देहरादून: कोरोना संक्रमण के बाद लोगों के लिए परेशानी बन रहे फंगस पर चिकित्सक लोगों को न घबराने की सलाह दे रहे हैं. दरअसल. ब्लैक फंगस के बाद एस्परजिलस फंगस के भी राज्य में मामले आने लगे हैं. हालांकि इसका इलाज संभव है, लिहाजा घबराने की जगह चिकित्सक इस बीमारी का मजबूती से सामना करने की सलाह दे रहे हैं.
कोरोना संक्रमण के डर से अभी लोग बाहर भी नहीं निकले थे कि ब्लैक फंगस और वाइट फंगस समेत दूसरे फंगस का भी खतरा दिखाई देने लगा है. देहरादून में एस्परजिलस फंगस की भी दस्तक हुई है. जिसको लेकर चिकित्सक लोगों को बिना डरे सभी जांच पूरी करने की सलाह दे रहे हैं.
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दून मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों को लंबे समय से उपचार दे रहे डॉ अनुराग अग्रवाल कहते हैं कि शरीर में कमजोरी ही फंगस की ताकत है, लिहाजा इम्यूनिटी के बेहतर होने से ऐसे फंगस को दूर रखा जा सकता है. उत्तराखंड में एस्पेरजिल्स फंगस के करीब 30 से ज्यादा मामले होने की खबर है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग इसके मद्देनजर कोई निश्चित आंकड़ा अब तक नहीं दे पाया है.
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दरअसल, कोरोना संक्रमण के बाद अस्पतालों में भर्ती होकर इलाज कराने वाले मरीजों को ठीक होने के बाद कई तरह के लक्षण महसूस हो रहे हैं. शारीरिक रूप से कमजोर ऐसे मरीजों में ही फंगस के विभिन्न केस आ रहे हैं. अकेले देहरादून के इंद्रेश अस्पताल में ही 10 मरीजों में एस्परजिलस के लक्षण मिले हैं. एस्परजिलस फंगस भी ब्लैक फंगस की तरह ही है.
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डॉ नारायण जीत सिंह कहते हैं कि यह फंगस एक तरह का इंफेक्शन है, जिसको समय से इलाज के बाद ठीक किया जा सकता है. इसके लिए जरूरत है कि मरीज समय से अस्पताल पहुंचे. अपनी सभी जांच कराकर चिकित्सक से उपचार करवाएं. इस मामले को लेकर देहरादून सीएमओ डॉ अनूप डिमरी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. इसी तरह स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा से भी इस मामले पर जानकारी लेने की कोशिश की गई, लेकिन वह भी जानकारी देने के लिए मौजूद नहीं थीं.