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समाल्टा के चालदा महासू मंदिर में जागड़ा पर्व, आस्था का उमड़ा सैलाब

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Published : Aug 31, 2022, 5:22 PM IST

Updated : Aug 31, 2022, 5:40 PM IST

प्रसिद्ध चालदा महासू देवता की महिमा दूर दूर तक है. महासू देवता जौनसार बावर से लेकर हिमाचल प्रदेश में आराध्य देव के रूप में पूजे जाते हैं. इनदिनों महासू देवता समाल्टा गांव के नवनिर्मित मंदिर में विराजमान हैं. समाल्टा में जागड़ा पर्व पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा.

Samalta Mahasu Devta Temple
समाल्टा महासू मंदिर में जागड़ा पर्व की धूम

विकासनगरः जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में जागड़ा पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. प्रसिद्ध हनोल मंदिर के अलावा समाल्टा के चालदा महासू मंदिर में भी हजारों की सख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान पूरा इलाका चालदा महासू देवता के जयकारों से गुंजायमान रहा. बीती रात मंदिर परिसर में रात्रि जागरण का आयोजन हुआ. जिसमें लोगों ने चालदा महासू देवता की स्तुति की. जबकि, आज सुबह हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने देव दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की. जिसमें पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी (Satpal Maharaj visit Samalta) शामिल रहे.

बता दें कि चालदा महासू देवता जौनसार बावर के इष्ट देव के रूप में पूजे जाते हैं. चालदा महासू हिमाचल और उत्तराखंड में चलायमान रहते हैं. चालदा महासू जौनसार बावर में कई खत पट्टी के गांव में प्रवास पर रहते हैं. वर्तमान में महासू देवता खत मझियारना के समाल्टा गांव के नवनिर्मित मंदिर में विराजमान हैं. इस साल समाल्टा के खत पट्टी के ग्रामीणों को 67 साल बाद चालदा महासू महाराज के जागड़ा पर्व मनाने का अवसर मिला है. जागड़ा या जागरा पर्व पर समाल्टा में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालु देव दर्शन करने के लिए दूर दूर से समाल्टा गांव पहुंचे. जहां श्रद्धालुओं ने सुख समृद्धि की कामना की.

समाल्टा में जागड़ा पर्व.

ग्राम प्रधान अनिल तोमर ने बताया कि रात्रि जागरण में हजारों के संख्या में श्रद्धालु (Chalda Mahasu Devta Mandir Samalta) पहुंचे. श्रद्धालुओं ने रातभर चालदा महाराज की स्तुति की. वहीं, समाल्टा गांव के निवासी अनिल सिंह ने कहा कि देव डोली और चिन्हों को स्नान के लिए विधि विधान से मंदिर से बाहर निकाला जाएगा. ऐसे में खत पट्टी के दौ सौ परिवारों के सदस्यों को 67 साल बाद देव चिन्हों व देव डोली को स्नान कराने का सौभाग्य मिलेगा.
ये भी पढ़ेंः महासू देवता मंदिर हनोल में जागड़ा मेले का आयोजन, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने की शिरकत

वहीं, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज (Cabinet Minister Satpal Maharaj) ने भी जागड़ा पर्व में शिरकत की. उन्होंनें कहा कि जागड़ा महोत्सव चालदा महासू महाराज का मनाया जा रहा है. समाल्टा के नवनिर्मित मंदिर में चालदा महासू विराजमान हैं. वो खुद भी देव दर्शन को आए हैं. कुल देवता चालदा महासू हर साल जौनसार बावर और बंगाण क्षेत्र में भ्रमण करते हैं. वो 12 साल उत्तराखंड तो 12 साल हिमाचल प्रदेश में रहते हैं. उन्होंने चालदा महासू देवता से उत्तराखंड के विकास की कामना की.

जौनसार बावर समेत हिमाचल के ईष्ट देवता हैं महासूः बता दें कि प्रसिद्ध महासू देवता (Char Mahasu Devta) चार भाई हैं. जिनमें बोठा महासू, बाशिक महासू, पवासी महासू और चालदा महासू हैं. बोठा महासू हनोल मंदिर (Hanol Mahasu Temple) में विराजमान हैं. जबकि, बाशिक महाराज का मंदिर मैंद्रथ में स्थित है. वहीं, पवासी देवता का मंदिर हनोल के कुछ ही दूरी पर ठडियार में है. वहीं, चालदा महासू को छत्रधारी महाराज भी कहते हैं. चालदा महासू जौनसार बावर के जनजाति क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भी इष्ट देव के रूप में पूजे जाते हैं.

