देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार ने अपने एक साल के मौजूदा कार्यकाल में आईएएस अफसरों को लेकर काफी लंबे समय के बाद बड़ी सूची जारी की है. इस सूची के जरिए सरकार ने एक तीर से कई निशाने लगाए हैं. खास बात यह है कि त्रिवेंद्र सरकार में मजबूत दिखने वाले कई अफसर धामी सरकार में तवज्जो पाने में नाकामयाब रहे हैं.
24 IAS अफसरों के कार्यों में बदलाव: राज्य में तबादला सूची जारी होने के साथ ही इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं सुनाई दे रही हैं. खास बात यह रही कि सूची जारी होने के 1 दिन बाद भी सचिवालय से लेकर तमाम विभागों तक में इस सूची के मायने निकाले जाते रहे हैं. एक तरफ अब तक छुट्टी पर चल रही अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को इस सूची के जारी होने के बाद जिम्मेदारी मिल गयी. तो दूसरी तरफ राधा रतूड़ी से अध्यक्ष राजस्व परिषद की जिम्मेदारी हटाकर भविष्य में उन्हें मुख्य सचिव बनाए जाने को लेकर भी कुछ संकेत दिए गए हैं. हालांकि यह महज कयास भर हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जुलाई में इसी साल मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं. लिहाजा सबसे सीनियर अधिकारी के रूप में राधा रतूड़ी का ही नाम लिया जा रहा है.
कुछ को नहीं मिली तवज्जो तो कुछ के कार्यों को किया हल्का: तबादला सूची में कुछ अफसर ऐसे रहे, जिन्हें खास तवज्जो मिलती हुई नहीं दिखाई दी. यही नहीं, कुछ अफसरों को हल्का किए जाने का भी काम किया गया. मौजूदा धामी सरकार में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, नितेश झा, दिलीप जावलकर, बीवीआरसी पुरुषोत्तम, चंद्रेश यादव जैसे अधिकारियों को कम तवज्जो मिली है. यही नहीं त्रिवेंद्र सरकार में ऐसे कई अवसर जो उस दौरान सबसे ताकतवर माने जाते थे वह भी इस सरकार में अपनी जगह नहीं बना पाए.
कुछ तो मिली एक्स्ट्रा 'ताकत': तबादला सूची में कुछ अफसर ऐसे भी हैं जो इस सरकार में बेहद ताकतवर या तवज्जो पाने में कामयाब होते हुए दिखाई दिए. इसमें हरिद्वार के जिलाधिकारी रहे विनय शंकर पांडे ने सचिव मुख्यमंत्री और उद्योग विभाग पानी में कामयाबी हासिल की है. हालांकि, चर्चा यह है कि गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार के जून में रिटायर होने के बाद उन्हें गढ़वाल कमिश्नर की बड़ी जिम्मेदारी भी मिल सकती है. उनके अलावा धीराज सिंह गर्ब्याल ने हरिद्वार जिले में जिला अधिकारी की जिम्मेदारी पाकर सरकार का फोकस खुद पर रखने में कामयाबी पाई है. सचिव मीनाक्षी सुंदरम पहले ही सरकार के बेहद करीब दिखाई दिए हैं और तमाम बड़े फैसलों में उनकी मौजूदगी भी दिखाई देती रही है.
इनको मिली बड़ी जिम्मेदारी: वहीं, इस सूची में इस बार पंकज कुमार पांडे कहीं न कहीं सरकार के पसंदीदा नजर आए हैं. उन्हें पीडब्ल्यूडी जैसा भारी-भरकम विभाग देकर सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. यही नहीं, खनन में भी महानिदेशक का पद देकर खनन पर पूरी तरह से विभागीय स्तर के लिहाज से उनका एकाधिकार हो गया है. मौजूदा सूची में आरके सुधांशु प्रमुख सचिव से पीडब्ल्यूडी हटना बड़ा झटका माना जा रहा है. इसके अलावा वन विभाग में भी सचिव विजय यादव को हटाकर सरकार ने बेहद सधे रूप में अपना फैसला दिया है. सचिव दिलीप जावलकर से सिविल एविएशन की जिम्मेदारी वापस लेकर पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे को एक जिम्मेदारी दी गई है. इस बदलाव को व्यावहारिकता के रूप में देखा गया है.
जिलों की कमान युवाओं के हाथ: पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे को ही सिविल एविएशन देकर विभाग में तालमेल रखने की कोशिश की गई है. उधर, बीवीआरसी पुरुषोत्तम खुद ही अपने विभागों को कम किए जाने की बात सरकार के सामने रख चुके थे. लिहाजा उनसे कृषि, ग्रामीण विकास विभाग वापस किया गया. धामी सरकार जिलों में जिला अधिकारी के रूप में नए अधिकारियों को जिम्मेदारी देने को लेकर ज्यादा उत्सुक दिखाई दे रही है. देखा जाए तो उधम सिंह नगर को छोड़कर सभी जिलों में युवा जिलाधिकारी मौजूद हैं.
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