देहरादून: यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में हाकम सिंह रावत के बिजनौर निवासी साथी केंद्रपाल ने उत्तराखंड एसटीएफ के डर से सरेंडर कर दिया है. बिजनौर जिले के धामपुर निवासी केंद्रपाल भी इन मास्टरमाइंड में से एक बताया जा रहा है. उसने किसी पुराने मुकदमे में जमानत तुड़वाई और सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया. बिजनौर सीजेएम कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
बता दें कि एसटीएफ की जांच में बार-बार धामपुर का कनेक्शन हाकम के साथ जुड़ रहा है. इस क्षेत्र के कुछ नकल माफिया भी एसटीएफ के रडार पर हैं. धामपुर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा पर पड़ता है. लिहाजा, यहां के नकल माफिया दोनों प्रदेशों की परीक्षाओं में नकल कराने माहिर हैं.
आयोग की इस परीक्षा में हाकम सिंह ने भी अपने इन्हीं साथियों के साथ मिलकर धामपुर में नकल का सेंटर बनाया था. इस सेंटर पर दर्जनों अभ्यर्थियों को ले जाकर नकल कराई गई. इस कनेक्शन में अब तक हाकम सिंह समेत पांच गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि केन्द्रपाल ने एसटीएफ से बचने के लिए कोर्ट में सरेंडर किया है.
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए अभी तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं, 60 नकलची अभ्यर्थियों की पहचान हो चुकी है. STF के अनुसार अभी तक इस परीक्षा में शामिल लगभग 80 अभ्यर्थियों ने आकर अपने बयान दर्ज करा दिए हैं. लेकिन बयान दर्ज कराने वालों में अधिकांश वह अभ्यर्थी हैं, जिनका परीक्षा में नकल और अनुचित साधनों का उपयोग करने में संलिप्तता नहीं है. वहीं, दूसरी तरफ STF की इन्वेस्टिगेशन में पहचाने गए अधिकतर नकलची फरार चल रहे हैं.
स्पेशल टास्क फोर्स (Uttarakhand Special Task Force) के एसएसपी अजय सिंह के अनुसार पेपर लीके मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ (Interrogation of accused in Uksssc paper leak case) हुई, जिसमें 50 से 60 नकलची अभ्यर्थियों की जानकारी सामने आई है. करीब 50 ऐसे अभ्यर्थियों का सत्यापन किया जा चुका हैं, जिन्होंने नकल गिरोह का सहारा लेकर परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद मेरिट के आधार पर चयन प्रक्रिया में जगह बनाई है.
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ऐसे में अब तक लगभग 80 अभ्यर्थियों ने STF मुख्यालय आकर बयान दर्ज कराया है, लेकिन इनमें अधिकांश वह अभ्यर्थी, जिन्होंने किसी अनुचित साधन का लाभ नहीं लिया. अब नकल और पेपर लीक का सहारा लेने वाले अभ्यर्थियों को एक बार फिर चेतावनी दी गई है, इसके बावजूद अगर वह सामने आकर बयान नहीं दर्ज कराते तो जल्द ही उनकी गिरफ्तारी की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह (Uttarakhand STF SSP Ajay Singh) ने चेतावनी दी है कि जो भी अभ्यर्थी पैसे देकर नकल गिरोह की मदद से परीक्षा में उत्तीर्ण होकर चयनित हुए हैं, लोग जांच में सहयोग करें. ऐसे अभ्यर्थी जल्द से जल्द साक्ष्यों के साथ अपना पक्ष रखने के लिए सामने आये और अपना बयान दर्ज कराए. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं और फरार होते है तो अपने खिलाफ कानूनी मुश्किलें बढ़ जाएगी. गलत कार्यों में संलिप्त अभ्यर्थियों के खिलाफ सबूतों के आधार पर जल्द गिरफ्तारी की जाएगी.