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देहरादून: एनएच-72 पर बन रहे अंडरपास का स्थानीय लोगों ने किया विरोध

देहरादून के मियांवाला क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 72 पर बन रहे अंडरपास को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध जताया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस अंडरपास का निर्माण गलत ढंग से किया जा रहा है, साथ ही इसके निर्माण से पर्यावरण को नुकसान हो सकता है.

एनएच 72 पर अंडरपास के बनने से हो सकता है पर्यावरण को नुकसान.
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Published : Jul 18, 2019, 6:25 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 6:40 PM IST

देहरादून: जिले के मियांवाला क्षेत्र में बन रहे अंडरपास को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध जताया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि 11 साल पुराने मानकों और डीपीआर के आधार पर अंडरपास का निर्माण गलत तरीके से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गलत ढंग से हो रहे निर्माण को लेकर स्थानीय लोग और पर्यावरण को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंच रहा है.

एनएच 72 पर अंडरपास के बनने से हो सकता है पर्यावरण को नुकसान.

दरअसल, देहरादून के मियांवाला क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 72 पर अंडरपास का निर्माण कराया जा रहा है. इसको लेकर स्थानीय निवासी विरोध कर रहे हैं. स्थानीय लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर आरोप लगाया है कि एनएच 72 पर बन रहा अंडरपास मानकों को ताक पर रखकर बनाया जा रहा है.

पढ़ें- बिना बाईपास बने टोल वसूली कर रहा NHAI, व्यापारियों ने किया विरोध

इस संबंध में व्यापारी संघ के सचिव आरपी कोठारी का कहना है कि स्थानीय लोग शुरुआत से ही पिलर के निर्माण की मांग कर रहे हैं. जबकि, दीवार बनाकर मलबा भर जाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है. साथ ही लोगों ने इस काम में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी का भी अंदेशा जताया है. उन्होंने कहा कि अंडरपास की सर्विस लेन केवल 20 फीट की बनाई जा रही है. स्थानीय लोगों की मांग 40 फीट की सर्विस लेन बनाने की है. उन्होंने कहा कि अंडरपास की वजह से भविष्य में हमेशा दुर्घटनाओं का खतरा बना रहेगा. इससे मेट्रो प्रोजेक्ट्स, गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट समेत अन्य कार्यों के प्रभावित होने की संभावना है.

देहरादून: जिले के मियांवाला क्षेत्र में बन रहे अंडरपास को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध जताया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि 11 साल पुराने मानकों और डीपीआर के आधार पर अंडरपास का निर्माण गलत तरीके से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गलत ढंग से हो रहे निर्माण को लेकर स्थानीय लोग और पर्यावरण को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंच रहा है.

एनएच 72 पर अंडरपास के बनने से हो सकता है पर्यावरण को नुकसान.

दरअसल, देहरादून के मियांवाला क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 72 पर अंडरपास का निर्माण कराया जा रहा है. इसको लेकर स्थानीय निवासी विरोध कर रहे हैं. स्थानीय लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर आरोप लगाया है कि एनएच 72 पर बन रहा अंडरपास मानकों को ताक पर रखकर बनाया जा रहा है.

पढ़ें- बिना बाईपास बने टोल वसूली कर रहा NHAI, व्यापारियों ने किया विरोध

इस संबंध में व्यापारी संघ के सचिव आरपी कोठारी का कहना है कि स्थानीय लोग शुरुआत से ही पिलर के निर्माण की मांग कर रहे हैं. जबकि, दीवार बनाकर मलबा भर जाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है. साथ ही लोगों ने इस काम में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी का भी अंदेशा जताया है. उन्होंने कहा कि अंडरपास की सर्विस लेन केवल 20 फीट की बनाई जा रही है. स्थानीय लोगों की मांग 40 फीट की सर्विस लेन बनाने की है. उन्होंने कहा कि अंडरपास की वजह से भविष्य में हमेशा दुर्घटनाओं का खतरा बना रहेगा. इससे मेट्रो प्रोजेक्ट्स, गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट समेत अन्य कार्यों के प्रभावित होने की संभावना है.

