देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा सत्र (Uttarakhand Assembly Session) के दौरान विपक्ष ने नियम 310 के तहत प्रदेश में बिजली कटौती और जल विद्युत परियोजना को लेकर सवाल उठाया. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में 24 घंटे बिजली देने की बात कही थी. जबकि उत्तराखंड में अघोषित बिजली कटौती से लोग परेशान हैं. कारखाने कई घंटों तक बंद रहते हैं.
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बिजली कटौती की वजह से लोग अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. ऊर्जा विभाग के उच्च अधिकारी महंगे दामों पर बिजली खरीद रहे हैं, यह एक जांच का विषय है. उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश होने के बावजूद भी यहां की जनता के लिए यह एक खिलवाड़ है, जो कि सरकार पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.
सवालों से बच रही सरकार: यशपाल आर्य ने कहा कि सत्र 20 जून तक चलना था पर आज सत्र की समाप्ति की जा रही है, जिसकी वजह से विपक्ष के कई सवाल बाकी है और सरकार विपक्ष के सवालों से पूरी तरह बचने की कोशिश कर रही है.
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प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती: उत्तराखंड में बिजली कटौती से आलाधिकारियों की नींद उड़ी हुई है. यूपीसीएल बिजली की कमी को पूरा करने के लिए बाजार से महंगी बिजली खरीद रहा है. उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL) से मिले आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड में वर्तमान में कुल 21 जल विद्युत परियोजनाएं संचालित है. इसमें से 17 जल विद्युत परियोजना राज्य सरकार की हैं और 2 पावर प्रोजेक्ट THDC के हैं. 2 पावर प्रोजेक्ट NHPC के हैं और 2 प्राइवेट प्रोजेक्ट हैं, जिसमें एक JP ग्रुप का और दूसरा GVK ग्रुप के हैं.
इसके साथ ही राज्य में 24 पावर प्रोजेक्ट बंद पड़े हैं. इसमें से 10 प्रोजेक्ट संचालित करने की अनुमति मिलने वाली है. यह पावर प्रोजेक्ट जाकर गंगा जल से संचालित है. उत्तराखंड ऊर्जा विभाग को राज्य के पावर प्रोजेक्ट सोर्सिंग से लगभग 15 मिलियन यूनिट प्रतिदिन प्राप्त हो रही है, बाकी यूपीसीएल बाहर से खरीदनी है.