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जानिए क्यों उत्तराखंड सरकार दूसरे राज्यों में तलाश रही जमीनें, कैसे विकास के लिए जरूरी हैं ये कदम

उत्तराखंड सरकार दूसरे राज्यों में जमीने तलाश रही हैं. ऐसा वन अधिनियम के उस कानून के कारण किया जा रहा है, जिसमें वृक्षों को विकास कार्यों के लिए काटने पर उसकी क्षतिपूर्ति में दूसरी भूमियों में वृक्षारोपण करना होता है.

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उत्तराखंड सरकार दूसरे राज्यों में ढूंढ रही जमीनें
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Published : Jan 5, 2021, 9:17 AM IST

Updated : Jan 5, 2021, 1:15 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में 70 प्रतिशत भूमि पर वन है और राज्य ने खुद को देशभर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर आदर्श के रूप में स्थापित किया है. लेकिन अब हालत यह है कि प्रदेश में विकास कार्यों को करने के लिए ही राज्य सरकार दूसरे राज्यों में जमीने तलाश रही है. ऐसा वन अधिनियम के उस कानून के कारण किया जा रहा है, जिसमें वृक्षों को विकास कार्यों के लिए काटने पर उसकी क्षतिपूर्ति में दूसरी भूमियों में वृक्षारोपण करना होता है.

उत्तराखंड सरकार दूसरे राज्यों में ढूंढ रही जमीनें

क्या आप यकीन करेंगे कि जिस राज्य में 70% वन भूमि हो, वहां पर अब पर्यावरण को बेहतर रखने के लिए वृक्षारोपण के लिए सरकार के पास जमीन ही नहीं बची है. उत्तराखंड में इन दिनों कुछ हालात इसी तरह बने हुए हैं. दरअसल, राज्य में विकास कार्यों के लिए वनों के कटान के बाद क्षतिपूर्ति के तौर पर वृक्षारोपण करने के लिए जमीनों की कमी हो गई है. हालत यह है कि विकास कार्यों को करने से पहले राज्य सरकार को उसकी क्षतिपूर्ति के लिए वृक्षारोपण करने के लिए जमीनों को ढूंढना एक बड़ी परेशानी बन गया है.

ये भी पढ़ें: 26 साल का हुआ पतंजलि, रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन

इसी को लेकर अब राज्य सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए प्रदेश से बाहर वृक्षारोपण करने का निर्णय लिया है. यानी अब राज्य सरकार दूसरे राज्यों में भी वन भूमि या राजस्व भूमि तलाश कर रही है. ताकि उन भूमियों पर उत्तराखंड में होने वाले विकास कार्यों के बदले क्षतिपूर्ति के तौर पर वृक्षारोपण किया जा सकें.

बता दें कि उत्तराखंड में अब तक करीब 50,000 हेक्टेयर जंगल की जमीनों को विभिन्न कमर्शियल एक्टिविटी में 20 सालों में इस्तेमाल किया जा चुका है. इसके बाद हाल में आई रिपोर्ट के अनुसार राज्य में वन भूमि का प्रतिशत बढ़ने का दावा किया गया है, लेकिन इन सब आंकड़ों के बीच, राज्य सरकार के सामने अब सबसे बड़ी परेशानी क्षतिपूर्ति के तौर पर होने वाले वृक्षारोपण को लेकर है. राज्य में ऐसी कई योजनाएं हैं जिनके लिए जमीनों की जरूरत है. लेकिन वन भूमि बेहद ज्यादा होने के चलते बड़े प्रोजेक्ट के लिए जमीनों का मिलना काफी मुश्किल हो रहा है. इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों का रुख किया है और वहां पर जमीनों को ढूंढने की कवायद शुरू भी कर दी है.

देहरादून: उत्तराखंड में 70 प्रतिशत भूमि पर वन है और राज्य ने खुद को देशभर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर आदर्श के रूप में स्थापित किया है. लेकिन अब हालत यह है कि प्रदेश में विकास कार्यों को करने के लिए ही राज्य सरकार दूसरे राज्यों में जमीने तलाश रही है. ऐसा वन अधिनियम के उस कानून के कारण किया जा रहा है, जिसमें वृक्षों को विकास कार्यों के लिए काटने पर उसकी क्षतिपूर्ति में दूसरी भूमियों में वृक्षारोपण करना होता है.

उत्तराखंड सरकार दूसरे राज्यों में ढूंढ रही जमीनें

क्या आप यकीन करेंगे कि जिस राज्य में 70% वन भूमि हो, वहां पर अब पर्यावरण को बेहतर रखने के लिए वृक्षारोपण के लिए सरकार के पास जमीन ही नहीं बची है. उत्तराखंड में इन दिनों कुछ हालात इसी तरह बने हुए हैं. दरअसल, राज्य में विकास कार्यों के लिए वनों के कटान के बाद क्षतिपूर्ति के तौर पर वृक्षारोपण करने के लिए जमीनों की कमी हो गई है. हालत यह है कि विकास कार्यों को करने से पहले राज्य सरकार को उसकी क्षतिपूर्ति के लिए वृक्षारोपण करने के लिए जमीनों को ढूंढना एक बड़ी परेशानी बन गया है.

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इसी को लेकर अब राज्य सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए प्रदेश से बाहर वृक्षारोपण करने का निर्णय लिया है. यानी अब राज्य सरकार दूसरे राज्यों में भी वन भूमि या राजस्व भूमि तलाश कर रही है. ताकि उन भूमियों पर उत्तराखंड में होने वाले विकास कार्यों के बदले क्षतिपूर्ति के तौर पर वृक्षारोपण किया जा सकें.

बता दें कि उत्तराखंड में अब तक करीब 50,000 हेक्टेयर जंगल की जमीनों को विभिन्न कमर्शियल एक्टिविटी में 20 सालों में इस्तेमाल किया जा चुका है. इसके बाद हाल में आई रिपोर्ट के अनुसार राज्य में वन भूमि का प्रतिशत बढ़ने का दावा किया गया है, लेकिन इन सब आंकड़ों के बीच, राज्य सरकार के सामने अब सबसे बड़ी परेशानी क्षतिपूर्ति के तौर पर होने वाले वृक्षारोपण को लेकर है. राज्य में ऐसी कई योजनाएं हैं जिनके लिए जमीनों की जरूरत है. लेकिन वन भूमि बेहद ज्यादा होने के चलते बड़े प्रोजेक्ट के लिए जमीनों का मिलना काफी मुश्किल हो रहा है. इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों का रुख किया है और वहां पर जमीनों को ढूंढने की कवायद शुरू भी कर दी है.

Last Updated : Jan 5, 2021, 1:15 PM IST
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