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अमर हुए मेजर विभूति, सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, नम आंखों से दी लाल को विदाई

शहीद को अंतिम विदाई देने सैकड़ौं की तादाद में लोग घाट पर पहुंचे थे. हर किसी की आंखें नम थी और जुबां पर बस एक ही नारा था कि 'जब तक सूरज चांद रहेगा, विभूति तेरा नाम रहेगा.'

शहीद का अंतिम संस्कार
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Published : Feb 19, 2019, 2:31 PM IST

हरिद्वार: पुलवामा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिक शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया. हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर शहीद के चाचा जगदीश प्रसाद ढौंडियाल ने चिता को मुखाग्नि दी. इस मौके पर शहीद को अंतिम विदाई देने सैकड़ौं की तादाद में लोग घाट पर पहुंचे थे. हर किसी की आंखें नम थी और जुबां पर बस एक ही नारा था कि 'जब तक सूरज चांद रहेगा, विभूति तेरा नाम रहेगा.'

लोगों नम आंखों ने दी शहीद को अंतिम विदाई.
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पढ़ें- पुलवामा हादसे के बाद IMA की सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल, आतंकी छात्रों को लेकर सुरक्षा तंत्र भी सकते में?

बता दें कि कल देर शाम शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिक शरीर उनके देहरादून स्थित आवास पर लाया गया था. आज सुबह से ही शहीद को श्रद्धांजलि देने वालों का उनके आवास पर तांता लगा रहा. आज सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल समेत कई मंत्री, विधायक, सेना, शासन-प्रशासन के आला अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी.

शहीद की अंतिम यात्रा में सुबह से ही जनसैलाब सड़क पर उमड़ पड़ा था. हर कोई नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दे रहा था. हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम संस्कार किया गया. शहीद की चिता को उनके चाचा जगदीश प्रसाद ढौंडियाल ने मुखाग्नि दी.

हरिद्वार: पुलवामा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिक शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया. हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर शहीद के चाचा जगदीश प्रसाद ढौंडियाल ने चिता को मुखाग्नि दी. इस मौके पर शहीद को अंतिम विदाई देने सैकड़ौं की तादाद में लोग घाट पर पहुंचे थे. हर किसी की आंखें नम थी और जुबां पर बस एक ही नारा था कि 'जब तक सूरज चांद रहेगा, विभूति तेरा नाम रहेगा.'

लोगों नम आंखों ने दी शहीद को अंतिम विदाई.
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बता दें कि कल देर शाम शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिक शरीर उनके देहरादून स्थित आवास पर लाया गया था. आज सुबह से ही शहीद को श्रद्धांजलि देने वालों का उनके आवास पर तांता लगा रहा. आज सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल समेत कई मंत्री, विधायक, सेना, शासन-प्रशासन के आला अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी.

शहीद की अंतिम यात्रा में सुबह से ही जनसैलाब सड़क पर उमड़ पड़ा था. हर कोई नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दे रहा था. हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम संस्कार किया गया. शहीद की चिता को उनके चाचा जगदीश प्रसाद ढौंडियाल ने मुखाग्नि दी.

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हरिद्वार: पुलवामा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिक शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया. हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर शहीद के चाचा जगदीश प्रसाद ढौंडियाल ने चिता को मुखाग्नि दी. इस मौके पर शहीद को अंतिम विदाई देने सैकड़ौं की तादाद में लोग घाट पर पहुंचे थे. हर किसी की आंखें नम थी और जुबां पर बस एक ही नारा था कि 'जब तक सूरज चांद रहेगा, विभूति तेरा नाम रहेगा.'

बता दें कि कल देर शाम शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिक शरीर उनके देहरादून स्थित आवास पर लाया गया था. आज सुबह से ही शहीद को श्रद्धांजलि देने वालों का उनके आवास पर तांता लगा रहा. आज सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल समेत कई मंत्री, विधायक, सेना, शासन-प्रशासन के आला अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी. 

शहीद की अंतिम यात्रा में सुबह से ही जनसैलाब सड़क पर उमड़ पड़ा था. हर कोई नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दे रहा था. हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम संस्कार किया गया. शहीद की चिता को उनके चाचा जगदीश प्रसाद ढौंडियाल ने मुखाग्नि दी. 


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