ETV Bharat / state

मसूरीः बारिश के बीच कान्हा के साथ नाचते-गाते रहे भक्त, आकर्षण का केंद्र रही पहाड़ी संस्कृति - कृष्ण शोभायात्रा

माल रोड पर बैंड बाजों और पारंपरिक ढोल दमाऊं के साथ भगवान कृष्ण की आकर्षक झांकियां निकाली गई. इन झांकियों को देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए. प्रदेश के गढ़वाली वेशभूषा धारण किए हुए कलाकारों ने भी पहाड़ी संस्कृति पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया.

160 सालों से निकाली जा रही शोभायात्रा.
author img

By

Published : Aug 25, 2019, 8:00 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी में पिछले 160 सालों से भगवान श्रीकृष्ण की डोली लगातार निकाली जा रही है. भारी बारिश के बीच सैकड़ों श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जयकारे लगाते रहे. साथ ही आसपास के गांवों के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया. डोली यात्रा के दौरान भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे.

160 सालों से निकाली जा रही शोभायात्रा.

बैंड बाजों और पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ भगवान कृष्ण की डोली मसूरी लंढोर बाजार, माल रोड, गांधी चौक तक पहुंची. इस शोभायात्रा में ब्रास बैंड के साथ जौनपुर महासू देवता सांस्कृतिक समिति और मसूरी संस्कृत विद्यालय के कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ लोक नृत्य प्रस्तुत किया. साथ ही भगवान श्री कृष्ण की जीवन से जुड़ी अनेक लीलाओं को प्रस्तुत किया.

ये भी पढ़ें: हरियाली यात्राः 'हरि' और 'अली' देंगे पर्यावरण बचाने का संदेश

शोभा यात्रा में सबसे आकर्षण का केंद्र भगवान श्रीकृष्ण की डोली रही. शोभायात्रा में सनातन धर्म संस्कृत विद्यालय के छात्रों ने वैदिक मंत्रों का उच्चारण कर पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया. वहीं, दूसरी ओर सनातन धर्म गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं ने बैंड की मधुर धुन प्रस्तुत दी.

पुजारी अजय उनियाल और स्थानीय निवासी नीरज अग्रवाल ने बताया कि पिछले 160 सालों से मसूरी में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के बाद आने वाले रविवार को शोभायात्रा शहर में निकाली जाती है. साथ ही उन्होंने बताया कि अंग्रेजों के समय में इस प्रथा को रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन लोगों की आस्था के सामने अंग्रेजों की एक न चली. वहीं, हर वर्ष जन्माष्टमी के बाद आने वाले रविवार को मसूरी में विशाल शोभायात्रा निकाली जाती है.

मसूरी: पहाड़ों की रानी में पिछले 160 सालों से भगवान श्रीकृष्ण की डोली लगातार निकाली जा रही है. भारी बारिश के बीच सैकड़ों श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जयकारे लगाते रहे. साथ ही आसपास के गांवों के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया. डोली यात्रा के दौरान भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे.

160 सालों से निकाली जा रही शोभायात्रा.

बैंड बाजों और पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ भगवान कृष्ण की डोली मसूरी लंढोर बाजार, माल रोड, गांधी चौक तक पहुंची. इस शोभायात्रा में ब्रास बैंड के साथ जौनपुर महासू देवता सांस्कृतिक समिति और मसूरी संस्कृत विद्यालय के कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ लोक नृत्य प्रस्तुत किया. साथ ही भगवान श्री कृष्ण की जीवन से जुड़ी अनेक लीलाओं को प्रस्तुत किया.

ये भी पढ़ें: हरियाली यात्राः 'हरि' और 'अली' देंगे पर्यावरण बचाने का संदेश

शोभा यात्रा में सबसे आकर्षण का केंद्र भगवान श्रीकृष्ण की डोली रही. शोभायात्रा में सनातन धर्म संस्कृत विद्यालय के छात्रों ने वैदिक मंत्रों का उच्चारण कर पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया. वहीं, दूसरी ओर सनातन धर्म गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं ने बैंड की मधुर धुन प्रस्तुत दी.

पुजारी अजय उनियाल और स्थानीय निवासी नीरज अग्रवाल ने बताया कि पिछले 160 सालों से मसूरी में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के बाद आने वाले रविवार को शोभायात्रा शहर में निकाली जाती है. साथ ही उन्होंने बताया कि अंग्रेजों के समय में इस प्रथा को रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन लोगों की आस्था के सामने अंग्रेजों की एक न चली. वहीं, हर वर्ष जन्माष्टमी के बाद आने वाले रविवार को मसूरी में विशाल शोभायात्रा निकाली जाती है.

Intro:summary

पहाड़ों की रानी मसूरी में पिछले 160 सालों से लगातार निकाली जा रही कन्हैया जी की डोली भारी बारिश के बीच सैकड़ों श्रद्धालुओं श्री कृष्ण के जयकारे के साथ नगर भ्रमण के लिए निकली गई जिसे मसूरी और आसपास के गांवों के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान श्री कृष्ण के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया वहीं भारी भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए


Body:माल रोड पर बैंड बाजों और पारंपरिक ढोल दमाऊ के साथ कन्हैया की आकर्षक झांकियां निकाली गई जिसे सभी के मन को आकर्षित कर दिया उत्तराखंड के गढ़वाली वेशभूषा धारण किए हुए गढ़वाली कलाकारों ने भी उत्तराखंड के पहाड़ी संस्कृति पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया जिसने सभी के मन को मोह लिया बैंड बाजों एवं पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ भगवान श्री कृष्ण की डोली मसूरी लंढोर बाज़ार, माल रोड ,गांधी चौक तक पहुंची शोभायात्रा में ब्रास बैंड के साथ जौनपुर महासू देवता सांस्कृतिक समिति और मसूरी संस्कृत विद्यालय के कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ लोक नृत्य प्रस्तुत कर भगवान श्री कृष्ण की जीवन से जुड़ी अनेक लीलाओ को प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं के मन को मोह लिया शोभा यात्रा में सबसे आकर्षण का केंद्र भगवान श्रीकृष्ण की डोली रही शोभायात्रा में सनातन धर्म संस्कृत विद्यालय के छात्रों ने वैदिक मंत्रों का उच्चारण करपूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया वही दूसरी ओर सनातन धर्म गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं ने बैंड की मधुर धुन प्रस्तुत की


Conclusion:पुजारी अजय उनियाल और स्थानीय निवासी नीरज अग्रवाल ने बताया कि पिछले 160 सालों से मसूरी में श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के बाद आने वाले रविवार को श्री कृष्ण की शोभायात्रा शहर में निकाली जाती है वह श्री कृष्ण भगवान का आशीर्वाद लेते है उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के समय में इस प्रथा को रोकने की कोशिश की गई थी परंतु लोगों की आस्था के सामने अंग्रेजों की एक न चली और लगातार हर वर्ष जन्माष्टमी के बाद आने वाले रविवार को मसूरी में विशाल शोभायात्रा निकाली जाती है मसूरी में बड़े पर्व के रूप में मनाया जाता है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.