देहरादूनः मैन वेलफेयर ट्रस्ट ने झूठे मामलों से परेशान होकर पुरुषों की ओर से की जा रही आत्महत्या की दर को देखते हुए सरकार से राष्ट्रीय और राज्य पुरुष आयोग का गठन किए जाने की मांग उठाई है. ट्रस्ट का कहना है कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पुरुष आत्महत्या 1 लाख 18 हजार 979 प्रति वर्ष का रिकॉर्ड है, जो महिलाओं की 45 हजार 26 आत्महत्याओं की तुलना में दोगुना से भी ज्यादा है. ऐसे में अभी तक देश में कोई भी ऐसा कमीशन नहीं बनाया गया जहां पर पुरुष अपनी गुहार लगा सके.
मैन वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष वितेश अग्रवाल ने कहा कि केवल पिछले 11 सालों में एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 10 लाख के करीब भारतीय पुरुषों ने आत्महत्या की और सरकार इस देश के पुरुषों की परवाह किए बिना चुप बैठी हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार केवल केंद्र और राज्य स्तर पर विभिन्न लिंग आधारित योजनाओं पर और महिला केंद्रित कानून बनाने पर हर साल हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है. ट्रस्ट के अध्यक्ष वितेश अग्रवाल ने संकटग्रस्त पुरुषों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 8882 4984 98 भी जारी किया है, जो उत्तराखंड में झूठे मामलों, घरेलू हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने वाले पुरुषों को जरूरी सहायता प्रदान करेगा. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि संकटग्रस्त पुरुषों के लिए सबसे बड़ी और एकमात्र अखिल भारतीय हेल्पलाइन के रूप में ट्रस्ट को पहले से ही देशभर से प्रतिमाह करीब 3 हजार कॉल्स आती हैं, जो चिंता जनक है.
वहीं, सदस्यों ने कहा कि बाल हिरासत, झूठे बलात्कार, छेड़छाड़ और उत्पीड़न के मामलों का सामना कर रहे पुरुषों और उनके परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर पर निशुल्क संपर्क करके सहायता प्राप्त की जा सकती है. उन्होंने पीड़ितों से साप्ताहिक सहायता समूह की बैठकों में शामिल होने का भी आग्रह किया है, जहां पीड़ित मिल सकते हैं और एक दूसरे की मदद कर सकते हैं. ऐसे में देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में हर रविवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक सभाएं आयोजित की जाएगी, जहां पुरुष और उनके परिजन सांत्वना और सहायता पा सकते हैं.
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