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तड़के तीन बजे से ही खाता खुलवाने को पोस्ट ऑफिस में उमड़ रहे लोग, पर हाथ लग रही मायूसी

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में खाता खुलवाने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. देहरादून के मुख्य डाकघर में सुबह 3:00 बजे से लेकर बिहार व पूर्वांचल के श्रमिक पोस्ट ऑफिस बैंक में अकाउंट खुलवाने को लेकर लगातार चक्कर काट रहे हैं.

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Published : Apr 30, 2020, 7:37 PM IST

Updated : Apr 30, 2020, 10:26 PM IST

देहरादून: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान रोजी-रोटी के संकट से गुजरने वाले अप्रवासी श्रमिकों को राज्य व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जा रही है. इसके चलते इन दिनों पोस्ट ऑफिस के अंतर्गत आने वाले इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में खाता खुलवाने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. देहरादून के मुख्य डाकघर में सुबह 3:00 बजे से बिहार व पूर्वांचल के श्रमिक पोस्ट ऑफिस बैंक में अकाउंट खुलवाने को लेकर लगातार चक्कर काट रहे हैं.

पोस्ट ऑफिस में उमड़ रहे लोग

उधर, डाकघर में एक दिन में इस योजना से जुड़े मात्र 100 खाते ही खोले जा रहे हैं. इसके चलते सैकड़ों की तादाद में अप्रवासी महिला व पुरुष श्रमिक परेशान हैं. बीते शुक्रवार से शुरू हुए खाता खोलने की इस कवायद में पहले के तीन दिन 200 खाते प्रतिदिन के हिसाब से इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक खोले जा रहे थे. लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग व सैनिटाइजिंग की समस्या सामने आने के बाद अब मुख्य डाकघर के अलावा शहर के अन्य 20 छोटे डाकघरों में खाता खोलने की कवायद की गई है. बावजूद ज्यादातर श्रमिक मुख्य डाकघर में ही कतार लगाकर खाता खुलवाने की होड़ में लगे हुए हैं.

जानकारी के मुताबिक, फ़िलहाल अलग-अलग राज्यों में मजदूरी कर रहे बिहार और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके के अप्रवासी श्रमिकों को लॉकडाउन के दौरान राज्य व केंद्र सरकार से आर्थिक मदद दी जा रही है. जिसमें वे पोस्ट ऑफिस के इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में 100 रुपए से खाता खुलवा कर सहायता राशि निकाल जा सकते हैं.

पढ़े: प्रवासियों को उत्तराखंड लाना आसान नहीं, सरकार के लिए होगी ये बड़ी चुनौती

लम्बी लाइन, फिर भी मिल रही मायूसी
श्रमिकों का कहना है कि वह कई दिनों से सुबह ही आकर लाइन में लग जाते हैं, लेकिन कम संख्या में खाता खोलने की प्रक्रिया के चलते वह लोग कतार में लगने के बावजूद मायूस लौट रहे हैं. अधिक संख्या में श्रमिक होने के कारण लगातार समस्या बढ़ती जा रही है.

क्या कहते हैं डाकघर अधिकारी

बिहार और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से पलायन करने वाले अप्रवासी श्रमिकों को उनके प्रांत की राज्य सरकार लगभग 1000 रुपये जबकि केंद्र सरकार द्वारा उनके जनधन खाते में 500 रुपये सहायता दिए जाने की खबर है. देहरादून मुख्य डाकघर के पोस्टमास्टर जनरल अनुसूया प्रसाद के मुताबिक, पिछले एक-दो दिन से सरकारों द्वारा कई श्रमिकों के इंडिया पोस्ट बैंक में खाते खुलवाए गए. खातों में यह सहायता की राशि भेजी जा रही है. ऐसे में कई श्रमिक अपने नए खातों में से पैसों की निकासी भी कर चुके हैं.

देहरादून: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान रोजी-रोटी के संकट से गुजरने वाले अप्रवासी श्रमिकों को राज्य व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जा रही है. इसके चलते इन दिनों पोस्ट ऑफिस के अंतर्गत आने वाले इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में खाता खुलवाने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. देहरादून के मुख्य डाकघर में सुबह 3:00 बजे से बिहार व पूर्वांचल के श्रमिक पोस्ट ऑफिस बैंक में अकाउंट खुलवाने को लेकर लगातार चक्कर काट रहे हैं.

पोस्ट ऑफिस में उमड़ रहे लोग

उधर, डाकघर में एक दिन में इस योजना से जुड़े मात्र 100 खाते ही खोले जा रहे हैं. इसके चलते सैकड़ों की तादाद में अप्रवासी महिला व पुरुष श्रमिक परेशान हैं. बीते शुक्रवार से शुरू हुए खाता खोलने की इस कवायद में पहले के तीन दिन 200 खाते प्रतिदिन के हिसाब से इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक खोले जा रहे थे. लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग व सैनिटाइजिंग की समस्या सामने आने के बाद अब मुख्य डाकघर के अलावा शहर के अन्य 20 छोटे डाकघरों में खाता खोलने की कवायद की गई है. बावजूद ज्यादातर श्रमिक मुख्य डाकघर में ही कतार लगाकर खाता खुलवाने की होड़ में लगे हुए हैं.

जानकारी के मुताबिक, फ़िलहाल अलग-अलग राज्यों में मजदूरी कर रहे बिहार और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके के अप्रवासी श्रमिकों को लॉकडाउन के दौरान राज्य व केंद्र सरकार से आर्थिक मदद दी जा रही है. जिसमें वे पोस्ट ऑफिस के इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में 100 रुपए से खाता खुलवा कर सहायता राशि निकाल जा सकते हैं.

पढ़े: प्रवासियों को उत्तराखंड लाना आसान नहीं, सरकार के लिए होगी ये बड़ी चुनौती

लम्बी लाइन, फिर भी मिल रही मायूसी
श्रमिकों का कहना है कि वह कई दिनों से सुबह ही आकर लाइन में लग जाते हैं, लेकिन कम संख्या में खाता खोलने की प्रक्रिया के चलते वह लोग कतार में लगने के बावजूद मायूस लौट रहे हैं. अधिक संख्या में श्रमिक होने के कारण लगातार समस्या बढ़ती जा रही है.

क्या कहते हैं डाकघर अधिकारी

बिहार और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से पलायन करने वाले अप्रवासी श्रमिकों को उनके प्रांत की राज्य सरकार लगभग 1000 रुपये जबकि केंद्र सरकार द्वारा उनके जनधन खाते में 500 रुपये सहायता दिए जाने की खबर है. देहरादून मुख्य डाकघर के पोस्टमास्टर जनरल अनुसूया प्रसाद के मुताबिक, पिछले एक-दो दिन से सरकारों द्वारा कई श्रमिकों के इंडिया पोस्ट बैंक में खाते खुलवाए गए. खातों में यह सहायता की राशि भेजी जा रही है. ऐसे में कई श्रमिक अपने नए खातों में से पैसों की निकासी भी कर चुके हैं.

Last Updated : Apr 30, 2020, 10:26 PM IST
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