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सफाई कर्मियों के वेतन में पार्षदों ने की गड़बड़ी, मेयर ने रिकवरी के दिए आदेश

जनपद में नगर निगम की ओर से शहर में रखी गई मोहल्ला स्वच्छता समिति के बजट में हेरा-फेरी करने वाले पार्षदों के खिलाफ मेयर ने रिकवरी करने की तैयारी शुरू की है. साथ ही 10 जनवरी को बोर्ड बैठक में सफाई कर्मियों की सूची पहचान-पत्र सहित जमा कराने के निर्देश दिए हैं.

recovery in salary corruption of sanitation workers
सफाई कर्मियों के वेतन में हुई गड़बड़ी में मेयर ने रिकवरी के दिए निर्देश.
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Published : Jan 7, 2020, 8:06 PM IST

देहरादून: नगर निगम की ओर से शहर में रखी गई मोहल्ला स्वच्छता समिति के बजट में हेरा-फेरी करने वाले पार्षदों के खिलाफ मेयर सुनील उनियाल गामा द्वारा रिकवरी करने की तैयारी चल रही है. पिछले छह महीने से मोहल्ला स्वच्छता समिति के बनने के बाद अब तक पार्षदों ने नगर निगम में कोई रिकॉर्ड जमा नहीं कराया है. वहीं, मेयर ने आगामी 10 जनवरी को होने वाली बोर्ड बैठक में वार्ड में रखे गए सफाई कर्मियों की सूची पहचान-पत्र सहित जमा कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कर्मचारियों के मासिक वेतन का रिकॉर्ड भी मांगा गया है.

मेयर ने रिकवरी के दिए निर्देश.

बता दें कि जुलाई महीने में मोहल्ला स्वच्छता समिति के अंतर्गत 635 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी. पार्षदों ने समिति के नाम से खाते भी खुलवाए जिसमें नगर निगम हर महीने समिति के खाते में कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से प्रति कर्मचारी 8 हजार रुपए वेतन भेज रहा है. वहीं, नगर निगम प्रशासन हर महीने कुल 50 लाख 80 हजार रुपए वेतन जारी कर रहा था.

यह भी पढ़ें: शहरी विकास मंत्री ने ग्राम विकास अधिकारी को किया सम्मानित, 16 परिवारों को दिलाया आशियाना

वहीं, 635 कर्मचारियों का वेतन देने और निगरानी का जिम्मा वार्ड के पार्षद को सौंपा गया था, लेकिन नगर निगम के इस योजना का लाभ उठाकर कई पार्षदों ने सफाई कर्मियों के वेतन में बड़ा घोटाला किया है. वहीं, अब बीते 6 महीने में पार्षदों द्वारा स्वच्छता समिति के किस कर्मचारी को वेतन जारी किया गया. इसका पूरा रिकॉर्ड उन्हें नगर निगम प्रशासन को देना होगा. साथ ही वेतन बैंक खाते में या फिर नगद देने का भी ब्योरा देना होगा.

बता दें कि गड़बड़ी करने वाले पार्षदों ने सफाई कर्मचारियों के बैंक खाते खुलवाए ही नहीं हैं. वहीं, मेयर सुनील उनियाल गामा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस वार्ड में गड़बड़ी मिलती है, वहां की स्वच्छता समिति भंग कर दी जाए. साथ ही गड़बड़ी करने वाले पार्षदों से रिकवरी के निर्देश भी दिए गए हैं.

देहरादून: नगर निगम की ओर से शहर में रखी गई मोहल्ला स्वच्छता समिति के बजट में हेरा-फेरी करने वाले पार्षदों के खिलाफ मेयर सुनील उनियाल गामा द्वारा रिकवरी करने की तैयारी चल रही है. पिछले छह महीने से मोहल्ला स्वच्छता समिति के बनने के बाद अब तक पार्षदों ने नगर निगम में कोई रिकॉर्ड जमा नहीं कराया है. वहीं, मेयर ने आगामी 10 जनवरी को होने वाली बोर्ड बैठक में वार्ड में रखे गए सफाई कर्मियों की सूची पहचान-पत्र सहित जमा कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कर्मचारियों के मासिक वेतन का रिकॉर्ड भी मांगा गया है.

