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बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलें, नेता प्रतिपक्ष ने CM को पत्र लिखकर मुआवजा देने की मांग की - demanded compensation for the crops

उत्तराखंड में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर किसानों और काश्तकारों को मुआवजा देने की मांग की है.

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Published : Mar 21, 2023, 4:42 PM IST

देहरादून: प्रदेशभर में हो रही बारिश और ओले गिरने के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हुईं हैं. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखकर किसानों और बागवानों की समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और उन्हें तुरंत नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है.

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को लिखे पत्र में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने किसानों की समस्याओं को उठाया और कहा कि प्रदेश भर में हो रही भारी बारिश और तूफानी हवाओं के कारण पहाड़ से लेकर तराई तक और भाबर तक तेज आंधी के साथ बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. इससे किसानों और काश्तकारों की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है. खड़ी फसलों पर भारी बारिश और ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है और खेतों में तैयार फसल उजड़ चुकी है. फल और साग सब्जियां भी तहस-नहस हो चुकी हैं.

  • किसान पहले से ही बुरी तरह त्रस्त है ऊपर से प्राकृतिक मार किसान की आर्थिक स्थिति को और बिगाड़ दिया है।जिसका सीधा असर उसके परिवार के पालन पोषण पर पड़ेगा ।यह राज्य सरकार के लिए करुणा और सहानुभूति के साथ आगे बढ़ने का समय है।@pushkardhami @INCIndia pic.twitter.com/UriLGeMkdp

    — Yashpal Arya (@IamYashpalArya) March 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यशपाल आर्य का कहना है कि कृषक पूरे साल चिंता और असुरक्षा के भाव में जीता है, क्योंकि कभी बारिश में तो कभी बारिश के अभाव में उनकी आंखों के सामने फसलें नष्ट होती हैं. उन्होंने कहा कि कभी पाले से तो कभी ओलावृष्टि से किसान को फसलों का खासा नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में किसान चैन की नींद उसी दिन लेता है, जब वह अपनी फसल को खेत से निकाल कर घर ले जाता है.
ये भी पढ़ें: मसूरी में ओलों ने तोड़ी काश्तकारों की कमर, ठंड से मरीज भी बढ़े

यशपाल आर्य का कहना है कि सच है कि आपदा में टूटी हुई नहरें भी अब तक दुरुस्त नहीं हो पाई हैं. इसके अलावा डीजल-पेट्रोल, कीटनाशक, खाद-बीज सब महंगा हो गया है. एक तरफ हो रही भारी बारिश और दूसरी तरफ बाजारों में फसल के उचित दाम नहीं मिल पाने के कारण किसानों को पहले से ही आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने आलू उत्पादकों का मसला भी उठाते हुए कहा कि आलू उत्पादक किसानों को बीमा कंपनियां लगातार बीमा के नाम पर लूट रही हैं. किसानों के विगत वर्षों की बीमा राशि का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है, जबकि फसल बीमा योजना के नाम पर कंपनियां हजारों करोड़ों का मुनाफा कमाने में लगी गई हैं.

उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि इस वर्ष ही नहीं बल्कि किसान कई वर्षों से मौसम की मार झेलते आ रहे हैं. उन्हें कई सीजन से सरकार की ओर से उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया है कि प्रदेश भर के किसानों और बागवानों की समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए और उन्हें तत्काल उनकी फसलों और फलों के हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से किसानों की फसलों के बीमे की राशि के भुगतान किये जाने का अनुरोध किया है.

देहरादून: प्रदेशभर में हो रही बारिश और ओले गिरने के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हुईं हैं. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखकर किसानों और बागवानों की समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और उन्हें तुरंत नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है.

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को लिखे पत्र में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने किसानों की समस्याओं को उठाया और कहा कि प्रदेश भर में हो रही भारी बारिश और तूफानी हवाओं के कारण पहाड़ से लेकर तराई तक और भाबर तक तेज आंधी के साथ बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. इससे किसानों और काश्तकारों की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है. खड़ी फसलों पर भारी बारिश और ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है और खेतों में तैयार फसल उजड़ चुकी है. फल और साग सब्जियां भी तहस-नहस हो चुकी हैं.

  • किसान पहले से ही बुरी तरह त्रस्त है ऊपर से प्राकृतिक मार किसान की आर्थिक स्थिति को और बिगाड़ दिया है।जिसका सीधा असर उसके परिवार के पालन पोषण पर पड़ेगा ।यह राज्य सरकार के लिए करुणा और सहानुभूति के साथ आगे बढ़ने का समय है।@pushkardhami @INCIndia pic.twitter.com/UriLGeMkdp

    — Yashpal Arya (@IamYashpalArya) March 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यशपाल आर्य का कहना है कि कृषक पूरे साल चिंता और असुरक्षा के भाव में जीता है, क्योंकि कभी बारिश में तो कभी बारिश के अभाव में उनकी आंखों के सामने फसलें नष्ट होती हैं. उन्होंने कहा कि कभी पाले से तो कभी ओलावृष्टि से किसान को फसलों का खासा नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में किसान चैन की नींद उसी दिन लेता है, जब वह अपनी फसल को खेत से निकाल कर घर ले जाता है.
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यशपाल आर्य का कहना है कि सच है कि आपदा में टूटी हुई नहरें भी अब तक दुरुस्त नहीं हो पाई हैं. इसके अलावा डीजल-पेट्रोल, कीटनाशक, खाद-बीज सब महंगा हो गया है. एक तरफ हो रही भारी बारिश और दूसरी तरफ बाजारों में फसल के उचित दाम नहीं मिल पाने के कारण किसानों को पहले से ही आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने आलू उत्पादकों का मसला भी उठाते हुए कहा कि आलू उत्पादक किसानों को बीमा कंपनियां लगातार बीमा के नाम पर लूट रही हैं. किसानों के विगत वर्षों की बीमा राशि का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है, जबकि फसल बीमा योजना के नाम पर कंपनियां हजारों करोड़ों का मुनाफा कमाने में लगी गई हैं.

उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि इस वर्ष ही नहीं बल्कि किसान कई वर्षों से मौसम की मार झेलते आ रहे हैं. उन्हें कई सीजन से सरकार की ओर से उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया है कि प्रदेश भर के किसानों और बागवानों की समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए और उन्हें तत्काल उनकी फसलों और फलों के हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से किसानों की फसलों के बीमे की राशि के भुगतान किये जाने का अनुरोध किया है.

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