देहरादून: आरटीओ कार्यालय देहरादून में कई सालों से धूल फांक रही 10 लाख से अधिक फाइलों के डिजिटलाइजेशन पर संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि विश्व बैंक ने बजट देने से हाथ खड़े कर दिए हैं. परिवहन विभाग के पास डिजिटलाइजेशन के लिए 31 दिसंबर तक का ही बजट है और डिजिटलाइजेशन करने के लिए परिवहन विभाग के पास 31 मार्च तक का समय मिला हुआ है. ऐसे में परिवहन मुख्यालय से 30 लाख रुपए के बजट की मांग की गई है.
हालांकि, परिवहन विभाग द्वारा विश्व बैंक से बातचीत चल रही है और विश्व बैंक ने इस पर विचार करने के लिए कहा है. वहीं, आरटीओ का कहना है कि अगर बजट नहीं मिलता है, तो डिजिटलाइजेशन का काम रुक जाएगा और दोबारा शुरू करना मुश्किल हो जाएगा. आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि आरटीओ कार्यालय में कुल 10 लाख फाइल हैं. 10 लाख फाइलों में करीब डेढ़ करोड़ पेज हैं. हमे लक्ष्य मिला था कि इन सब फाइलों का डिजिटलाइजेशन कराना है, उसके लिए हमारे पास डाटा सॉफ्ट एक टीम है, जिसमें 50 लोग लगे हुए है.
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साथ ही फाइलों को नंबरिंग और मैनेज करने के लिए पीआरडी के जवान लगा रखे हैं. इसके तहत प्रतिदिन 50 हजार से 60 हजार पेज डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है. हमारा लक्ष्य है कि सवा लाख पेज प्रतिदिन स्कैन करेंगे, जिसको 31 मार्च तक लक्ष्य पूरा करेंगे. हमारे पास जो बजट है वह 31 दिसंबर तक का है. आगे हम लोगों को कितने बजट की आवश्यकता है. उसके लिए 30 लाख रुपए के बजट का प्रस्ताव विश्व बैंक को भेजा है.
उन्होंने कहा कि यह काम काफी तेजी से चल रहा है. अगर बजट की कमी की वजह से यह काम रुकता है, तो दोबारा करना काफी मुश्किल हो जाएगा. विश्व बैंक के द्वारा सहमति दी गई है. इस पर विचार किया जायेगा और उम्मीद की जा रही है कि हम लोगों को बजट मिल जाएगा.
बता दें, शासन और परिवहन मुख्यालय के निर्देश पर आरटीओ कार्यालय में 10 लाख से अधिक फाइलों का डिजिटल डाटा तैयार किया जा रहा है. इससे फाइलों का अंबार तो खत्म होगा ही साथ ही एक क्लिक पर सारा डाटा उपलब्ध हो सकेगा. इस कार्य के लिए अभी तक विश्व बैंक बजट दे रहा था, लेकिन अब उन्होंने बजट देने से इनकार कर दिया हैं.