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ब्लैक फंगसः सूचीबद्ध कई अस्पतालों में इलाज की नहीं सुविधा, दर-दर भटक रहे मरीज - उत्तराखंड के अस्पतालों में ब्लैक फंगस का इलाज

उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के 155 मरीज हो चुके हैं. सरकार ने ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज के लिए 12 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया है. लेकिन इनमें से कई अस्पतालों में अभी इलाज की सुविधा नहीं है.

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देहरादून
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Published : May 28, 2021, 8:01 AM IST

Updated : May 28, 2021, 8:56 AM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. अस्पताल की तलाश और जरूरी इंजेक्शन के लिए मरीजों की मुसीबतें और बढ़ा दी है. चिंता की बात यह है कि ब्लैक फंगस से इलाज के लिए 12 अस्पतालों को सरकार ने सूचीबद्ध तो किया है. लेकिन इनमें से कई अस्पताल अभी ब्लैक फंगस के इलाज के लिए तैयार ही नहीं हैं.

कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों को ब्लैक फंगस ने और भी ज्यादा परेशानी में डाल दिया है. चिकित्सकों के लिए भी इस नए तरह के वायरस से निपटना मुश्किल हो रहा है. हालांकि इसके लिए प्रोटोकॉल तैयार किए गए हैं. लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी मरीज और तीमारदारों के लिए परेशानी बढ़ा रही है. प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य में 12 अस्पतालों को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए सूचीबद्ध किया गया है. लेकिन चिंता की बात ये है कि इन 12 अस्पतालों में अधिकतर अस्पताल अभी ब्लैक फंगस का इलाज करने के लिए खुद तैयार नहीं मान रहे हैं.

ईटीवी भारत ने की पड़ताल

ईटीवी भारत ने इस संबंध में हरिद्वार और देहरादून के कुछ अस्पतालों से इसके इलाज को लेकर बातचीत की. बातचीत में पता चला कि अस्पतालों की तरफ से अभी इलाज को लेकर व्यवस्था करने में कुछ और दिन लगेंगे.

ये भी पढ़ेंः राहत भरी खबर, उत्तराखंड को मिले 15 हजार एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन

155 मरीज सामने आए

बता दें कि प्रदेश में 3 जिलों के अस्पतालों में फिलहाल ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं. उधमसिंह नगर के जेएलएन अस्पताल में एक मरीज भर्ती था जिसकी मृत्यु हो चुकी है. देहरादून के 7 अस्पतालों में ब्लैक फंगस के कुल 148 मरीज भर्ती हैं. उधर नैनीताल के तीन अस्पतालों में कुल 6 मरीज भर्ती हैं. इस तरह राज्य में कुल 155 ब्लैक फंगस के मरीज मिल चुके हैं. इसमें 14 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी ले चुके हैं.

इन अस्पतालों को किया गया सूचीबद्ध

  • श्री महंत इंद्रेश अस्पताल देहरादून.
  • ओएनजीसी अस्पताल देहरादून.
  • सीएमआई हॉस्पिटल देहरादून.
  • दून मेडिकल कॉलेज देहरादून.
  • एम्स ऋषिकेश.
  • जौलीग्रांट हिमालयन अस्पताल.
  • मैक्स हॉस्पिटल देहरादून.
  • विनय विशाल अस्पताल हरिद्वार.
  • मिलिट्री हॉस्पिटल हरिद्वार.
  • सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी.
  • वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल हॉस्पिटल श्रीनगर.
  • मैक्सवेल हॉस्पिटल हरिद्वार.

7 दिन का वक्त मांगा

इनमें ऋषिकेश एम्स और हिमालयन अस्पताल समेत मैक्स हॉस्पिटल जैसे अस्पतालों को छोड़ दें, तो बाकी अस्पतालों में इलाज को लेकर पर्याप्त व्यवस्था नहीं दिखाई दे रही है. खास तौर पर हरिद्वार जिले के अस्पतालों में अभी ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज मुमकिन नजर नहीं आ रहा है. अस्पताल इलाज की व्यवस्था के लिए करीब 7 दिन का वक्त मांग रहे हैं.

