ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में अन्तरराष्ट्रीय विद्यार्थी परिषद के तत्वाधान में 'चलो भारत को समझे कार्यक्रम' का आयोजन किया गया. जिसमें विश्व के 33 देशों से आये 125 विद्यार्थियों ने सहभाग किया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, डिप्टी हाई कमिशनर फिजी निलेश कुमार, साध्वी भगवती सरस्वती, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के अध्यक्ष वीरेन्द्र गुप्ता ने किया.
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने विभिन्न देशों से आये छात्रों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि यह आपका हिमालयन होम है, आपका अपना घर है. भारत की यात्रा भीतर की यात्रा है. इंडिया केवल एक कन्ट्री नहीं बल्कि कल्चर है. उन्होंने कहा कि आज आप चारों ओर इंटरनेट का जाल बिछा देख रहे है, इंटरनेट से जुड़े रहना अच्छी बात है, परन्तु इसके साथ आप इनर नेट से भी जुड़े रहें, दोनों में बैलेंस बनाकर रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि बैलेंस ही तो जीवन है.
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वहीं साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि भारत को समझने के लिये पहले स्वयं को समझे. भारत केवल एक देश नहीं है बल्कि यह तो जीवंत राष्ट्र है जहां पर गंगा, हिमालय, तुलसी और गाय की पूजा की जाती है, जहां के कण-कण में जानने के लिये बहुत कुछ है.
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अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के अध्यक्ष वीरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि उनका उद्देश्य वसुधैव कुटुम्बकम् का है. हमारे देश में लगभग 20 हजार से अधिक विदेशी छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं, हमारा प्रयास है कि उन्हें भारत में भी घर जैसा माहौल मिले.