देहरादून: केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने यात्रा के दौरान केदारनाथ में स्थानीय लोगों के रोजगार के लिए मुख्यमंत्री से महत्वपूर्ण मांग की है. शैलारानी रावत ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर दोनों तरफ स्थानीय लोगों के लिए दुकाने लगाने की मांग की है. उत्तराखंड में इस बार जल्दी चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी. ऐसे में सरकार अपने स्तर पर चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं और यात्रियों को किसी तरह की असुविधा ना हो, इसको लेकर व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने में लगी है.
वहीं दूसरी ओर चारधाम यात्रा स्थानीय लोगों के लिए आर्थिकी का भी एक बड़ा जरिया होता है. उत्तराखंड की इकोनॉमी का एक बड़ा हिस्सा इसी चारधाम यात्रा से प्रदेश को मिलता है तो वही स्थानीय विधायकों की भी सरकार से उम्मीदें रहती है कि उनके स्थानीय लोगों को सरकार अलग-अलग तरह की रियायतें दें, ताकि आसानी से लोगों को अपना रोजगार करने में सहूलियत हो और लोगों की आर्थिक रूप से सहायता हो सके.
ऐसे में केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से केदारनाथ में गौरीकुंड से लेकर के केदारनाथ मंदिर तक के पैदल मार्ग के दोनों तरफ स्थानीय लोगों को छोटी दुकानें लगाने की अनुमति की मांगी है. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद केदारनाथ विधायक शैलारानी ने बताया कि हर साल होने वाली यात्रा के दौरान पूरे जनपद और विधानसभा के अलग-अलग इलाकों से लोग अपनी रोजी-रोटी के लिए यात्रा क्षेत्र में आते हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि स्थानीय लोगों को सुव्यवस्थित तरीके से सरकार अपनी छोटी पटरी की दुकानें लगाने का मौका दें, जिससे स्थानीय लोगों को तो मदद मिलेगी बल्कि आने वाले यात्रियों को भी जगह-जगह पर सुविधाएं मिल सकें.
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केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने बताया कि केदारनाथ में गौरीकुंड से लेकर के केदारनाथ मंदिर तक हर साल तकरीबन 20 हजार लोग अपनी आमदनी के लिए पटरी पर दुकानें लगाते हैं और उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस बार भी उन्हें इस तरह की छोटी पटरी की दुकानें लगाने के लिए अनुमति दी जाए, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके.
वहीं दूसरी तरफ इन छोटी दुकानों में वस्तुओं के मूल्य को लेकर जिस तरह से हर बार शिकायतें आती है तो उसको लेकर के भी स्थानीय विधायक ने सरकार से आग्रह किया है कि वह रेटों तो वहीं से रेगुलेट करें. इसके साथ ही केदारनाथ धाम में खच्चर इत्यादि की व्यवस्थाओं को लेकर के भी स्थानीय विधायक ने सरकार के साथ सामंजस्य बिठाते हुए कहा कि इस बार खच्चर घोड़ों की किसी तरह से कोई समस्या ना हो, उसको लेकर के भी अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जा रही है और केयरिंग कैपेसिटी के हिसाब से एक सीमित संख्या में ही खच्चर घोड़ों का उपयोग केदारनाथ में किया जाएगा.