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Labor Day 2023: मसूरी में मनाया गया मजदूर दिवस, शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

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Published : May 1, 2023, 8:02 PM IST

मसूरी में आज मजदूर दिवस मनाया गया. इस दौरान मजदूरों ने मसूरी में रैली निकाली. साथ ही मजदूरों के हकों के लिए जान की कुर्बानी देने वाले नेताओं को श्रद्धांजलि दी. इस दौराम मजदूरों ने केंद्र और राज्य सककार को घेरा.

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मसूरी में मनाया गया मजदूर दिवस

मसूरी: मई दिवस के अमर शहीदों को 137 वें बलिदान दिवस पर ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के तत्वावधान में आयोजित रैली में श्रद्धांजलि दी गई. श्रमिकों की समस्याओं के समाधान की मांग की गई. इस मौके पर मजदूर नेताओं ने केन्द्र कि मोदी सरकार को मजदूर विरोधी बताते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के दौरान मजदूर के हितों को लेकर कई वायदे कर अच्छे दिनों के सपने दिखाये थे, मगर सत्ता हासिल करते ही मोदी जी अपने सारे वायदे भूल गये. मजदूरों ने कहा मोदी सरकार ने उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिये काम कर रही है.

मसूरी में बारिश के बाबजूद सैकडों मजदूर मसूरी के पिक्चर पैलेस चौक पर एकत्रित हुए और बड़ी संख्या में श्रमिकों ने ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के तत्वाधान में विषाल रैली निकाली. जिसमें मई दिवस के अमर शहीदों को लाल सलाम एवं दुनिया के मजदूरों एक हो के नारे के साथ ही समस्याओं से संबंधित नारे लगाये. इस मौके पर विभिन्न मजदूर संगठनों के श्रमिकों ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पर ग्रीन चौक तक रैली निकाली सभा को संबोधित किया. श्रमिक नेताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार व प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर श्रमिक विरोधी होने का आरोप लगाया. इस मौके पर मांग की गई कि होटल, स्कूल कर्मचारियों का वेतन 22000 किया जाय, भवन निर्माण मजदूरों की दैनिक मजदूरी 1000 रूपये की जाये, श्रम कानूनों पर छेड़छाड़ पर रोक लगाई जाये, सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध कराये जायें व कालोनियों का निर्माण किया जाये, नजूल की भूमि के पटटे श्रमिकों को आवंटित किए जायें, ईएसआई के बिलों का भुगतान 15दिनों के अंदर किया जाये. होटलों स्कूलों में जांच कर अंशदान कटौती के लिए कठोर कार्रवाई की जाये.

पढ़ें- Labor Day 2023 : इन समस्याओं से जूझ रहे हैं भारत के श्रमिक, जानिए भारत में कैसे मनाया गया था मई दिवस व अन्य महत्त्व

इस मौके पर मजदूर नेताओं ने केंद्र की मोदी और राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार को मजदूर विरोधी बताया. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के दौरान मजदूर के हितों को लेकर कई वादे कर अच्छे दिन के सपने दिखाए थे परन्तु सत्ता हासिल करते ही मोदी जी अपने सारे वादे भूल गये. मजदूरों का शोषण करना प्रारम्भ कर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिये काम करने लगे. उन्होंने कहा अगर सरकार द्वारा जल्द मजदूरों के हितों की रक्षा करते हुए उनकी मांगों को नहीं माना गया तो जल्द पूरे देश में सभी मजदूर संगठन लांमबंद होंगे. सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करेंगे.

मसूरी: मई दिवस के अमर शहीदों को 137 वें बलिदान दिवस पर ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के तत्वावधान में आयोजित रैली में श्रद्धांजलि दी गई. श्रमिकों की समस्याओं के समाधान की मांग की गई. इस मौके पर मजदूर नेताओं ने केन्द्र कि मोदी सरकार को मजदूर विरोधी बताते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के दौरान मजदूर के हितों को लेकर कई वायदे कर अच्छे दिनों के सपने दिखाये थे, मगर सत्ता हासिल करते ही मोदी जी अपने सारे वायदे भूल गये. मजदूरों ने कहा मोदी सरकार ने उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिये काम कर रही है.

मसूरी में बारिश के बाबजूद सैकडों मजदूर मसूरी के पिक्चर पैलेस चौक पर एकत्रित हुए और बड़ी संख्या में श्रमिकों ने ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के तत्वाधान में विषाल रैली निकाली. जिसमें मई दिवस के अमर शहीदों को लाल सलाम एवं दुनिया के मजदूरों एक हो के नारे के साथ ही समस्याओं से संबंधित नारे लगाये. इस मौके पर विभिन्न मजदूर संगठनों के श्रमिकों ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पर ग्रीन चौक तक रैली निकाली सभा को संबोधित किया. श्रमिक नेताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार व प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर श्रमिक विरोधी होने का आरोप लगाया. इस मौके पर मांग की गई कि होटल, स्कूल कर्मचारियों का वेतन 22000 किया जाय, भवन निर्माण मजदूरों की दैनिक मजदूरी 1000 रूपये की जाये, श्रम कानूनों पर छेड़छाड़ पर रोक लगाई जाये, सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध कराये जायें व कालोनियों का निर्माण किया जाये, नजूल की भूमि के पटटे श्रमिकों को आवंटित किए जायें, ईएसआई के बिलों का भुगतान 15दिनों के अंदर किया जाये. होटलों स्कूलों में जांच कर अंशदान कटौती के लिए कठोर कार्रवाई की जाये.

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इस मौके पर मजदूर नेताओं ने केंद्र की मोदी और राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार को मजदूर विरोधी बताया. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के दौरान मजदूर के हितों को लेकर कई वादे कर अच्छे दिन के सपने दिखाए थे परन्तु सत्ता हासिल करते ही मोदी जी अपने सारे वादे भूल गये. मजदूरों का शोषण करना प्रारम्भ कर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिये काम करने लगे. उन्होंने कहा अगर सरकार द्वारा जल्द मजदूरों के हितों की रक्षा करते हुए उनकी मांगों को नहीं माना गया तो जल्द पूरे देश में सभी मजदूर संगठन लांमबंद होंगे. सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करेंगे.

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