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भाजपा में नई नहीं विधायकों की नाराजगी! पहले भी कई बार टूट चुका है सब्र का बांध, लंबी चौड़ी है लिस्ट

History of displeasure of MLAs in Uttarakhand BJP अनुशासन के नाम पर खुद की पीठ थपथपाने वाली भाजपा में अक्सर मंत्रियों, विधायकों की नाराजगी की खबरें आती रहती हैं. ताजा मामला पुरोला से विधायक दुर्गेश्वर लाल और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से जुड़ा है. हालांकि दोनों का विवाद सुलझाने का दावा किया जा रहा है लेकिन भाजपा में विधायकों की नाराजगी का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सुर्खियां बटोर चुके हैं.

Displeasure of MLAs in BJP
भाजपा में नई नहीं विधायकों की नाराजगी!
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 4, 2024, 11:23 AM IST

Updated : Jan 4, 2024, 3:20 PM IST

भाजपा में नई नहीं विधायकों की नाराजगी!

देहरादून: अनुशासन के मामले में भारतीय जनता पार्टी की मिसाल दी जाती है. कांग्रेस और अन्य दलों की तुलना में भारतीय जनता पार्टी में ज्यादा अनुशासन देखने को मिलता है. मगर कभी-कभी ऐसा वक्त भी आता है, जब भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के सब्र का बांध टूट जाता है. उत्तराखंड में भाजपा रिवाजों को तोड़ते हुए दूसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही. भाजपा ने भी खूब सीटें जीती. इसके बाद भी भाजपा विधायकों की नाराजगी की खबरों से सरकार और संगठन बैकफुट पर है. ताजा मामले को कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और पुरोला से विधायक दुर्गेश्वर लाल के बीच के विवाद से हवा मिली. फिलहाल सीएम धामी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मामले को संभाला. जिसके बाद ये मामला संभलता नजर आ रहा है. मगर ये ऐसा पहला मामला नहीं है जब भाजपा विधायकों, मंत्रियों के विवाद के कारण विवादों में घिरती नजर आई हो.

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से नाराज दो विधायक: उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल से पिछले एक सप्ताह में दो विधायकों की नाराजगी देखने को मिली है. पहला मामला भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा से जुड़ा है. उन्होंने अपने क्षेत्र में गुलदारों के लगातार हो रहे हमले को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल से फोन पर बात की. इस दौरान कथित रूप से वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कोर्ट के फैसलों के बारे में बोलते हुए कोर्ट पर ही टिप्पणी कर डाली. यह कथित कॉल रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गई. जिसके बाद अब मामला गरम है.

पढ़ें- BJP विधायक दुर्गेश्वर लाल ने अपने ही सरकार के मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप, CM के सामने रखा पक्ष

धरने पर बैठ गये दुर्गेश्वर लाल: इसके अलावा दो दिन पहले पुरोला से विधायक दुर्गेश्वर लाल अपने क्षेत्र की फरियाद को लेकर सुबोध उनियाल के पास पहुंचे. जिसके बाद उनके बीच कुछ कहा सुनी हो गई. इसके बाद विधायक दुर्गेश्वर लाल, सुबोध उनियाल के घर के बाहर ही क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए. जिसके बाद एक बार फिर से बीजेपी में हड़कंप मच गया. मामले को बिगड़ता देख संगठन ने इस मामले में मध्यस्थता की. प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इसे परिवार का आपसी मसला बताकर टाल दिया.

त्रिवेंद्र सरकार में पूरन सिंह फर्त्याल हुए थे नाराज: वर्ष 2017 में भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार में लोहाघाट से उस समय विधायक रहे पूरन सिंह फर्त्याल कई बार सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे. विधायक के रूप में पूरन फर्त्याल ने अपनी क्षेत्र की समस्या को लेकर के कई बार विधानसभा सदन के दौरान भी खुलकर बयानबाजी की. जिस पर सरकार कई बार असहज हुई.

