देहरादून: यौन शोषण में फंसे बीजेपी विधायक महेश नेगी कोर्ट के आदेश के बावजूद भी तीसरी बार देहरादून सीजेएम कोर्ट में डीएनए सैंपल के लिए नहीं पहुंचे. विधायक पक्ष के वकीलों ने सीजेएम कोर्ट में सोमवार को प्रार्थना पत्र देकर हाईकोर्ट में सुनवाई होने और वहां शीतकालीन अवकाश होने का हवाला देते हुए आगे की मोहलत मांगी.
वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि विधायक महेश नेगी को बीते 13 जनवरी 2020 तक दो दिन का हाईकोर्ट से स्टे मिला था. इसी क्रम में जब 13 जनवरी के बाद हाईकोर्ट 22 फरवरी 2021 तक शीतकालीन अवकाश में बंद हो गया है. ऐसे में हाईकोर्ट से मिले स्टे को अगली सुनवाई तक बरकरार माना जाए. विधायक पक्ष के अधिवक्ता द्वारा दिये गए तर्क के बाद देहरादून सीजेएम कोर्ट में विधायक महेश नेगी को राहत देते हुए 27 फरवरी को कोर्ट में हाजिर होकर डीएनए सैंपल देने के आदेश दिए हैं.
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22 फरवरी तक हाईकोर्ट शीतकालीन अवकाश के चलते मिली राहत
इस मामले में विधायक महेश नेगी की पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता ने बताया कि 11 जनवरी को सीजेएम कोर्ट में हाजिर होने वाली तारीख मिली थी, जिसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील की गई थी. उसके परिणाम स्वरुप हाईकोर्ट से 13 जनवरी तक स्टे मिला था.
ऐसे में हाईकोर्ट 22 फरवरी तक शीतकालीन अवकाश के लिए बंद है. इसी के दृष्टिगत हाईकोर्ट के स्टे को अगली सुनवाई तक बरकरार माना जाए. कोर्ट ने इस अपील को स्वीकार करते हुए 27 फरवरी को विधायक महेश नेगी को कोर्ट में पेश होने की अगली तारीख दी है.
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तीन बार कोर्ट के आदेश के बावजूद डीएनए सैंपल देने नहीं पहुंचे विधायक
बता दें कि दुष्कर्म मामले में फंसे महेश नेगी को देहरादून सीजेएम कोर्ट से पहले 18 दिसंबर 2020 और उसके बाद 11 जनवरी 2021 और तीसरी बार 18 जनवरी 2021 को कोर्ट में पेश होकर सैंपल देने के आदेश दिये थे.
तीनों ही बार महेश नेगी सीजेएम कोर्ट में पेश नहीं हुए. उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट में शरण ली. उसी के परिणाम स्वरूप विधायक को निचली अदालत से राहत मिलते हुए 27 फरवरी की अगली तारीख मुकर्रर की गई है.