देहरादून: केंद्र और राज्य सरकार सैकड़ों जन कल्याणकारी योजनाएं लाती है, लेकिन इनमें से कई योजनाएं धरातल पर कभी नहीं उतर पाती है. ऐसा ही कुछ मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की भूजल स्तर को बेहतर करने के लिए शुरू की गई रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना का हाल है. जिस पर केवल अधिकारियों की बयानबाजी हुई, लेकिन काम सिर्फ फाइलों में सिमट कर रह गया है.
देहरादून और मसूरी क्षेत्र में लगातार कम हो रहे भूजल स्तर को बेहद गंभीर माना जाता रहा है. शायद यही कारण है कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की तरफ से भूजल स्तर की इस समस्या को लेकर बकायदा एक आदेश जारी किया गया. इसके तहत 150 गज से अधिक क्षेत्र में मकान या व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लिए नक्शा पास कराने वालों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना के तहत टैंक तैयार करने होंगे. इसके लिए बकायदा आदेश भी जारी किए गया था. साथ ही लोगों की तरफ से शपथ पत्र लिए जाने की भी व्यवस्था की गई, लेकिन एमडीडीए की तरफ से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को केवल फाइलों तक ही सीमित कर दिया गया.
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बता दें कि 150 गज से अधिक एरिया कवर करने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और मकान स्वामियों को 2 घन मीटर का रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाना अनिवार्य रखा गया था, लेकिन आश्चर्य की बात है कि आम लोगों को इस सिस्टम और व्यवस्था के बारे में पता ही नहीं है. जिससे साफ जाहिर होता है कि एमडीडीए ने केवल फाइलों में ही इस व्यवस्था को शुरू करने की कोशिश की. जबकि हकीकत में एसडीडीए की तरफ से कोई प्रयास नहीं किया गया.
अब हाल ही में एमडीडीए उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले बंशीधर तिवारी इस योजना पर काम करने की बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा भूजल स्तर कम होने की समस्या का समाधान करने के लिए एमडीडीए की यह व्यवस्था बेहद जरूरी है. अब इसके लिए सख्ती से काम किया जाएगा.