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UNLOCK 5.0: हिल डिपो के पास कारोबारियों में जगी उम्मीद की रोशनी

अनलॉक-5 में मिली छूट के बाद देहरादून हिल डिपो में बसों का संचालन शुरू हो गया है. जिसकी वजह से स्टैंड के आसपास मौजूद छोटे कारोबारियों में फिर से उम्मीद की रोशनी जगी है.

Uttarakhand Unlock story
उत्तराखंड अनलॉक स्टोरी.
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Published : Oct 11, 2020, 7:34 PM IST

देहरादून: कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन से जिंदगी सहमी थी, भय से लोग घरों में कैद रहे. लेकिन, अनलॉक के बाद धीरे-धीरे लोगों ने डर को जीत लिया. वक्त के साथ लोगों ने एहतियात बरता और जिंदगी फिर पटरी लौट आई है. राजधानी देहरादून के रोडवेज बस अड्डे से छह महीने बाद बाहरी राज्यों के लिए बसों का संचालन शुरू हुआ तो परिसर की पुरानी रौनक लौट आई. कोविड महामारी से लॉकडाउन के कारण प्रदेश को आर्थिक मंदी का झटका भी लगा है.

देहरादून में अनलॉक के बाद पटरी पर लौटी जिंदगी.

अनलॉक-5 के प्रक्रिया के तहत अब उत्तराखंड विकास के रास्ते पर सरपट दौड़ रहा है.कोरोना काल के छह महीने बीते 24 सितंबर को पूरे हो गए हैं. इन छह महीनों में ठहराव के पड़ाव को पार कर जिंदगी ने कैसे रफ्तार पकड़ी, देहरादून हिल डिपो से स्पेशल रिपोर्ट.

राजधानी देहरादून का पलटन बाजार, आढ़त बाजार, मछली बाजार, कोतवाली बाजार और हनुमान चौक शहर के मशहूर बाजार हैं और इसी के पास मौजूद हिल डिपो से प्रदेश के सभी पर्वतीय अंचलों के लिए रोडवेज की बसें संचालित होती हैं. अनलॉक 5 में बसों के संचालन को मिली छूट और किराए में हुई घटौती के बाद रोडवेज बस स्टैंड के पास कारोबार करने वाले व्यापारियों को राहत की किरण दिखाई दी है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में देहरादून हिल डिपो में पिछले 40 सालों से फलों की दुकान लगाने वाली सुमित्रा देवी कहती हैं कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में इस तरह का संकट नहीं देखा था. कोरोना के कारण कई महीनों से बस स्टेशन पर सन्नाटा पसरा हुआ था. ऐसे में रोजाना होने वाली 100-200 रुपए की कमाई भी बंद हो गई थी, जिसकी वजह से घर चलाना मुश्किल हो रहा था. समित्रा देवी का कहना है कि अनलॉक के कारण अब जिंदगी पटरी पर लौट रही है, ऐसे में जल्द ही हालात पहले की तरह सामान्य हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें: देहरादून: कोरोना संकट के बीच 'ऑपरेशन एंबुलेंस', बेनकाब हुए कई चेहरे

अनलॉक-5 से उत्तराखंड के होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को भी एक उम्मीद की किरण नजर आई है. हिल डिपो में रेस्टोरेंट चलाने वाले नीरज का कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन के चलते रेस्टोरेंट में काम करने वाले लोग नौकरी छोड़ चले गए थे. लेकिन अब यात्रियों की बढ़ती संख्या और सामान्य होते हालात को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि जल्द रेस्टोरेंट कारोबार भी चलने लगेगा.

