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पीठासीन अधिकारी सम्मेलन: लोस अध्यक्ष बिरला ने कहा- बैठक से लोकतंत्र को किया जाएगा मजबूत

उत्तराखंड में पहली बार पीठासीन अधिकारियों का दो दिवसीय सम्मेलन हो रहा है. जिसमें लोकतंत्र को मजबूत करने के विषयों पर चर्चा हुई.

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पीठासीन अधिकारी सम्मेलन
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Published : Dec 18, 2019, 8:18 PM IST

Updated : Dec 18, 2019, 8:52 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हुए पीठासीन अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन की सोमवार से विधिवत शुरुआत हो चुकी है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सम्मेलन का उदघाटन किया. इस दौरान उन्होंने सम्मेलन में अपने विचार भी रखे.

सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों का यह दो दिवसीय सम्मेलन है. जिसके अंदर कई विषयों पर चर्चा और संवाद किया जाएगा. उम्मीद है कि कई मुद्दों पर सहमति भी बनेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि जब दिल्ली में पीठासीन अधिकारियों की बैठक हुई थी. उसमें तीन कमेटियों का गठन हुआ था. उन तीन कमेटियों की रिपोर्ट के आधार पर जनवरी में लखनऊ में पीठासीन अधिकारियों की बैठक होगी. उसमें उन कमेटियों पर विचार किया जाएगा.

पीठासीन अधिकारी सम्मेलन

पढ़ें- अल्पसंख्यक अधिकार दिवस: पुलिस ने दिलाया अल्पसंख्यकों को विश्वास, कहा- कानून आपके साथ है

उन्होंने कहा कि ये बैठक नतीजे और निर्णय की बैठक है. इस बैठक के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश की जाएगी. लोकतांत्रिक संस्थाएं और मजबूत हो, पारदर्शी हो, जनता के प्रति जवाबदेही बने इसके अलावा विधायकों, सांसदों और सभी सदस्यों का संरक्षण हो इस लिए दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया है.

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा कि सत्र अभी जारी है. बैठक में सदन कैसे व्यवस्थित चले, सत्र के दौरान जो बाधाएं आती है उसकी किस तरह दूर किया जाए इन सब बिंदुओं पर चर्चा चल रही है. हालांकि पहले सत्र में शून्य-प्रश्नकाल पर चर्चा की गई है. क्योंकि शून्य और प्रश्नकाल में सदस्य जनता से सरोकार रखने वाले अच्छे विषय उठा सकते हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हुए पीठासीन अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन की सोमवार से विधिवत शुरुआत हो चुकी है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सम्मेलन का उदघाटन किया. इस दौरान उन्होंने सम्मेलन में अपने विचार भी रखे.

सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों का यह दो दिवसीय सम्मेलन है. जिसके अंदर कई विषयों पर चर्चा और संवाद किया जाएगा. उम्मीद है कि कई मुद्दों पर सहमति भी बनेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि जब दिल्ली में पीठासीन अधिकारियों की बैठक हुई थी. उसमें तीन कमेटियों का गठन हुआ था. उन तीन कमेटियों की रिपोर्ट के आधार पर जनवरी में लखनऊ में पीठासीन अधिकारियों की बैठक होगी. उसमें उन कमेटियों पर विचार किया जाएगा.

पीठासीन अधिकारी सम्मेलन

पढ़ें- अल्पसंख्यक अधिकार दिवस: पुलिस ने दिलाया अल्पसंख्यकों को विश्वास, कहा- कानून आपके साथ है

उन्होंने कहा कि ये बैठक नतीजे और निर्णय की बैठक है. इस बैठक के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश की जाएगी. लोकतांत्रिक संस्थाएं और मजबूत हो, पारदर्शी हो, जनता के प्रति जवाबदेही बने इसके अलावा विधायकों, सांसदों और सभी सदस्यों का संरक्षण हो इस लिए दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया है.

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा कि सत्र अभी जारी है. बैठक में सदन कैसे व्यवस्थित चले, सत्र के दौरान जो बाधाएं आती है उसकी किस तरह दूर किया जाए इन सब बिंदुओं पर चर्चा चल रही है. हालांकि पहले सत्र में शून्य-प्रश्नकाल पर चर्चा की गई है. क्योंकि शून्य और प्रश्नकाल में सदस्य जनता से सरोकार रखने वाले अच्छे विषय उठा सकते हैं.

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उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हुए पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का फ़ायदा कई प्रान्तों के न सिर्फ विधानसभा सदस्यों को मिलेगा बल्कि जिन राज्यो के विधानसभा अध्यक्ष और दूसरे पदाधिकारी इस सम्मेलन में शामिल हुए, उन सभी क्षेत्रों की जनता को भी इस सम्मेलन में हुए मंथन का लाभ मिलेगा।


Body:लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि पीठासीन अधिकारियों का यह दो दिवसीय सम्मेलन है जिसके अंदर कई विषयों पर चर्चा और संवाद किया जाएगा। और यह कोशिश भी की जाएगी कि उन मुद्दों पर सहमति बने। साथ ही बताया कि जब दिल्ली में पीठासीन अधिकारियों की बैठक हुई थी उसमें तीन कमेटियों का गठन हुआ था। उन तीन कमेटियों की रिपोर्ट के आधार पर जनवरी में जब लखनऊ में पीठासीन अधिकारियों की बैठक होगी उसमें उन कमेटियों पर विचार किया जाएगा।

क्योंकि विधानसभा राज्यसभा और लोकसभा अपनी अपनी स्वाधीन संस्थान हैं इस लिए नियम प्रक्रिया बनाने का काम विधानसभाओ और राज्यसभा की राज्यसभाओ और लोकसभा के लोकसभाओ में करती हैं। और उन नियम प्रक्रिया को बनाने के बाद वह समिति सदन में लेकर जाती है और सदन में सहमति मिलने के बाद कानून, नियम प्रक्रिया उस सभा के लिए बनते है। 

साथ ही उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन नतीजे और निर्णय का बैठक है और इस बैठक के माध्यम से लोकतंत्र को और मजबूत करेंगे। लोकतांत्रिक संस्थाएं और मजबूत हो, पारदर्शी हो, जनता के प्रति जवाबदेही बने, और विधायकों, सांसदों और सभी सदस्यों का संरक्षण हो इस लिए दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया है। 

बाइट - ओम बिड़ला, लोकसभा अध्यक्ष

वही विधानसभा अध्यक्ष, प्रेम चंद्र अग्रवाल ने बताया कि सत्र अभी जारी है। सदन कैसे व्यवस्थित चले और अच्छा चले इसके साथ ही सदन के भीतर कार्रवाई में जिससे बाधाएं आती है उसको किस तरह से दूर किया जाए इन सभी बिंदुओं को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। हल्की पहले सत्र में शून्य प्रश्नकाल पर चर्चा की गई है। कि शून्यकाल प्रश्नकाल कैसे सशक्त हो, क्योंकि शून्य और प्रश्नकाल में सदस्य जनता से सरोकार रखने वाले अच्छे विषय उठा सकते हैं।

बाइट - प्रेम चंद्र अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष, उत्तराखंड


Conclusion:
Last Updated : Dec 18, 2019, 8:52 PM IST
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