विकासनगरः जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में जागड़ा पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. प्रसिद्ध हनोल मंदिर के अलावा समाल्टा के चालदा महासू मंदिर में भी हजारों की सख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान पूरा इलाका चालदा महासू देवता के जयकारों से गुंजायमान रहा. बीती रात मंदिर परिसर में रात्रि जागरण का आयोजन हुआ. जिसमें लोगों ने चालदा महासू देवता की स्तुति की. जबकि, आज सुबह हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने देव दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की. जिसमें पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी (Satpal Maharaj visit Samalta) शामिल रहे.

बता दें कि चालदा महासू देवता जौनसार बावर के इष्ट देव के रूप में पूजे जाते हैं. चालदा महासू हिमाचल और उत्तराखंड में चलायमान रहते हैं. चालदा महासू जौनसार बावर में कई खत पट्टी के गांव में प्रवास पर रहते हैं. वर्तमान में महासू देवता खत मझियारना के समाल्टा गांव के नवनिर्मित मंदिर में विराजमान हैं. इस साल समाल्टा के खत पट्टी के ग्रामीणों को 67 साल बाद चालदा महासू महाराज के जागड़ा पर्व मनाने का अवसर मिला है. जागड़ा या जागरा पर्व पर समाल्टा में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालु देव दर्शन करने के लिए दूर दूर से समाल्टा गांव पहुंचे. जहां श्रद्धालुओं ने सुख समृद्धि की कामना की.

समाल्टा में जागड़ा पर्व.

ग्राम प्रधान अनिल तोमर ने बताया कि रात्रि जागरण में हजारों के संख्या में श्रद्धालु (Chalda Mahasu Devta Mandir Samalta) पहुंचे. श्रद्धालुओं ने रातभर चालदा महाराज की स्तुति की. वहीं, समाल्टा गांव के निवासी अनिल सिंह ने कहा कि देव डोली और चिन्हों को स्नान के लिए विधि विधान से मंदिर से बाहर निकाला जाएगा. ऐसे में खत पट्टी के दौ सौ परिवारों के सदस्यों को 67 साल बाद देव चिन्हों व देव डोली को स्नान कराने का सौभाग्य मिलेगा.
ये भी पढ़ेंः महासू देवता मंदिर हनोल में जागड़ा मेले का आयोजन, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने की शिरकत

वहीं, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज (Cabinet Minister Satpal Maharaj) ने भी जागड़ा पर्व में शिरकत की. उन्होंनें कहा कि जागड़ा महोत्सव चालदा महासू महाराज का मनाया जा रहा है. समाल्टा के नवनिर्मित मंदिर में चालदा महासू विराजमान हैं. वो खुद भी देव दर्शन को आए हैं. कुल देवता चालदा महासू हर साल जौनसार बावर और बंगाण क्षेत्र में भ्रमण करते हैं. वो 12 साल उत्तराखंड तो 12 साल हिमाचल प्रदेश में रहते हैं. उन्होंने चालदा महासू देवता से उत्तराखंड के विकास की कामना की.

जौनसार बावर समेत हिमाचल के ईष्ट देवता हैं महासूः बता दें कि प्रसिद्ध महासू देवता (Char Mahasu Devta) चार भाई हैं. जिनमें बोठा महासू, बाशिक महासू, पवासी महासू और चालदा महासू हैं. बोठा महासू हनोल मंदिर (Hanol Mahasu Temple) में विराजमान हैं. जबकि, बाशिक महाराज का मंदिर मैंद्रथ में स्थित है. वहीं, पवासी देवता का मंदिर हनोल के कुछ ही दूरी पर ठडियार में है. वहीं, चालदा महासू को छत्रधारी महाराज भी कहते हैं. चालदा महासू जौनसार बावर के जनजाति क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भी इष्ट देव के रूप में पूजे जाते हैं.

Last Updated : Aug 31, 2022, 5:40 PM IST
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