उत्तराखंड परिवहन निगम की सेवाएं शुरू होने से यात्रियों को बड़ी राहत मिली है. खास बात यह है कि कोरोना काल से पहले लिया जा रहा किराया फिर से लागू कर दिया गया है. देहरादून बस स्टैंड से अपनी यात्रा करने वाले सुरजन सिंह कंडारी का कहना है कि सरकार ने बसों के संचालन को बढ़ाया है और किराए में कटौती कर सरकार ने जनहित में काम किया है. बस स्टैंड में मौजूद यात्रियों का मानना है कि लोगों ने कोरोना के साथ जीना सीख लिया है. ऐसे में एहतियात के साथ सभी काम किए जा रहे हैं. वहीं, बस स्टैंड में मौजूद ऑटो संचालक एसके आहूजा ने भी बताया कि लॉकडाउन की वजह से पूरा कारोबार चौपट हो गया था. ग्राहकों के नहीं मिलने के कारण ऑटो ड्राइवर घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे.

हिल डिपो के स्टेशन इंचार्ज मेजपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश के बाहर बसों के संचालन में लोगों का रुझान ज्यादा नहीं देखने को मिल रहा है. लेकिन, प्रदेश के पहाड़ी जिलों में लोग ज्यादा यात्राएं कर रहे हैं. मेजपाल सिंह के मुताबिक लॉकडाउन के बाद लोग मसूरी, नैनीताल जैसे शहरों के लिए सफर कर रहे हैं. इसके साथ ही एक खास बात देखने को मिली, जब किराया बढ़ा हुआ था तो परिवहन निगम घाटे में था. लेकिन जैसे ही किराया पहले की तरह हुआ तो परिवहन निगम के रेवेन्यू में बढ़ोतरी देखी गई है.

मेजपाल सिंह ने बताया कि मसूरी के लिए पूरे दिन में 15 से 17 फेरे लग रहे हैं. वहीं, मसूरी जाने वाली बस में परिचालक का काम करने वाले नाहर सिंह का कहना है कि कोविड-19 के दौर में जब शुरूआत में बसों का संचालन दोगुने किराए के साथ शुरू हुआ तो यात्रियों की संख्या बेहद कम थी. और लोग डरे हुए भी थे. जिसकी वजह से अधिकतर बसें खाली रहती थी. लेकिन अब बसों को यात्रियों के लिए सुरक्षित किया जा रहा है, जिसकी वजह से यात्रियों का डर खत्म हो रहा है और लोग बसों में सफर कर रहे हैं.

देहरादून: कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन से जिंदगी सहमी थी, भय से लोग घरों में कैद रहे. लेकिन, अनलॉक के बाद धीरे-धीरे लोगों ने डर को जीत लिया. वक्त के साथ लोगों ने एहतियात बरता और जिंदगी फिर पटरी लौट आई है. राजधानी देहरादून के रोडवेज बस अड्डे से छह महीने बाद बाहरी राज्यों के लिए बसों का संचालन शुरू हुआ तो परिसर की पुरानी रौनक लौट आई. कोविड महामारी से लॉकडाउन के कारण प्रदेश को आर्थिक मंदी का झटका भी लगा है.

देहरादून में अनलॉक के बाद पटरी पर लौटी जिंदगी.

अनलॉक-5 के प्रक्रिया के तहत अब उत्तराखंड विकास के रास्ते पर सरपट दौड़ रहा है.कोरोना काल के छह महीने बीते 24 सितंबर को पूरे हो गए हैं. इन छह महीनों में ठहराव के पड़ाव को पार कर जिंदगी ने कैसे रफ्तार पकड़ी, देहरादून हिल डिपो से स्पेशल रिपोर्ट.

