देहरादून: नगर निगम की ओर से शहर में रखी गई मोहल्ला स्वच्छता समिति के बजट में हेरा-फेरी करने वाले पार्षदों के खिलाफ मेयर सुनील उनियाल गामा द्वारा रिकवरी करने की तैयारी चल रही है. पिछले छह महीने से मोहल्ला स्वच्छता समिति के बनने के बाद अब तक पार्षदों ने नगर निगम में कोई रिकॉर्ड जमा नहीं कराया है. वहीं, मेयर ने आगामी 10 जनवरी को होने वाली बोर्ड बैठक में वार्ड में रखे गए सफाई कर्मियों की सूची पहचान-पत्र सहित जमा कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कर्मचारियों के मासिक वेतन का रिकॉर्ड भी मांगा गया है.
बता दें कि जुलाई महीने में मोहल्ला स्वच्छता समिति के अंतर्गत 635 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी. पार्षदों ने समिति के नाम से खाते भी खुलवाए जिसमें नगर निगम हर महीने समिति के खाते में कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से प्रति कर्मचारी 8 हजार रुपए वेतन भेज रहा है. वहीं, नगर निगम प्रशासन हर महीने कुल 50 लाख 80 हजार रुपए वेतन जारी कर रहा था.
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वहीं, 635 कर्मचारियों का वेतन देने और निगरानी का जिम्मा वार्ड के पार्षद को सौंपा गया था, लेकिन नगर निगम के इस योजना का लाभ उठाकर कई पार्षदों ने सफाई कर्मियों के वेतन में बड़ा घोटाला किया है. वहीं, अब बीते 6 महीने में पार्षदों द्वारा स्वच्छता समिति के किस कर्मचारी को वेतन जारी किया गया. इसका पूरा रिकॉर्ड उन्हें नगर निगम प्रशासन को देना होगा. साथ ही वेतन बैंक खाते में या फिर नगद देने का भी ब्योरा देना होगा.
बता दें कि गड़बड़ी करने वाले पार्षदों ने सफाई कर्मचारियों के बैंक खाते खुलवाए ही नहीं हैं. वहीं, मेयर सुनील उनियाल गामा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस वार्ड में गड़बड़ी मिलती है, वहां की स्वच्छता समिति भंग कर दी जाए. साथ ही गड़बड़ी करने वाले पार्षदों से रिकवरी के निर्देश भी दिए गए हैं.