ETV Bharat / state

मॉनसून की पहली बारिश ने बरपाया कहर, 150 से ज्यादा सड़कें बंद, 6 की मौत, 400 यात्री रोके गए - चारधाम यात्रा पर बारिश ने लगाया ब्रेक

उत्तराखंड में मॉनसून को आए आज तीसरा दिन है, लेकिन मॉनसून अभी से कहर बरपाना शुरू कर दिया है. सूबे में नदी नाले उफान पर बह रहे हैं. चारधाम समेत करीब 150 से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. जिसकी वजह से यात्रा पर बेक्र लगा हुआ है.

heavy rain in Uttarakhand
उत्तराखंड में मॉनसून की पहली बारिश
author img

By

Published : Jul 1, 2022, 1:52 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में मॉनसून की बौछार जारी है. मॉनसून की पहली बारिश में ही जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. खासकर पहाड़ी इलाकों में जबरदस्त बारिश हुई है. जिससे कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है. प्रदेश में सैकड़ों सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. जिससे न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि, यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि बीती 29 जून को उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक दी. जिसके बाद लगातार भारी बारिश जारी है. बीते 2 दिनों से हो रही बारिश की वजह से बदरीनाथ और केदारनाथ मार्ग कई जगहों पर बंद है. साथ ही 86 मार्ग लोक निर्माण विभाग के बंद पड़े हुए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग की मानें तो गढ़वाल और कुमाऊं में लगभग 150 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. जिसमें नेशनल हाईवे के साथ-साथ ग्रामीण सड़कें भी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी आपदा प्रबंधन की बैठक लेने के बाद यह दिशा निर्देश दिए थे कि सड़क ज्यादा देर तक बंद नहीं रहनी चाहिए. जहां पर भी मलबा आता है, तत्काल प्रभाव से इन सड़कों को खोला जाए, लेकिन लगातार बारिश की वजह से दिक्कतें आ रही हैं. लोनिवि और एनएच विभाग जब तक एक सड़क को खोलता है, तब तक दूसरी सड़क बंद हो जाती है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में मॉनसून ने मचाया कहर, पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आकर 3 की मौत

राज्य सरकार और विभागीय अधिकारी भले ही लाख दावे करें कि उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले भूस्खलन वाले जोन को दुरुस्त कर लिया है, लेकिन 2 दिनों की बारिश ने ऐसे कई इलाकों में लोगों को रोकने पर मजबूर किया है, जहां दावे किए जा रहे थे कि अब इस क्षेत्र में भूस्खलन नहीं होगा. इनमें बदरीनाथ और केदारनाथ मार्ग पर पड़ने वाले कई क्षेत्र शामिल हैं.

जिलेवार जानिए कितने सड़कें बंदः जानकारी के मुताबिक, फिलहाल टिहरी जिले में लगभग 10 सड़कें, चमोली जिले में लगभग 16 सड़कें, रुद्रप्रयाग में 11 सड़कें, पौड़ी में 10 सड़कें, देहरादून जिले में 12 सड़कें, पिथौरागढ़ जिले में 11 सड़कें, चंपावत में 7, अल्मोड़ा में 2, बागेश्वर में 8 और नैनीताल में 5 सड़कें बंद बताई जा रही है. इसके अलावा बदरीनाथ और केदारनाथ मार्ग पर जगह-जगह पर भूस्खलन होने की वजह से भी यात्रा में रुकावट आ रही है.

400 से ज्यादा यात्री रोके गएः भूस्खलन और सड़कें बंद होने की वजह से जिला प्रशासन ने अलग-अलग जगहों पर लगभग 400 यात्रियों को रोका हुआ है. यह यात्री धीरे-धीरे कर बदरीनाथ व केदारनाथ के लिए प्रस्थान करेंगे. राज्य सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से यह निर्देश दिए गए हैं कि गाड़ियों का काफिला बनाकर एक साथ ना निकलें. जिस जगह पर लगातार पत्थर या मलबा गिर रहा है, वहां से एक-एक करके गाड़ी को निकाला जाए. इसके साथ ही अगर तेज बारिश होती है तो किसी सुरक्षित स्थान पर यात्रियों को रोका जाएगा.

बारिश कई लोगों की ले चुकी जानः उत्तराखंड में बारिश का कहर भी देखने को मिल रहा है. पहली बारिश ने कई लोगों की जान लील ली. रुड़की में बारिश और तेज हवाओं की वजह से एक महिला छत से नीचे गिर गई. जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई. इसके साथ ही रुद्रपुर के पंतनगर में एक युवक के ऊपर बिजली गिरने से जान चली गई. वहीं, 30 जून को ही बदरीनाथ, गंगोत्री, केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ से पत्थर गिरने की वजह से 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. जबकि, कपकोट में युवक की मौत बिजली गिरने से हुई है.

ये भी पढ़ेंः मसूरी में नालों की सफाई करना भूले जिम्मेदार विभाग! सड़कों पर मलबे से लोग परेशान

उत्तराखंड में बारिश का अलर्टः मौसम विभाग की मानें अभी बारिश और हो सकती है. पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. गुरुवार को भी देहरादून में भारी बारिश के कारण पानी के साथ बहकर आया मलबा गबर बस्ती में घरों में घुस गया. इसके अलावा राजपुर रोड को सहस्रधारा रोड से जोड़ने वाले कई क्षेत्रों में जलभराव हुआ. रिस्पना नदी भी रातभर उफान पर रही. कई जगह नदी के किनारे भू-कटाव होने की भी सूचना है. वहीं, नदी-नाले उफान पर आ गए हैं. कहीं भूस्खलन मुसीबत बन गया है. देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में बारिश के चलते तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है.