मेयर ने रिकवरी के दिए निर्देश.

बता दें कि जुलाई महीने में मोहल्ला स्वच्छता समिति के अंतर्गत 635 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी. पार्षदों ने समिति के नाम से खाते भी खुलवाए जिसमें नगर निगम हर महीने समिति के खाते में कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से प्रति कर्मचारी 8 हजार रुपए वेतन भेज रहा है. वहीं, नगर निगम प्रशासन हर महीने कुल 50 लाख 80 हजार रुपए वेतन जारी कर रहा था.

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वहीं, 635 कर्मचारियों का वेतन देने और निगरानी का जिम्मा वार्ड के पार्षद को सौंपा गया था, लेकिन नगर निगम के इस योजना का लाभ उठाकर कई पार्षदों ने सफाई कर्मियों के वेतन में बड़ा घोटाला किया है. वहीं, अब बीते 6 महीने में पार्षदों द्वारा स्वच्छता समिति के किस कर्मचारी को वेतन जारी किया गया. इसका पूरा रिकॉर्ड उन्हें नगर निगम प्रशासन को देना होगा. साथ ही वेतन बैंक खाते में या फिर नगद देने का भी ब्योरा देना होगा.

बता दें कि गड़बड़ी करने वाले पार्षदों ने सफाई कर्मचारियों के बैंक खाते खुलवाए ही नहीं हैं. वहीं, मेयर सुनील उनियाल गामा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस वार्ड में गड़बड़ी मिलती है, वहां की स्वच्छता समिति भंग कर दी जाए. साथ ही गड़बड़ी करने वाले पार्षदों से रिकवरी के निर्देश भी दिए गए हैं.

Intro:नगर निगम द्वारा शहर में रखी गई मोहल्ला स्वच्छता समिति के बजट में हेराफेरी करने वाले पार्षदो के खिलाफ मेयर द्वारा रिकवरी करने की तैयारी चल रही है।पिछले छह महीने से मोहल्ला स्वच्छता समिति के बनने के बाद अब तक पार्षदो ने नगर निगम में कोई रिकॉड जमा नही कराया है।वही मेयर ने आगामी 10 जनवरी को होने वाली बोर्ड बैठक में वार्ड में रखे गए सफाई कर्मियों की सूची पहचान पत्र सहित जमा कराने के निर्देश दिए है साथ ही कर्मचारियों के मासिक वेतन का रिकॉड भी मांगा गया।


Body:बता दे कि जुलाई महीने में मोहल्ला स्वच्छता समिति के अंतर्गत 635 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी।पार्षदो ने समिति के नाम से खाते भी खुलवाए जिसमे नगर निगम हर महीने समिति के खाते में कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से प्रति कर्मचारी 8 हज़ार रुपए वेतन भेज रहा है।नगर निगम प्रशासन हर महीने कुल 50 लाख अस्सी हजार रुपए वेतन जारी कर रहा था।635 कर्मचारियों का वेतन देने का काम ओर निगरानी का ज़िम्मा वार्ड के पार्षद को सौंपा गया था।लेकिन नगर निगम के इस योजना का लाभ उठाकर कई पार्षदो ने कागज़ों में नियुक्ति में दर्शाई हुई और हर महीने इनके नाम पर जारी हो रहे वेतन में बड़ा घोटाला किया है।वही अब बीते 6 महीने में पार्षदों द्वारा स्वच्छता समिति के किस कर्मचारी को वेतन जारी किया इसका पूरा रिकॉर्ड उन्हें नगर निगम प्रशासन को देना होगा वेतन बैंक खाते में दिया गया या फिर नगद यह भी बताना होगा।लेकिन गड़बड़ी करने वाले पार्षदो ने बैंक खाते खुलवाए ही नही है।


Conclusion:मेयर सुनील उनियाल गामा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस वार्ड में गड़बड़ी मिलती है वहा की स्वच्छता समिति भंग कर दी जाए साथ ही सख्त तेवर अपनाकर गड़बड़ी करने वाले पार्षदो से रिकवरी के निर्देश भी दिए गए है
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