देहरादूनः उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. अस्पताल की तलाश और जरूरी इंजेक्शन के लिए मरीजों की मुसीबतें और बढ़ा दी है. चिंता की बात यह है कि ब्लैक फंगस से इलाज के लिए 12 अस्पतालों को सरकार ने सूचीबद्ध तो किया है. लेकिन इनमें से कई अस्पताल अभी ब्लैक फंगस के इलाज के लिए तैयार ही नहीं हैं.

कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों को ब्लैक फंगस ने और भी ज्यादा परेशानी में डाल दिया है. चिकित्सकों के लिए भी इस नए तरह के वायरस से निपटना मुश्किल हो रहा है. हालांकि इसके लिए प्रोटोकॉल तैयार किए गए हैं. लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी मरीज और तीमारदारों के लिए परेशानी बढ़ा रही है. प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य में 12 अस्पतालों को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए सूचीबद्ध किया गया है. लेकिन चिंता की बात ये है कि इन 12 अस्पतालों में अधिकतर अस्पताल अभी ब्लैक फंगस का इलाज करने के लिए खुद तैयार नहीं मान रहे हैं.

ईटीवी भारत ने की पड़ताल

ईटीवी भारत ने इस संबंध में हरिद्वार और देहरादून के कुछ अस्पतालों से इसके इलाज को लेकर बातचीत की. बातचीत में पता चला कि अस्पतालों की तरफ से अभी इलाज को लेकर व्यवस्था करने में कुछ और दिन लगेंगे.

ये भी पढ़ेंः राहत भरी खबर, उत्तराखंड को मिले 15 हजार एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन

155 मरीज सामने आए

बता दें कि प्रदेश में 3 जिलों के अस्पतालों में फिलहाल ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं. उधमसिंह नगर के जेएलएन अस्पताल में एक मरीज भर्ती था जिसकी मृत्यु हो चुकी है. देहरादून के 7 अस्पतालों में ब्लैक फंगस के कुल 148 मरीज भर्ती हैं. उधर नैनीताल के तीन अस्पतालों में कुल 6 मरीज भर्ती हैं. इस तरह राज्य में कुल 155 ब्लैक फंगस के मरीज मिल चुके हैं. इसमें 14 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी ले चुके हैं.

इन अस्पतालों को किया गया सूचीबद्ध

  • श्री महंत इंद्रेश अस्पताल देहरादून.
  • ओएनजीसी अस्पताल देहरादून.
  • सीएमआई हॉस्पिटल देहरादून.
  • दून मेडिकल कॉलेज देहरादून.
  • एम्स ऋषिकेश.
  • जौलीग्रांट हिमालयन अस्पताल.
  • मैक्स हॉस्पिटल देहरादून.
  • विनय विशाल अस्पताल हरिद्वार.
  • मिलिट्री हॉस्पिटल हरिद्वार.
  • सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी.
  • वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल हॉस्पिटल श्रीनगर.
  • मैक्सवेल हॉस्पिटल हरिद्वार.

7 दिन का वक्त मांगा

इनमें ऋषिकेश एम्स और हिमालयन अस्पताल समेत मैक्स हॉस्पिटल जैसे अस्पतालों को छोड़ दें, तो बाकी अस्पतालों में इलाज को लेकर पर्याप्त व्यवस्था नहीं दिखाई दे रही है. खास तौर पर हरिद्वार जिले के अस्पतालों में अभी ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज मुमकिन नजर नहीं आ रहा है. अस्पताल इलाज की व्यवस्था के लिए करीब 7 दिन का वक्त मांग रहे हैं.

Last Updated : May 28, 2021, 8:56 AM IST
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