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नवजातों को 'निगलता' अस्पताल, दो दिन में 9 और बच्चों की मौत, आंकड़ा पहुंचा 100

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Published : Jan 2, 2020, 8:37 AM IST

Updated : Jan 2, 2020, 9:00 AM IST

कोटा के जेके लोन अस्पताल में हो रही नवजातों की मौत का मामला पूरे देश में छाया हुआ है. दिसंबर के अंतिम दो दिन में अस्पताल में 9 और शिशुओं की मौत हो गई है. इसके साथ ही इस महीने अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या 100 हो गई है.

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नवजातों को 'निगलता' कोटा का जेके लोन अस्पताल

कोटा(राजस्थान): जेके लोन अस्पताल में 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत का मामला पूरे देश भर में छाया हुआ है. केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक की कमेटियां यहां जांच कर चली गई हैं. इन कमेटियों ने बच्चों की मौत को स्वभाविक तो नहीं माना, लेकिन चिकित्सक की लापरवाही होने को भी नकार दिया है.

नवजातों को 'निगलता' कोटा का जेके लोन अस्पताल

दिसंबर माह में 100 बच्चों की मौत हो चुकी है. 21 से 31 दिसंबर की बात की जाए तो, जेकेलोन अस्पताल में 42 बच्चों की मौत इन दिनों में हुई है. पूरे वर्ष 2019 की बात की जाए तो यह आंकड़ा बढ़कर 963 पर चला गया है. हालांकि बीते 6 सालों में यह सबसे कम है.

साल 2019 के जनवरी माह में 72, फरवरी में 61, मार्च में 63, अप्रैल में 77, मई में 80, जून में 65, जुलाई में 76, अगस्त में 87, सितंबर में 90, अक्टूबर में 91, नवंबर में 101 और दिसंबर में 100 नवजात बच्चों की मौतें दर्ज की गई हैं.

पढ़ेंः उत्तराखंड के अस्पतालों में इलाज महंगा, देखें बढ़ी हुई दरों की लिस्ट

आंकड़े ये भी बताते हैं कि बीते 6 सालों में यह सबसे कम है. साल 2014 में 1198, साल 2015 में 1260, साल 2016 में 1193, साल 2017 में 1027, साल 2018 में 1005 और साल 2019 में 963 नवजात बच्चों की मौतें दर्ज की गई हैं.

नवम्बर में सबसे ज्यादा मौतें, आंकड़ा 101 पहुंचा था
दिसंबर में बच्चों के मौत के बाद राजनीति जरूर हुई है. कांग्रेस पर भाजपा ने आरोप लगाया और भाजपा ने कांग्रेस ने भी आरोप गढ़ दिए हैं, लेकिन इस साल मौतों की बात की जाए तो सर्वाधिक मौतें नवंबर माह में 101 हुई हैं. उसके बाद दिसंबर माह में 100 बच्चों की उपचार के दौरान जेकेलोन अस्पताल में मौत हुई है.

पढ़ेंः बेटी जन्मोत्सव के रूप में मनाया गया साल का पहला दिन, डीएम ने नवजातों को दिए गिफ्ट

चिकित्सक कर रहे दावा- गंभीर थे इसलिए हुई मृत्यु

सभी मौतों के मामले में चिकित्सक सीधे तौर पर तो कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन उनका तर्क है कि बच्चों की मौत उनके गंभीर रूप से बीमार होने के चलते हुई है. साथ ही अधिकांश बच्चे दूसरी यूनिट से रेफर होकर आए थे. कोटा में अधिकांश बच्चे बाहर से रेफर होकर आते हैं. कोटा मेडिकल कॉलेज में जहां पर झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां के साथ मध्यप्रदेश के एडज्वाइनिंग एरिया के मरीज आते हैं.

कोटा(राजस्थान): जेके लोन अस्पताल में 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत का मामला पूरे देश भर में छाया हुआ है. केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक की कमेटियां यहां जांच कर चली गई हैं. इन कमेटियों ने बच्चों की मौत को स्वभाविक तो नहीं माना, लेकिन चिकित्सक की लापरवाही होने को भी नकार दिया है.

नवजातों को 'निगलता' कोटा का जेके लोन अस्पताल

दिसंबर माह में 100 बच्चों की मौत हो चुकी है. 21 से 31 दिसंबर की बात की जाए तो, जेकेलोन अस्पताल में 42 बच्चों की मौत इन दिनों में हुई है. पूरे वर्ष 2019 की बात की जाए तो यह आंकड़ा बढ़कर 963 पर चला गया है. हालांकि बीते 6 सालों में यह सबसे कम है.

साल 2019 के जनवरी माह में 72, फरवरी में 61, मार्च में 63, अप्रैल में 77, मई में 80, जून में 65, जुलाई में 76, अगस्त में 87, सितंबर में 90, अक्टूबर में 91, नवंबर में 101 और दिसंबर में 100 नवजात बच्चों की मौतें दर्ज की गई हैं.

