ऋषिकेश: नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत शिवाजी नगर में प्रशासन की लापरवाही के कारण निर्माणाधीन पुश्ता गिरने से एक मजदूर एम्स ऋषिकेश में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है. स्थानीय लोग वन विभाग और भू-माफियाओं को इसका जिम्मेदार मान रहे हैं.
ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत शिवाजी नगर में पहाड़ के ढांग पर अवैध तरीके से पुश्ते का निर्माण किया जा रहा था. तभी ढांग के गिरने से पुश्ता भी नीचे आ गया. पुश्ता गिरने से एक मजदूर मलबे में दब गया. जबकि 11 मजदूर बाल-बाल बचे. घायल मजदूर को साथी मजदूरों और स्थानीय लोगों ने मिलकर मलबे से बाहर निकाला. जिसे उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है. मजदूर की हालत गंभीर बनी हुई है. मजदूर की पहचान नन्हे निवासी दमोह मध्य प्रदेश के रूप में हुई है.
घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि पहाड़ की ढांग गिरने से कई मकानों को खतरा बना हुआ है. मॉनसून सीजन के दौरान तमाम विभागों के अधिकारी मौके पर आए थे. जिन्होंने सरकारी स्तर पर पुश्ता लगाकर पहाड़ की ढांग को रोकने का दावा किया था. लेकिन अभी तक सरकारी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. आरोप है कि एक स्थानीय भू-माफिया बिना परमिशन वन विभाग की मिली भगत से ढांग को रोकने के लिए पुश्ता लग रहा था, जो अचानक गिर गया. पहाड़ की ढांग गिरने से पहाड़ के ऊपर बने मकानों को अब और ज्यादा खतरा हो गया है.
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तहसील प्रशासन को की गई शिकायत: लोगों का कहना है कि भू-माफिया लगातार वन विभाग की मिलीभगत से खनन करने में लगा है. जिसकी वजह से पहाड़ की ढांग लगातार नीचे गिर रही है. मौखिक रूप से वन विभाग तहसील प्रशासन को शिकायत की गई है. बावजूद इसके अधिकारियों ने खनन को रोकने की दिशा में कोई काम नहीं किया है. इसका नतीजा यह है कि आज पहाड़ की ढांग नीचे गिरी और एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया.
प्रशासन लगा चुका है रोक: वहीं, मॉनसून सीजन में भी ढांग के खिसकने की खबरों को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. उस समय जिलाधिकारी सोनिका ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए तत्कालीन एसडीएम सौरभ असवाल और तहसीलदार चमन सिंह को मौके पर भेजकर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे. प्रशासन ने उस समय कार्य भी रुकवा दिया था. लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो कुछ दिन बाद फिर से भू-माफिया सक्रिय हो गए और खनन करना शुरू कर दिया.
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प्रशासन ने वन विभाग पर डाली गेंद: वहीं इस मामले में ऋषिकेश एसडीएम योगेश मेहरा ने बताया कि जहां पर पुश्ते का निर्माण किया जा रहा था, वह वन भूमि है. ऐसे में रिपोर्ट बनाकर डीएफओ देहरादून को भेजा जा रहा है. वन विभाग की ओर से ही इस मामले पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले पर ज्यादा जानकारी के लिए देहरादून डीएफओ से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.