History of displeasure of MLAs in Uttarakhand BJP
पूरन सिंह ने भी बढ़ाई त्रिवेंद्र की मुश्किलें

पढ़ें- उत्तराखंड बीजेपी में बवाल! विधायक ने पहले मांगा मंत्री का इस्तीफा, आज बदले सुर, संगठन ने दी हिदायत

चैंपियन और काऊ की नाराजगी ने भी बटोरी सुर्खियां: त्रिवेंद्र रावत की सरकार में ही खानपुर से विधायक रहे कुंवर प्रणव चैंपियन ने भी कई बार सरकार को मुश्किलों में डाला. कई बार मुख्यमंत्री और कुंवर प्रणव चैंपियन की नाराजगी ने सुर्खियां बटोरी. इसके अलावा त्रिवेंद्र रावत की सरकार में विधायक उमेश शर्मा काऊ की नाराजगी भी चर्चाओं में रही.

History of displeasure of MLAs in Uttarakhand BJP
उमेश शर्मा काऊ भी रहे नाराज

पढ़ें- CM धामी उद्यान विभाग की गिना रहे थे उपलब्धि, उधर उनके ही विधायक ने 'ग्राउंड रिपोर्टिंग' कर खोल दी पोल!

धामी सरकार में लैंसडाउन से विधायक नजर आते हैं नाराज: इसके बाद बनी भाजपा के दूसरे टर्म की सरकार में मुख्यमंत्री के रूप में बेहद सरल और सहज पुष्कर सिंह धामी से सीधे तौर से किसी विधायक की नाराजगी नहीं है. धामी मंत्रिमंडल के मंत्रियों से कई विधायकों ने समय-समय पर अपनी नाराजगी दर्ज की है. वर्तमान में भाजपा सरकार में लैंसडाउन से विधायक दिलीप रावत ने अपने ही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से कई बार नाराजगी जताई. उनके क्षेत्र की नजरअंदाजी की बात दिलीप रावत ने कई बार कही.

History of displeasure of MLAs in Uttarakhand BJP
सतपाल महाराज से नाराज नजर आये महंत

पढ़ें- BJP विधायक दुर्गेश्वर लाल ने अपने ही सरकार के मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप, CM के सामने रखा पक्ष

क्या कहते हैं जानकार: मामले में वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत बताते हैं कि राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड में इस तरह की राजनीतिक संस्कृति का जन्म हो गया था. वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत बताते हैं उत्तराखंड में इस तरह की कार्य संस्कृति है कि एक आम आदमी में से जब कोई विधायक बनता है तो वह जनता को कुछ नहीं समझता है. ऐसा ही कुछ तब होता है जब कोई विधायक से कोई मंत्री बनता है तो उसका भी यही हाल होता है. मुख्यमंत्री बनने के बाद भी इस तरह की कार्य संस्कृति देखी गई है. वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत का कहना है अक्सर प्रदेश में ऐसा देखा गया है कि अधिकारियों ने विधायकों और मंत्रियों को बाईपास किया है. जिसकी शिकायतें आती रहती हैं. उन्होंने कहा यह कार्य संस्कृति राज्यहित में बिल्कुल भी अच्छी नहीं है. इस तरह से कहीं ना कहीं नुकसान आम जनता को ही उठाना पड़ता है.

भाजपा में नई नहीं विधायकों की नाराजगी!

देहरादून: अनुशासन के मामले में भारतीय जनता पार्टी की मिसाल दी जाती है. कांग्रेस और अन्य दलों की तुलना में भारतीय जनता पार्टी में ज्यादा अनुशासन देखने को मिलता है. मगर कभी-कभी ऐसा वक्त भी आता है, जब भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के सब्र का बांध टूट जाता है. उत्तराखंड में भाजपा रिवाजों को तोड़ते हुए दूसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही. भाजपा ने भी खूब सीटें जीती. इसके बाद भी भाजपा विधायकों की नाराजगी की खबरों से सरकार और संगठन बैकफुट पर है. ताजा मामले को कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और पुरोला से विधायक दुर्गेश्वर लाल के बीच के विवाद से हवा मिली. फिलहाल सीएम धामी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मामले को संभाला. जिसके बाद ये मामला संभलता नजर आ रहा है. मगर ये ऐसा पहला मामला नहीं है जब भाजपा विधायकों, मंत्रियों के विवाद के कारण विवादों में घिरती नजर आई हो.

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से नाराज दो विधायक: उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल से पिछले एक सप्ताह में दो विधायकों की नाराजगी देखने को मिली है. पहला मामला भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा से जुड़ा है. उन्होंने अपने क्षेत्र में गुलदारों के लगातार हो रहे हमले को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल से फोन पर बात की. इस दौरान कथित रूप से वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कोर्ट के फैसलों के बारे में बोलते हुए कोर्ट पर ही टिप्पणी कर डाली. यह कथित कॉल रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गई. जिसके बाद अब मामला गरम है.

