देहरादून: आप भी अपने वाहन का प्रदूषण जांच पत्र जल्द से जल्द बनवा लें, नहीं तो 31 मार्च के बाद वाहन से संबंधित आरटीओ में कोई काम नहीं होगा. वाहनों की प्रदूषण जांच को लेकर एनजीटी की सख्ती के बाद परिवहन विभाग ने यह कदम उठाया है. अभी तक आरटीओ में वाहन का टैक्स जमा करने, परमिट रिन्युअल, वाहन का इंश्योरेंस जरूरी था, लेकिन अब प्रदूषण प्रमाण-पत्र भी जरूरी कर दिया गया है. सोमवार से आरटीओ में नियम को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा.
देहरादून में तकरीबन साढ़े दस लाख वाहन पंजीकृत है और वर्तमान में साढ़े चार लाख वाहनों का प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी हुए हैं. ऐसे में विभाग की ओर से एनआईसी से उन छह लाख वाहनों की लिस्ट मांगी गई है, जिनके पास प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र नहीं है. एनजीटी के आदेश के बाद देहरादून और ऋषिकेश के परिवहन अधिकारी ने प्रक्रिया करनी शुरू कर दी है, क्योंकि एनजीटी ने आदेश दिया है कि अगर यह रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया तो परिवहन अधिकारियों पर जुर्माना लगाया जाएगा.
अगर, वाहन स्वामी द्वारा प्रदूषण प्रमाण पत्र 31 मार्च तक नहीं बनवाया तो वह अपने वाहन को बेच नहीं सकेगा. क्योंकि वह दूसरे के नाम पर ट्रांसफर नहीं होगा. वाहन का फिटनेस प्रमाण-पत्र भी जारी नहीं हो पाएगा, व्यवसायिक वाहनों का टैक्स जमा नहीं कराया जा सकेगा, वाहनों के परमिट से संबंधित कोई कार्य नहीं होगा और पंजीकरण वैधता खत्म होने पर वाहन का दोबारा पंजीकरण नहीं हो सकेगा.
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आरटीओ दिनेश पठोई ने जानकारी देते हुए बताया कि अब वाहन से जुड़े किसी भी कार्य के लिए प्रदूषण प्रमाण-पत्र अनिवार्य कर दिया गया है. आरटीओ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वाहन की फिटनेस से लेकर ट्रांसफर परमिट और टैक्स से जुड़ा कोई भी काम करने से पहले वहां के प्रदूषण प्रमाण-पत्र की जांच की जाएगी और यह व्यवस्था सोमवार से लागू हो रही है. सभी वाहन स्वामियों को 31 मार्च तक समय दिया गया है और उसके बाद आरटीओ में वाहन से सम्बंधित कोई भी काम नहीं होगा.