देहरादूनः उत्तराखंड में मॉनसून की बौछार जारी है. मॉनसून की पहली बारिश में ही जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. खासकर पहाड़ी इलाकों में जबरदस्त बारिश हुई है. जिससे कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है. प्रदेश में सैकड़ों सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. जिससे न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि, यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि बीती 29 जून को उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक दी. जिसके बाद लगातार भारी बारिश जारी है. बीते 2 दिनों से हो रही बारिश की वजह से बदरीनाथ और केदारनाथ मार्ग कई जगहों पर बंद है. साथ ही 86 मार्ग लोक निर्माण विभाग के बंद पड़े हुए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग की मानें तो गढ़वाल और कुमाऊं में लगभग 150 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. जिसमें नेशनल हाईवे के साथ-साथ ग्रामीण सड़कें भी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी आपदा प्रबंधन की बैठक लेने के बाद यह दिशा निर्देश दिए थे कि सड़क ज्यादा देर तक बंद नहीं रहनी चाहिए. जहां पर भी मलबा आता है, तत्काल प्रभाव से इन सड़कों को खोला जाए, लेकिन लगातार बारिश की वजह से दिक्कतें आ रही हैं. लोनिवि और एनएच विभाग जब तक एक सड़क को खोलता है, तब तक दूसरी सड़क बंद हो जाती है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में मॉनसून ने मचाया कहर, पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आकर 3 की मौत

राज्य सरकार और विभागीय अधिकारी भले ही लाख दावे करें कि उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले भूस्खलन वाले जोन को दुरुस्त कर लिया है, लेकिन 2 दिनों की बारिश ने ऐसे कई इलाकों में लोगों को रोकने पर मजबूर किया है, जहां दावे किए जा रहे थे कि अब इस क्षेत्र में भूस्खलन नहीं होगा. इनमें बदरीनाथ और केदारनाथ मार्ग पर पड़ने वाले कई क्षेत्र शामिल हैं.

जिलेवार जानिए कितने सड़कें बंदः जानकारी के मुताबिक, फिलहाल टिहरी जिले में लगभग 10 सड़कें, चमोली जिले में लगभग 16 सड़कें, रुद्रप्रयाग में 11 सड़कें, पौड़ी में 10 सड़कें, देहरादून जिले में 12 सड़कें, पिथौरागढ़ जिले में 11 सड़कें, चंपावत में 7, अल्मोड़ा में 2, बागेश्वर में 8 और नैनीताल में 5 सड़कें बंद बताई जा रही है. इसके अलावा बदरीनाथ और केदारनाथ मार्ग पर जगह-जगह पर भूस्खलन होने की वजह से भी यात्रा में रुकावट आ रही है.

400 से ज्यादा यात्री रोके गएः भूस्खलन और सड़कें बंद होने की वजह से जिला प्रशासन ने अलग-अलग जगहों पर लगभग 400 यात्रियों को रोका हुआ है. यह यात्री धीरे-धीरे कर बदरीनाथ व केदारनाथ के लिए प्रस्थान करेंगे. राज्य सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से यह निर्देश दिए गए हैं कि गाड़ियों का काफिला बनाकर एक साथ ना निकलें. जिस जगह पर लगातार पत्थर या मलबा गिर रहा है, वहां से एक-एक करके गाड़ी को निकाला जाए. इसके साथ ही अगर तेज बारिश होती है तो किसी सुरक्षित स्थान पर यात्रियों को रोका जाएगा.

बारिश कई लोगों की ले चुकी जानः उत्तराखंड में बारिश का कहर भी देखने को मिल रहा है. पहली बारिश ने कई लोगों की जान लील ली. रुड़की में बारिश और तेज हवाओं की वजह से एक महिला छत से नीचे गिर गई. जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई. इसके साथ ही रुद्रपुर के पंतनगर में एक युवक के ऊपर बिजली गिरने से जान चली गई. वहीं, 30 जून को ही बदरीनाथ, गंगोत्री, केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ से पत्थर गिरने की वजह से 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. जबकि, कपकोट में युवक की मौत बिजली गिरने से हुई है.

ये भी पढ़ेंः मसूरी में नालों की सफाई करना भूले जिम्मेदार विभाग! सड़कों पर मलबे से लोग परेशान

उत्तराखंड में बारिश का अलर्टः मौसम विभाग की मानें अभी बारिश और हो सकती है. पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. गुरुवार को भी देहरादून में भारी बारिश के कारण पानी के साथ बहकर आया मलबा गबर बस्ती में घरों में घुस गया. इसके अलावा राजपुर रोड को सहस्रधारा रोड से जोड़ने वाले कई क्षेत्रों में जलभराव हुआ. रिस्पना नदी भी रातभर उफान पर रही. कई जगह नदी के किनारे भू-कटाव होने की भी सूचना है. वहीं, नदी-नाले उफान पर आ गए हैं. कहीं भूस्खलन मुसीबत बन गया है. देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में बारिश के चलते तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.