी तक 1.65 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन - uttarakhand lockdown

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच अपने घरों से दूर दूसरे राज्यों में फंसे उत्तराखंड के प्रवासियों को घर लाने की कवायद सरकार युद्धस्तर पर कर रही है. उत्तराखंड आने के लिए अभीतक 1.65 लाख से ज्यादा प्रवासी अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.

dehradun
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार
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Published : May 7, 2020, 5:13 PM IST

Updated : May 7, 2020, 5:36 PM IST

देहरादून: लॉकडाउन के दौरान देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासियों को उत्तराखंड लाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. पिछले 4 दिनों में दस हजार से अधिक प्रवासियों को परिवहन निगम की बसों द्वारा घर वापस लाया गया है. वहीं, आज 71 बसों में 1100 से अधिक प्रवासियों को हरियाणा के गुड़गांव से लाया जा रहा है. हालांकि, इस बीच कई लोग सोशल मीडिया पर गलत संदेश पोस्ट कर सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं.

प्रवासियों को उत्तराखंड लाने की कवायद तेज.

प्रवासियों को वापस लाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी

ऐसे में उत्तराखंड पुलिस ने सभी को धैर्य रखने की अपील की. वहीं प्रशासन द्वारा अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, मोहाली जैसे अन्य राज्यों और शहरों से लगातार प्रवासियों को लाने का काम किया जा रहा है. इतना ही नहीं, भारी संख्या में पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए प्रवासियों को लाने का कार्य भी जारी है.

उधर महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश व दक्षिण भारत सहित अन्य दूरस्थ प्रदेशों से भी प्रवासियों को ट्रेन से लाए जाने का प्रबंध किया जा रहा है. हालांकि, सबसे अधिक संख्या में दिल्ली में रहने वाले प्रवासियों को वापस लाने के लिए उत्तराखंड सरकार का दिल्ली सरकार से सामंजस्य नहीं बन पाया है. इसका सबसे बड़ा कारण दिल्ली में सबसे अधिक रेड जोन का होना बताया जा रहा है.

ये भी पढ़े: अब घर तक शराब पहुंचाएगी जोमैटो!

बता दें कि उत्तराखंड प्रवासियों को घर वापसी के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है. जिसके बाद ही लॉकडाउन नियमों के मुताबिक उनकी घर वापसी सुनिश्चित की जाएगी. गुरुवार सुबह 5:00 बजे तक 1.65 लाख प्रवासियों ने उत्तराखंड घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन किया है, जबकि 10 हजार से अधिक अन्य लोगों ने उत्तराखंड राज्य से अन्य प्रदेशों में जाने के लिए भी आवेदन किया है.

प्रवासियों की घर वापसी देरी को लेकर डीजी की अपील

वहीं, प्रवासियों को वापस लाने में अधिक समय लगने पर सवाल भी उठ रहे हैं, ऐसे में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सभी प्रवासियों से धैर्य रखने की अपील की है. डीजी का कहना है कि जितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन के माध्यम से घर वापसी के लिए आवेदन किया है. उन लोगों को हर हाल में जल्द से जल्द अपने घर वापस लाया जाएगा. पुलिस और आपदा प्रबंधन के अधिकारी संयुक्त रूप से लगातार संबंधित राज्यों से सामंजस्य बनाने में जुटे हैं.

डीजी अशोक कुमार ने कहा कि राज्यों से सामंजस्य बनाने में किन्ही कारणों से वक्त जरूर लग रहा है, लेकिन इस बीच कुछ लोग सोशल मीडिया पर इंसानियत के सबसे निचले स्तर पर आ कर गलत संदेश जारी कर सवाल उठा रहे हैं, यह हरकत बिल्कुल भी ठीक नहीं है. इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि गलत पोस्ट जारी करने वालों के खिलाफ कानून सख्त कार्रवाई करेगा.

देहरादून: लॉकडाउन के दौरान देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासियों को उत्तराखंड लाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. पिछले 4 दिनों में दस हजार से अधिक प्रवासियों को परिवहन निगम की बसों द्वारा घर वापस लाया गया है. वहीं, आज 71 बसों में 1100 से अधिक प्रवासियों को हरियाणा के गुड़गांव से लाया जा रहा है. हालांकि, इस बीच कई लोग सोशल मीडिया पर गलत संदेश पोस्ट कर सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं.

प्रवासियों को उत्तराखंड लाने की कवायद तेज.

प्रवासियों को वापस लाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी

ऐसे में उत्तराखंड पुलिस ने सभी को धैर्य रखने की अपील की. वहीं प्रशासन द्वारा अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, मोहाली जैसे अन्य राज्यों और शहरों से लगातार प्रवासियों को लाने का काम किया जा रहा है. इतना ही नहीं, भारी संख्या में पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए प्रवासियों को लाने का कार्य भी जारी है.

उधर महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश व दक्षिण भारत सहित अन्य दूरस्थ प्रदेशों से भी प्रवासियों को ट्रेन से लाए जाने का प्रबंध किया जा रहा है. हालांकि, सबसे अधिक संख्या में दिल्ली में रहने वाले प्रवासियों को वापस लाने के लिए उत्तराखंड सरकार का दिल्ली सरकार से सामंजस्य नहीं बन पाया है. इसका सबसे बड़ा कारण दिल्ली में सबसे अधिक रेड जोन का होना बताया जा रहा है.

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बता दें कि उत्तराखंड प्रवासियों को घर वापसी के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है. जिसके बाद ही लॉकडाउन नियमों के मुताबिक उनकी घर वापसी सुनिश्चित की जाएगी. गुरुवार सुबह 5:00 बजे तक 1.65 लाख प्रवासियों ने उत्तराखंड घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन किया है, जबकि 10 हजार से अधिक अन्य लोगों ने उत्तराखंड राज्य से अन्य प्रदेशों में जाने के लिए भी आवेदन किया है.

प्रवासियों की घर वापसी देरी को लेकर डीजी की अपील

वहीं, प्रवासियों को वापस लाने में अधिक समय लगने पर सवाल भी उठ रहे हैं, ऐसे में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सभी प्रवासियों से धैर्य रखने की अपील की है. डीजी का कहना है कि जितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन के माध्यम से घर वापसी के लिए आवेदन किया है. उन लोगों को हर हाल में जल्द से जल्द अपने घर वापस लाया जाएगा. पुलिस और आपदा प्रबंधन के अधिकारी संयुक्त रूप से लगातार संबंधित राज्यों से सामंजस्य बनाने में जुटे हैं.

डीजी अशोक कुमार ने कहा कि राज्यों से सामंजस्य बनाने में किन्ही कारणों से वक्त जरूर लग रहा है, लेकिन इस बीच कुछ लोग सोशल मीडिया पर इंसानियत के सबसे निचले स्तर पर आ कर गलत संदेश जारी कर सवाल उठा रहे हैं, यह हरकत बिल्कुल भी ठीक नहीं है. इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि गलत पोस्ट जारी करने वालों के खिलाफ कानून सख्त कार्रवाई करेगा.

Last Updated : May 7, 2020, 5:36 PM IST
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