देहरादून: उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हुए पीठासीन अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन की सोमवार से विधिवत शुरुआत हो चुकी है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सम्मेलन का उदघाटन किया. इस दौरान उन्होंने सम्मेलन में अपने विचार भी रखे.
सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों का यह दो दिवसीय सम्मेलन है. जिसके अंदर कई विषयों पर चर्चा और संवाद किया जाएगा. उम्मीद है कि कई मुद्दों पर सहमति भी बनेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि जब दिल्ली में पीठासीन अधिकारियों की बैठक हुई थी. उसमें तीन कमेटियों का गठन हुआ था. उन तीन कमेटियों की रिपोर्ट के आधार पर जनवरी में लखनऊ में पीठासीन अधिकारियों की बैठक होगी. उसमें उन कमेटियों पर विचार किया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि ये बैठक नतीजे और निर्णय की बैठक है. इस बैठक के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश की जाएगी. लोकतांत्रिक संस्थाएं और मजबूत हो, पारदर्शी हो, जनता के प्रति जवाबदेही बने इसके अलावा विधायकों, सांसदों और सभी सदस्यों का संरक्षण हो इस लिए दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया है.
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा कि सत्र अभी जारी है. बैठक में सदन कैसे व्यवस्थित चले, सत्र के दौरान जो बाधाएं आती है उसकी किस तरह दूर किया जाए इन सब बिंदुओं पर चर्चा चल रही है. हालांकि पहले सत्र में शून्य-प्रश्नकाल पर चर्चा की गई है. क्योंकि शून्य और प्रश्नकाल में सदस्य जनता से सरोकार रखने वाले अच्छे विषय उठा सकते हैं.