देहरादून: डोईवाला तहसील अंतर्गत भू माफिया सरकारी जमीनों को कब्जाने के लिए कागजों में हेराफेरी कर रहे हैं. ताजा मामला माजरी ग्रांट का है, जहां कुछ भू माफियाओं ने शीशम के जंगल पर ही कब्जा कर लिया. वहीं, जब इसकी भनक जनप्रतिनिधियों को लगी तो, उन्होंने इसका विरोध किया. हालांकि सूचना मिलने के बाद तहसील प्रशासन अवैध कब्जों को चिन्हित कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रहा है.
माजरी ग्रांट के उप प्रधान ने की शिकायत: माजरी ग्रांट के उप प्रधान रामचंद्र ने बताया कि कुछ भूमाफिया खाली पड़ी सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं. उन्होंने इसकी शिकायत उप जिलाधिकारी डोईवाला से की है और सरकारी जमीन को खाली कराने के लिए कहा है, ताकि यह जमीन सरकारी उपयोग में आ सके. वहीं, उप जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के जो भी मामले सामने आ रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि डोईवाला क्षेत्र अंतर्गत सैकड़ों बीघा जमीन को भू माफियाओं से छुड़वाया गया है.
तहसील प्रशासन कर रहा तुरंत कार्रवाई: शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि माजरी ग्रांट और मारखम ग्रांट में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के मामले सामने आए हैं. दोनों मामलों में तुरंत कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि मारखम ग्रांट में कुछ भू माफियाओं ने किसानों के रास्ते बंद करने का काम किया था, जिसको खुलवा दिया गया है. साथ ही तहसील प्रशासन की टीम ने जमीन की नाप जोख करके सरकारी जमीन को भू माफियाओं के चंगुल से छुड़वाया है.
गांव निवारमंडी में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर: उधमसिंह नगर के जसपुर अंतर्गत आने वाले निवारमंडी में हाईकोर्ट के आदेशों के बाद उपजिलाधिकारी जसपुर के नेतृत्व में अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाया गया है. अतिक्रमण की कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा.
राजस्व विभाग ने 26 मकानों को दिया था नोटिस: जसपुर के निवारमंडी गांव निवासी ने अतिक्रमण हटाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें हाईकोर्ट के आदेशों के बाद आज अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाया गया है. पहले जसपुर राजस्व विभाग ने गांव में चिन्हित 26 मकानों को नोटिस दिया था. जसपुर उपजिलाधिकारी सीमा विश्वकर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने निवारमंडी गांव में चार खसरों में जीतने भी अतिक्रमण हैं, उन्हें हटाने के निर्देश दिए गए थे. उसी के क्रम में आज ये कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि लगभग 30 मकान हैं, जो अतिक्रमण की जद में हैं.
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