पढ़ेंः उत्तराखंड के अस्पतालों में इलाज महंगा, देखें बढ़ी हुई दरों की लिस्ट

आंकड़े ये भी बताते हैं कि बीते 6 सालों में यह सबसे कम है. साल 2014 में 1198, साल 2015 में 1260, साल 2016 में 1193, साल 2017 में 1027, साल 2018 में 1005 और साल 2019 में 963 नवजात बच्चों की मौतें दर्ज की गई हैं.

नवम्बर में सबसे ज्यादा मौतें, आंकड़ा 101 पहुंचा था
दिसंबर में बच्चों के मौत के बाद राजनीति जरूर हुई है. कांग्रेस पर भाजपा ने आरोप लगाया और भाजपा ने कांग्रेस ने भी आरोप गढ़ दिए हैं, लेकिन इस साल मौतों की बात की जाए तो सर्वाधिक मौतें नवंबर माह में 101 हुई हैं. उसके बाद दिसंबर माह में 100 बच्चों की उपचार के दौरान जेकेलोन अस्पताल में मौत हुई है.

पढ़ेंः बेटी जन्मोत्सव के रूप में मनाया गया साल का पहला दिन, डीएम ने नवजातों को दिए गिफ्ट

चिकित्सक कर रहे दावा- गंभीर थे इसलिए हुई मृत्यु

सभी मौतों के मामले में चिकित्सक सीधे तौर पर तो कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन उनका तर्क है कि बच्चों की मौत उनके गंभीर रूप से बीमार होने के चलते हुई है. साथ ही अधिकांश बच्चे दूसरी यूनिट से रेफर होकर आए थे. कोटा में अधिकांश बच्चे बाहर से रेफर होकर आते हैं. कोटा मेडिकल कॉलेज में जहां पर झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां के साथ मध्यप्रदेश के एडज्वाइनिंग एरिया के मरीज आते हैं.

Intro:दिसंबर माह की 100 बच्चों की मौत हो चुकी है. 21 से 31 दिसंबर की बात की जाए तो, जेकेलोन अस्पताल में 42 बच्चों की मौत इन दिनों में हुई है. पूरे वर्ष 2019 की बात की जाए तो यह आंकड़ा बढ़कर 963 पर चला गया है. हालांकि बीते 6 सालों में यह सबसे कम है.


Body:कोटा.
कोटा के जेके लोन अस्पताल में 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत का मामला पूरे देश भर में छाया हुआ है. केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक की कमेटियां यहां कर जांच कर कर चली गई है. इन कमेटियों ने बच्चों की मौत को स्वभाविक तो नहीं माना, लेकिन चिकित्सक की लापरवाही होने को भी नकार दिया है. बात की जाए दिसंबर माह की 100 बच्चों की मौत हो चुकी है. 21 से 31 दिसंबर की बात की जाए तो, जेकेलोन अस्पताल में 42 बच्चों की मौत इन दिनों में हुई है. पूरे वर्ष 2019 की बात की जाए तो यह आंकड़ा बढ़कर 963 पर चला गया है. हालांकि बीते 6 सालों में यह सबसे कम है.


नवम्बर में सबसे ज्यादा मौतें, आंकड़ा 101 पहुंचा था
दिसंबर में बच्चों के मौत के बाद राजनीति जरूर हुई है. कांग्रेस के ऊपर भाजपा ने आरोप लगाया और भाजपा के ऊपर कांग्रेस ने भी आरोप गढ़ दिए हैं, लेकिन इस साल मौतों की बात की जाए तो सर्वाधिक मौतें नवंबर माह में 101 हुई है. उसके बाद दिसंबर माह में 100 बच्चों की उपचार के दौरान जेकेलोन अस्पताल में मौत हुई है.

चिकित्सक कर रहे दावा गंभीर थे इसलिए हुई मृत्यु
सभी मौतों के मामले में चिकित्सक सीधे तौर पर तो कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन उनका तर्क है कि बच्चों की मौत उनके गंभीर रूप से बीमार होने के चलते हुई है. साथ ही अधिकांश बच्चे दूसरी यूनिट से रेफर हो कर आए थे. कोटा में अधिकांश बच्चे बाहर से रेफर होकर आते है. कोटा मेडिकल कॉलेज में जहां पर झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां के साथ मध्यप्रदेश के एडज्वाइनिंग एरिया के मरीज आते हैं.


Conclusion:महीने के अनुसार मौतें
महीना - मौत
जनवरी - 72
फरवरी - 61
मार्च - 63
अप्रैल - 77
मई - 80
जून - 65
जुलाई - 76
अगस्त - 87
सितंबर - 90
अक्टूबर - 91
नवंबर - 101
दिसंबर - 100
कुल - 963

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साल- अस्पताल में भर्ती - मरीज मौत- प्रतिशत
2014 - 15719 - 1198 - 7.62
2015 - 17569 - 1260 - 7.17
2016 - 17892 - 1193 - 6.60
2017 - 17216 - 1027 - 5.96
2018 - 16436 - 1005 - 6.11
2019 - 17137 - 963 - 5.62
कुल- 101969 - 6646 - 6.52

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बाइट-- डॉ. एएल बैरवा, विभागाध्यक्ष शिशु रोग
Last Updated : Jan 2, 2020, 9:00 AM IST
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