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सीएम की घोषणाओं को कब पहनाया जाएगा अमलीजामा?  मीलों का सफर करने को मजबूर लोग

तहसील मुख्यालयों में सभी जगह हैं सब रजिस्ट्रार कार्यालय, मगर इसे अपवाद नहीं तो और क्या कहेंगे कि नरेंद्रनगर तहसील में सब रजिस्ट्रार कार्यालय ना होने से जमीन संबंधी दस्तावेजों और अन्य प्रकरणों सम्बन्धी पंजीकरण कराने 150 किलोमीटर दूर देवप्रयाग जाना पड़ रहा है.

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Published : Nov 25, 2019, 7:10 AM IST

नरेंद्रनगर में सब रजिस्ट्रार कार्यालय नहीं होने से परेशान लोग.

ऋषिकेश: जनता की मांग पर विगत वर्षों पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नरेंद्र नगर में सब रजिस्ट्रार कार्यालय खोले जाने का आश्वासन दिया था. बावजूद इसके दोनों मुख्यमंत्रियों की घोषणाएं अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई हैं. वहीं टिहरी शिफ्ट होने के बाद से नरेंद्रनगर के लोगों को सब रजिस्ट्रार कार्यालय नहीं होने के चलते जमीन संबंधी और अन्य प्रकरणों के पंजीकरण के लिए 150 किलोमीटर दूर देवप्रयाग जाना पड़ रहा है.

पढ़ें- सालों से धूल फांक रहे कंडम वाहन, नीलामी के नाम पर घोटाले का नया तरीका तो नहीं तलाश रहा निगम?

बता दें कि नरेंद्र नगर 63 वर्षों तक टिहरी जिले का जिला मुख्यालय रहा, मगर वर्ष 1989 में नरेंद्र नगर से जिला मुख्यालय नई टिहरी शिफ्ट कर दिया गया और तब से यहां के लोगों को रजिस्ट्रेशन करवाने 150 किलोमीटर दूर देवप्रयाग जाने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं गरीब लोग अधिक दूरी होने और आर्थिक तंगी के कारण जमीन की रजिस्ट्री करवाने से भी वंचित रह जाते हैं.

नरेंद्रनगर में सब रजिस्ट्रार कार्यालय नहीं होने से परेशान लोग.

गौर हो कि भूमि संबंधी पंजीकरण की व्यवस्था के लिए यहां महीने के 2 हफ्तों में 3-3 दिन सब रजिस्ट्रार को कैंप लगाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन ऑनलाइन होने के बाद यह व्यवस्था भी चौपट हो गई. वहीं अब इतने सालों के इंतेजार के बाद क्षेत्र की जनता इस इंतजार में है कि मुख्यमंत्री की घोषणा कब धरातल पर उतरती है.

ऋषिकेश: जनता की मांग पर विगत वर्षों पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नरेंद्र नगर में सब रजिस्ट्रार कार्यालय खोले जाने का आश्वासन दिया था. बावजूद इसके दोनों मुख्यमंत्रियों की घोषणाएं अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई हैं. वहीं टिहरी शिफ्ट होने के बाद से नरेंद्रनगर के लोगों को सब रजिस्ट्रार कार्यालय नहीं होने के चलते जमीन संबंधी और अन्य प्रकरणों के पंजीकरण के लिए 150 किलोमीटर दूर देवप्रयाग जाना पड़ रहा है.

पढ़ें- सालों से धूल फांक रहे कंडम वाहन, नीलामी के नाम पर घोटाले का नया तरीका तो नहीं तलाश रहा निगम?

बता दें कि नरेंद्र नगर 63 वर्षों तक टिहरी जिले का जिला मुख्यालय रहा, मगर वर्ष 1989 में नरेंद्र नगर से जिला मुख्यालय नई टिहरी शिफ्ट कर दिया गया और तब से यहां के लोगों को रजिस्ट्रेशन करवाने 150 किलोमीटर दूर देवप्रयाग जाने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं गरीब लोग अधिक दूरी होने और आर्थिक तंगी के कारण जमीन की रजिस्ट्री करवाने से भी वंचित रह जाते हैं.

नरेंद्रनगर में सब रजिस्ट्रार कार्यालय नहीं होने से परेशान लोग.

गौर हो कि भूमि संबंधी पंजीकरण की व्यवस्था के लिए यहां महीने के 2 हफ्तों में 3-3 दिन सब रजिस्ट्रार को कैंप लगाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन ऑनलाइन होने के बाद यह व्यवस्था भी चौपट हो गई. वहीं अब इतने सालों के इंतेजार के बाद क्षेत्र की जनता इस इंतजार में है कि मुख्यमंत्री की घोषणा कब धरातल पर उतरती है.

Intro:Feed send on FTP Folder name-- Tahsil ऋषिकेश--तहसील मुख्यालयों में सभी जगह हैं सब रजिस्ट्रार कार्यालय, मगर इसे अपवाद नहीं तो और क्या कहेंगे कि नरेंद्रनगर तहसील में सब रजिस्ट्रार कार्यालय ना होने से जमीन संबंधी दस्तावेजों व अन्य प्रकरणों सम्बन्धी पंजीकरण तब से नहीं हो पा रहे हैं जब से यह प्रक्रिया ऑनलाइन हुई है।


Body:वी/ओ--जनता की मांग पर विगत वर्षों पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नरेंद्र नगर में सब रजिस्ट्रार कार्यालय खोले जाने का आश्वासन दिया था,मगर दोनों मुख्यमंत्रियों की घोषणाएं अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई हैं,नरेंद्र नगर 63 वर्षों तक टिहरी जिले का जिला मुख्यालय रहा,मगर वर्ष 1989 में नरेंद्र नगर से जिला मुख्यालय नई टिहरी शिफ्ट किया गया, तब से यहां के लोगों को 150 किलोमीटर दूर देवप्रयाग जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।


Conclusion:वी/ओ--बहुत से गरीब लोग अधिक दूरी होने और आर्थिक तंगी के कारण जमीन की रजिस्ट्री करवाने से भी वंचित रह जाते हैं, भूमि संबंधी पंजीकरण की व्यवस्था के लिए यहां महीने के 2 हफ्तों  में 3-3 दिन सब रजिस्ट्रार को कैंप लगाने के आदेश थे, मगर ऑनलाइन होने के बाद यह व्यवस्था भी चौपट हो गयी,क्षेत्र की जनता इस इंतजार में है कि मुख्यमंत्री की घोषणा कब धरातल पर उतरती है? बाईट-- पूर्व पालिका अध्यक्ष सोबन सिंह नेगी, बाईट-- कृषक जगदीश कुलियाल
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