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बेटे की रिहाई के लिए पिता ने खुद को रखा गिरवी, प्रताड़ित होने पर SP से मांगी मदद - मजदूर ने खुद को गिरवी रखा न्यूज

यूं तो बाप अपनी औलाद की खुशी के लिए अपनी खुशियों को भूल जाता है लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर में एक मजदूर ने अपने बेटे को जेल से निकालने के लिए खुद को ही सूदखोर के हाथों गिरवी रख दिया.

बेटे की रिहाई के लिए पिता ने खुद को रखा गिरवीं.
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Published : Nov 6, 2019, 1:18 PM IST

इंदौर (मध्य प्रदेश): एक मजबूर मजदूर पिता ने अपने बेटे को जेल से छुड़ाने के लिए खुद को 50 हजार में गिरवी रख दिया. तीन साल बीत जाने के बाद भी मजदूर का पूरा परिवार कई यातनाएं सह कर आज भी कर्ज चुका रहा है, लेकिन यातनाएं सहनशक्ति से बाहर हो गईं तो परेशान मजदूर पुलिस जनसुनवाई पहुंचा. मजदूर की परेशानी सुनने के बाद एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र ने खुड़ैल थाना प्रभारी को मामले की जांच के निर्देश दिये.


तन पर फटे कपड़े और आंखों में आंसू लिए एसपी ऑफिस में जनसुनवाई में पहुंचे इस शख्स का नाम आनंदीलाल है, पेशे से मजदूर आनंदीलाल ने जेल में बंद अपने बेटे को छुड़ाने के लिए रूप सिंह दांगी नाम के व्यक्ति से 50 हजार रुपए का कर्ज लिया था. 3 साल बीत जाने के बाद भी मजदूर और उसका पूरा परिवार यातनाओं के बीच रूप सिंह के यहां बंधुआ मजदूरी कर रहा है. जब यातनाएं सहनशक्ति से बाहर हो गई तो मजदूर भागकर एसपी आफिस में ही रही जनसुनवाई में जा पहुंचा और एसएसपी ने मामले की पड़ताल कर खुड़ैल थाना प्रभारी को मामले जांच करने के निर्देश दिए.

बेटे की रिहाई के लिए पिता ने खुद को रखा गिरवीं.


फिलहाल, इस घटना के सामने आने के बाद अब पुलिस भी सख्त कार्रवाई करने की बात कह रही है, अब देखना होगा कि मजदूर और उसके परिवार को बंधुआ मजदूरी से कब तक छुटाकारा मिलता है.

इंदौर (मध्य प्रदेश): एक मजबूर मजदूर पिता ने अपने बेटे को जेल से छुड़ाने के लिए खुद को 50 हजार में गिरवी रख दिया. तीन साल बीत जाने के बाद भी मजदूर का पूरा परिवार कई यातनाएं सह कर आज भी कर्ज चुका रहा है, लेकिन यातनाएं सहनशक्ति से बाहर हो गईं तो परेशान मजदूर पुलिस जनसुनवाई पहुंचा. मजदूर की परेशानी सुनने के बाद एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र ने खुड़ैल थाना प्रभारी को मामले की जांच के निर्देश दिये.


तन पर फटे कपड़े और आंखों में आंसू लिए एसपी ऑफिस में जनसुनवाई में पहुंचे इस शख्स का नाम आनंदीलाल है, पेशे से मजदूर आनंदीलाल ने जेल में बंद अपने बेटे को छुड़ाने के लिए रूप सिंह दांगी नाम के व्यक्ति से 50 हजार रुपए का कर्ज लिया था. 3 साल बीत जाने के बाद भी मजदूर और उसका पूरा परिवार यातनाओं के बीच रूप सिंह के यहां बंधुआ मजदूरी कर रहा है. जब यातनाएं सहनशक्ति से बाहर हो गई तो मजदूर भागकर एसपी आफिस में ही रही जनसुनवाई में जा पहुंचा और एसएसपी ने मामले की पड़ताल कर खुड़ैल थाना प्रभारी को मामले जांच करने के निर्देश दिए.

बेटे की रिहाई के लिए पिता ने खुद को रखा गिरवीं.


फिलहाल, इस घटना के सामने आने के बाद अब पुलिस भी सख्त कार्रवाई करने की बात कह रही है, अब देखना होगा कि मजदूर और उसके परिवार को बंधुआ मजदूरी से कब तक छुटाकारा मिलता है.

Intro:एंकर:- एक मजदूर पिता ने अपने बेटे को जेल से छुड़ाने के लिए खुद को 50 हजार में गिरवी रख दिया। तीन साल बीत जाने के बाद भी मजदूर का पूरा परिवार कई यातनाये सह कर आज भी कर्ज चुका रहा है। लेकिन यातनाये सहनशक्ति से बाहर हो गयी तो मजदूर भाग कर पुलिस जनसुनवाई में जा पहुँचा। मजदूर की परेशानी सुन एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र ने खुड़ैल थाना प्रभारी को जांच के निर्देश दिये।
Body:वीओ:- तन पर फटे कपड़े और आंखों में आंसू लिए एसपी आफिस जनसुनवाई में पहुँचे इस शख्स का नाम आनंदीलाल है। पेशे से मजदूर आनंदीलाल ने जेल में बंद अपने बेटे को छुड़ाने के लिए रूपसिंह दांगी नामक व्यक्ति से 50 हजार रुपये का कर्ज लिया था। 3 साल बीत जाने के बाद भी दांगी का पूरा परिवार यातनाओं के बीच उक्त व्यक्ति के यहां बलवा मजदूरी कर रहा है। जब यातनाये सहन ना हुई तो मजदूर भागकर एसपी आफिस में आयोजित जनसुनवाई में जा पहुँचा। एसएसपी ने मामले की पड़ताल कर खुड़ैल थाना प्रभारी को मामले जांच करने के निर्देश दिए।

बाईट - मजदूर
बाइट:- रुचिवर्धन मिश्र एसएसपीConclusion:वीओ - फिलहाल इस तरह की घटना सामने आने के बाद अब पुलिस भी सख्त करवाई करने की बात कह रही है।
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