पढ़ें- BJP विधायक दुर्गेश्वर लाल ने अपने ही सरकार के मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप, CM के सामने रखा पक्ष

धरने पर बैठ गये दुर्गेश्वर लाल: इसके अलावा दो दिन पहले पुरोला से विधायक दुर्गेश्वर लाल अपने क्षेत्र की फरियाद को लेकर सुबोध उनियाल के पास पहुंचे. जिसके बाद उनके बीच कुछ कहा सुनी हो गई. इसके बाद विधायक दुर्गेश्वर लाल, सुबोध उनियाल के घर के बाहर ही क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए. जिसके बाद एक बार फिर से बीजेपी में हड़कंप मच गया. मामले को बिगड़ता देख संगठन ने इस मामले में मध्यस्थता की. प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इसे परिवार का आपसी मसला बताकर टाल दिया.

त्रिवेंद्र सरकार में पूरन सिंह फर्त्याल हुए थे नाराज: वर्ष 2017 में भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार में लोहाघाट से उस समय विधायक रहे पूरन सिंह फर्त्याल कई बार सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे. विधायक के रूप में पूरन फर्त्याल ने अपनी क्षेत्र की समस्या को लेकर के कई बार विधानसभा सदन के दौरान भी खुलकर बयानबाजी की. जिस पर सरकार कई बार असहज हुई.

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पूरन सिंह ने भी बढ़ाई त्रिवेंद्र की मुश्किलें

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चैंपियन और काऊ की नाराजगी ने भी बटोरी सुर्खियां: त्रिवेंद्र रावत की सरकार में ही खानपुर से विधायक रहे कुंवर प्रणव चैंपियन ने भी कई बार सरकार को मुश्किलों में डाला. कई बार मुख्यमंत्री और कुंवर प्रणव चैंपियन की नाराजगी ने सुर्खियां बटोरी. इसके अलावा त्रिवेंद्र रावत की सरकार में विधायक उमेश शर्मा काऊ की नाराजगी भी चर्चाओं में रही.

History of displeasure of MLAs in Uttarakhand BJP
उमेश शर्मा काऊ भी रहे नाराज

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धामी सरकार में लैंसडाउन से विधायक नजर आते हैं नाराज: इसके बाद बनी भाजपा के दूसरे टर्म की सरकार में मुख्यमंत्री के रूप में बेहद सरल और सहज पुष्कर सिंह धामी से सीधे तौर से किसी विधायक की नाराजगी नहीं है. धामी मंत्रिमंडल के मंत्रियों से कई विधायकों ने समय-समय पर अपनी नाराजगी दर्ज की है. वर्तमान में भाजपा सरकार में लैंसडाउन से विधायक दिलीप रावत ने अपने ही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से कई बार नाराजगी जताई. उनके क्षेत्र की नजरअंदाजी की बात दिलीप रावत ने कई बार कही.

History of displeasure of MLAs in Uttarakhand BJP
सतपाल महाराज से नाराज नजर आये महंत

पढ़ें- BJP विधायक दुर्गेश्वर लाल ने अपने ही सरकार के मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप, CM के सामने रखा पक्ष

क्या कहते हैं जानकार: मामले में वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत बताते हैं कि राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड में इस तरह की राजनीतिक संस्कृति का जन्म हो गया था. वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत बताते हैं उत्तराखंड में इस तरह की कार्य संस्कृति है कि एक आम आदमी में से जब कोई विधायक बनता है तो वह जनता को कुछ नहीं समझता है. ऐसा ही कुछ तब होता है जब कोई विधायक से कोई मंत्री बनता है तो उसका भी यही हाल होता है. मुख्यमंत्री बनने के बाद भी इस तरह की कार्य संस्कृति देखी गई है. वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत का कहना है अक्सर प्रदेश में ऐसा देखा गया है कि अधिकारियों ने विधायकों और मंत्रियों को बाईपास किया है. जिसकी शिकायतें आती रहती हैं. उन्होंने कहा यह कार्य संस्कृति राज्यहित में बिल्कुल भी अच्छी नहीं है. इस तरह से कहीं ना कहीं नुकसान आम जनता को ही उठाना पड़ता है.

Last Updated : Jan 4, 2024, 3:20 PM IST
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