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लॉकडाउन के कारण मदर गार्डन ऑफ 'लीची' में फंसी देहरादून की 'मिठास', देश-दुनिया को है इंतजार

लॉकडाउन के कारण मदर गार्डन ऑफ 'लीची' में फलों के रख-रखाव से लेकर इसे बाजार तक पहुंचाने में उद्यान विभाग को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.यही कारण है कि देहरादून की 'मिठास' कारण मदर गार्डन ऑफ 'लीची' में फंसकर रह गई है.

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मदर गार्डन ऑफ 'लीची' में फंसी देहरादून की 'मिठास'
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Published : Jun 11, 2020, 6:21 PM IST

Updated : Jun 11, 2020, 7:07 PM IST

देहरादून: आम को फलों का राजा माना जाता है तो लीची फलों की रानी है, ये दोनों ही राजधानी देहरादून की खास पहचान हैं. यहां की लीची, आम देश और दुनिया के कोने-कोने में अपने लाजवाब स्वाद के लिए जाने जाते हैं. लीची और आम की ये स्वादिष्ट खेप एक विशेष गार्डन में तैयार होती है, जिसे पूरे उत्तर भारत में मदर गार्डन आफ 'लीची' कहा जाता है. इन दिनों भी इस गार्डन में लीची और आम की खेप तैयार है, मगर लॉकडाउन के कारण फलों के रख-रखाव से लेकर इसे बाजार तक पहुंचाने में उद्यान विभाग को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.यही कारण है कि देहरादून की 'मिठास' कारण मदर गार्डन ऑफ 'लीची' में फंसकर रह गई है.

लॉकडाउन के कारण मदर गार्डन ऑफ 'लीची' में फंसी देहरादून की 'मिठास.

ईटीवी भारत ने मदर गार्डन ऑफ 'लीची पहुंचकर उद्यान विभाग के अधिकारियों से इस बाबत बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि लॉकडाउन और मौसम की मार का इस गार्डन पर कितना असर पड़ा है साथ ही उन्होंने बताया कि गार्डन में किस तरह से लीची, आम और अन्य फलों की गार्डनिंग होती है. इसके अलावा अभी उन्हें किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उसके बारे में भी उन्होंने खुल के बताया.

पढ़ें- लॉकडाउन में सहकारी समिति में दे दी नौकरी, अब हुए जांच के आदेश

देहरादून की प्रसिद्ध लीची और आम इस बार बागीचों में ही फंस कर रह गया है. 7.14 हेक्टेयर में फैले मदर गार्डन ऑफ लीची में लीची और आम के पेड़ों पर कीटनाशक दवा का छिड़काव, कटिंग और देखरेख करने के लिए मजदूर ही नहीं मिल रहे हैं.

पढ़ें- प्रवासियों की दूर होगी परेशानी, रोजगार देने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम

देहरादून की लीची और आम प्रदेश के साथ ही देश दुनिया के कोने-कोने में जाती है. मगर इस बार मजदूरों की कमी के कारण न तो इनकी सही से देखरेख हो पा रही है और न ही इसे बाजारों तक पहुंचाया जा पा रहा है. जिसके मदर देहरादून की 'मिठास' गार्डन ऑफ 'लीची' में फंसकर रह गई है.

पढ़ें- नेलांग घाटी में मादा हिम तेंदुए की मौत, पार्क प्रशासन में मचा हड़कंप

देहरादून में मुख्यमंत्री आवास से लगा ये गार्डन राज्य की आर्थिकी का भी एक बड़ा जरिया है. इस गार्डन से कई घरों की रोजी-रोटी चलती है, मगर लॉकडाउन ने सरकार के साथ ही यहां काम करने वालों के जीवन पर भी असर डाला है. आम सीजन की तरह ही इस बार भी मदर गार्डन ऑफ लीची में अच्छे किस्म के आम, लीची और अन्य फलों की पैदावार हुई है जो एक बार फिर से देश-दुनिया के कोने में पहुंचने को तैयार है. मगर लॉकडाउन और मजदूरों की कमी के कारण फलों की खेप को बाहर भेजने में दिक्कतें आ रही है, ऐसे में अब सभी को इंतजार है कि कब स्थितियां सामान्य हों और इससे जुड़े लोगों का जीवन पटरी पर आए.

देहरादून: आम को फलों का राजा माना जाता है तो लीची फलों की रानी है, ये दोनों ही राजधानी देहरादून की खास पहचान हैं. यहां की लीची, आम देश और दुनिया के कोने-कोने में अपने लाजवाब स्वाद के लिए जाने जाते हैं. लीची और आम की ये स्वादिष्ट खेप एक विशेष गार्डन में तैयार होती है, जिसे पूरे उत्तर भारत में मदर गार्डन आफ 'लीची' कहा जाता है. इन दिनों भी इस गार्डन में लीची और आम की खेप तैयार है, मगर लॉकडाउन के कारण फलों के रख-रखाव से लेकर इसे बाजार तक पहुंचाने में उद्यान विभाग को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.यही कारण है कि देहरादून की 'मिठास' कारण मदर गार्डन ऑफ 'लीची' में फंसकर रह गई है.

लॉकडाउन के कारण मदर गार्डन ऑफ 'लीची' में फंसी देहरादून की 'मिठास.

ईटीवी भारत ने मदर गार्डन ऑफ 'लीची पहुंचकर उद्यान विभाग के अधिकारियों से इस बाबत बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि लॉकडाउन और मौसम की मार का इस गार्डन पर कितना असर पड़ा है साथ ही उन्होंने बताया कि गार्डन में किस तरह से लीची, आम और अन्य फलों की गार्डनिंग होती है. इसके अलावा अभी उन्हें किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उसके बारे में भी उन्होंने खुल के बताया.

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देहरादून की प्रसिद्ध लीची और आम इस बार बागीचों में ही फंस कर रह गया है. 7.14 हेक्टेयर में फैले मदर गार्डन ऑफ लीची में लीची और आम के पेड़ों पर कीटनाशक दवा का छिड़काव, कटिंग और देखरेख करने के लिए मजदूर ही नहीं मिल रहे हैं.

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देहरादून की लीची और आम प्रदेश के साथ ही देश दुनिया के कोने-कोने में जाती है. मगर इस बार मजदूरों की कमी के कारण न तो इनकी सही से देखरेख हो पा रही है और न ही इसे बाजारों तक पहुंचाया जा पा रहा है. जिसके मदर देहरादून की 'मिठास' गार्डन ऑफ 'लीची' में फंसकर रह गई है.

पढ़ें- नेलांग घाटी में मादा हिम तेंदुए की मौत, पार्क प्रशासन में मचा हड़कंप

देहरादून में मुख्यमंत्री आवास से लगा ये गार्डन राज्य की आर्थिकी का भी एक बड़ा जरिया है. इस गार्डन से कई घरों की रोजी-रोटी चलती है, मगर लॉकडाउन ने सरकार के साथ ही यहां काम करने वालों के जीवन पर भी असर डाला है. आम सीजन की तरह ही इस बार भी मदर गार्डन ऑफ लीची में अच्छे किस्म के आम, लीची और अन्य फलों की पैदावार हुई है जो एक बार फिर से देश-दुनिया के कोने में पहुंचने को तैयार है. मगर लॉकडाउन और मजदूरों की कमी के कारण फलों की खेप को बाहर भेजने में दिक्कतें आ रही है, ऐसे में अब सभी को इंतजार है कि कब स्थितियां सामान्य हों और इससे जुड़े लोगों का जीवन पटरी पर आए.

Last Updated : Jun 11, 2020, 7:07 PM IST
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