राजधानी देहरादून का पलटन बाजार, आढ़त बाजार, मछली बाजार, कोतवाली बाजार और हनुमान चौक शहर के मशहूर बाजार हैं और इसी के पास मौजूद हिल डिपो से प्रदेश के सभी पर्वतीय अंचलों के लिए रोडवेज की बसें संचालित होती हैं. अनलॉक 5 में बसों के संचालन को मिली छूट और किराए में हुई घटौती के बाद रोडवेज बस स्टैंड के पास कारोबार करने वाले व्यापारियों को राहत की किरण दिखाई दी है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में देहरादून हिल डिपो में पिछले 40 सालों से फलों की दुकान लगाने वाली सुमित्रा देवी कहती हैं कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में इस तरह का संकट नहीं देखा था. कोरोना के कारण कई महीनों से बस स्टेशन पर सन्नाटा पसरा हुआ था. ऐसे में रोजाना होने वाली 100-200 रुपए की कमाई भी बंद हो गई थी, जिसकी वजह से घर चलाना मुश्किल हो रहा था. समित्रा देवी का कहना है कि अनलॉक के कारण अब जिंदगी पटरी पर लौट रही है, ऐसे में जल्द ही हालात पहले की तरह सामान्य हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें: देहरादून: कोरोना संकट के बीच 'ऑपरेशन एंबुलेंस', बेनकाब हुए कई चेहरे

अनलॉक-5 से उत्तराखंड के होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को भी एक उम्मीद की किरण नजर आई है. हिल डिपो में रेस्टोरेंट चलाने वाले नीरज का कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन के चलते रेस्टोरेंट में काम करने वाले लोग नौकरी छोड़ चले गए थे. लेकिन अब यात्रियों की बढ़ती संख्या और सामान्य होते हालात को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि जल्द रेस्टोरेंट कारोबार भी चलने लगेगा.

उत्तराखंड परिवहन निगम की सेवाएं शुरू होने से यात्रियों को बड़ी राहत मिली है. खास बात यह है कि कोरोना काल से पहले लिया जा रहा किराया फिर से लागू कर दिया गया है. देहरादून बस स्टैंड से अपनी यात्रा करने वाले सुरजन सिंह कंडारी का कहना है कि सरकार ने बसों के संचालन को बढ़ाया है और किराए में कटौती कर सरकार ने जनहित में काम किया है. बस स्टैंड में मौजूद यात्रियों का मानना है कि लोगों ने कोरोना के साथ जीना सीख लिया है. ऐसे में एहतियात के साथ सभी काम किए जा रहे हैं. वहीं, बस स्टैंड में मौजूद ऑटो संचालक एसके आहूजा ने भी बताया कि लॉकडाउन की वजह से पूरा कारोबार चौपट हो गया था. ग्राहकों के नहीं मिलने के कारण ऑटो ड्राइवर घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे.

हिल डिपो के स्टेशन इंचार्ज मेजपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश के बाहर बसों के संचालन में लोगों का रुझान ज्यादा नहीं देखने को मिल रहा है. लेकिन, प्रदेश के पहाड़ी जिलों में लोग ज्यादा यात्राएं कर रहे हैं. मेजपाल सिंह के मुताबिक लॉकडाउन के बाद लोग मसूरी, नैनीताल जैसे शहरों के लिए सफर कर रहे हैं. इसके साथ ही एक खास बात देखने को मिली, जब किराया बढ़ा हुआ था तो परिवहन निगम घाटे में था. लेकिन जैसे ही किराया पहले की तरह हुआ तो परिवहन निगम के रेवेन्यू में बढ़ोतरी देखी गई है.

मेजपाल सिंह ने बताया कि मसूरी के लिए पूरे दिन में 15 से 17 फेरे लग रहे हैं. वहीं, मसूरी जाने वाली बस में परिचालक का काम करने वाले नाहर सिंह का कहना है कि कोविड-19 के दौर में जब शुरूआत में बसों का संचालन दोगुने किराए के साथ शुरू हुआ तो यात्रियों की संख्या बेहद कम थी. और लोग डरे हुए भी थे. जिसकी वजह से अधिकतर बसें खाली रहती थी. लेकिन अब बसों को यात्रियों के लिए सुरक्षित किया जा रहा है, जिसकी वजह से यात्रियों का डर खत्म हो रहा है और लोग बसों में सफर कर रहे हैं.

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