Intro: देहरादून के मियांवाला क्षेत्र मे बन रहे अंडरपास को लेकर स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध तेज कर दिया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक 11 साल पुराने मानकों और डीपीआर के आधार पर अंडरपास का निर्माण गलत तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गलत ढंग से हो रहे निर्माण को लेकर स्थानीय लोग और पर्यावरण को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंच रहा है।
summary- दरअसल देहरादून के मियां वाला क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 72 पर बनाए जा रहे हैं अंडरपास को लेकर स्थानीय निवासी मुखर हो गए हैं, स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि nh 72 पर बन रहा अंडरपास दरअसल मानकों को ताक पर रखकर बनाया जा रहा है।


Body: इस संबंध में व्यापारी संघ के सचिव आरपी कोठारी का कहना है कि स्थानीय लोग शुरुआत से ही पिल्लोर के निर्माण की मांग कर रहे हैं जबकि दीवार बनाकर मलबा भरान होने से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं इस काम में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी का भी उन्होंने अंदेशा जताया है। उन्होंने कहा कि अंडरपास की सर्विस लेन केवल 20 फीट की बनाई जा रही है जबकि स्थानीय लोग 40 फीट की सर्विस लेन बनाने की मांग कर रहे हैं इसके अलावा उन्होंने कहा कि अंडरपास की वजह से आने वाले भविष्य में हमेशा दुर्घटनाओं का खतरा बना रहेगा इससे मेट्रो प्रोजेक्ट्स, गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट समेत अन्य परिजनों का काम भी प्रभावित होने की संभावना है। वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर पुराने डीपीआर के आधार पर बंद त्रुटिपूर्ण अंडरपास बनाया जाता है तो इससे भरने के लिए नदी नालों की भारी मलबे की खुदाई करने की आड़ में पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचने की आशंका है।

बाईट-आरपी कोठारी, सचिव,मियांवाला व्यापार संघ


Conclusion: राष्ट्रीय राजमार्ग 72 के संबंध मे स्थानीय निवासियों की प्रमुख मांगे

1- प्रस्तावित बंद अंडरपास 11 साल पुराने मानकों पर आधारित है जब मियां वाला क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत आता है तो ऐसे में वर्तमान परिस्थिति में सभी शहर का भाग हो गया है तो प्रस्तावित डीपीआर अप्रसांगिक है। यदि वाकई पुराने डीपीआर के आधार पर बंद त्रुटिपूर्ण अंडरपास बनाया जाता है तो इसके भरने के लिए नदी और नालों की भारी मलबे की खुदाई इसकी आड़ में होगी, जिससे पर्यावरण को क्षति पहुंचेगी और साथ ही आम लोगों को फायदे के बजाय नुकसान उठाने पड़ेंगे।
2- पिल्लरों पर बनने वाले अंडरपास का विरोध नहीं है बल्कि प्रस्तावित बंद अंडरपास का विरोध है ।इसे पिल्लरों पर बनाकर और अधिक जन उपयोगी बनाया जा सकता है ,जाहिर सी बात है कि एक अच्छे विकल्प को जनहित में अमल लाया जाए।
3- बंद अंडरपास के बीच की जमीन की क्षति को रोकने से महंगी जमीन को अन्य उपयोग में लाने से जनहित होगा । वहींजमीन की बर्बादी ठीक नहीं है, इसका मल्टीपर्पस उपयोग होना चाहिए।
4- टेम्पो, बस, ट्रैकर कि यात्रियों को चढ़ाने और उतारने के लिए अंडर पास में खड़े होने की जगह नहीं है ।इससे रोज तिराहे पर दुर्घटनाएं और जाम लगने की संभावना बनी हुई है बंधन ट पास से टेंपो टैक्सी स्टैंड के लिए भी जगह नहीं बची है।
5- गांव बस्ती के मुहाने को बंद करना ठीक नहीं है ।लंबे यूटन लेकर उन्हें अपनी बस्ती और गांव में घुसने के लिए मजबूर ना किया जाए, इससे तिराहे यानी यू-टर्न के कारण आवागमन बढ़ेगा और अनावश्यक जाम भी लगेगा।
6- यूटा यानी यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की अनुमति ना लेना असंवैधानिक वह जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, क्योंकि बंद अंडरपास मानकों के विपरीत है।
7- हरिद्वार रोड स्थित मियांवाला तिराहे के संबंध में पुलिस की सलंग्न रिपोर्ट के अनुसार वहां कोई ब्लैक स्पॉट नहीं है और यह मामला मियां वाला पुल डोईवाला का है है, जो त्रुटिवश मियांवाला बताया जा रहा है।
Last Updated : Jul 18, 2019, 6:40 PM IST
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