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आपदा के बाद केदार धाम पहले से कहीं ज्यादा रमणीय, अब तक इतने रुपये हुए खर्च

साल 2013 में आई जल प्रलय ने केदारघाटी के साथ-साथ प्रदेश के पांच जिलों को नुकसान पहुंचाया था. जिसके बाद से अब तक यहां पुनर्निर्माण कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है. केदारनाथ मंदिर पुनर्निर्माण के बाद और भी भव्य हो गया है.

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Published : May 18, 2019, 11:15 PM IST

Updated : May 18, 2019, 11:39 PM IST

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देहरादून: उत्तराखंड में केदारनाथ जल प्रलय के 6 सालों बाद अब तस्वीर पहले से कहीं ज्यादा जुदा है. 2013 की आपदा के बाद टूटे-फूटे भवनों को नया रूप दे दिया गया है और मंदिर को भी पहले से कहीं ज्यादा सुसज्जित किया गया है. देखा जाए तो 2013 के बाद करीब 3 से 4 सालों तक राज्य सरकारों का भी फोकस केदारनाथ वैली ही रहा है और यही कारण है कि सैकड़ों करोड़ रुपए के कामों के जरिए आज केदारनाथ की तस्वीर पहले से कहीं बेहतर है.

केदारनाथ में 16-17 जून 2013 का दिन एक ऐसी प्रलय के रूप में दर्ज है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता. न केवल प्रदेश बल्कि पूरी दुनिया केदारनाथ की उस प्रलयकारी तस्वीरों को देखकर आज भी सिहर उठती है. आपदा के बाद केदारनाथ में बर्बाद मंजर को जिसने देखा उसने कभी भी केदारनाथ के फिर आबाद होने का अंदाजा नहीं लगाया, लेकिन केदारनाथ के पुनर्निर्माण पर फोकस कर सरकार ने आखिरकार धाम को नया रूप दे दिया.

पढ़ें- प्रधानमंत्री बनने के बाद कल पहली बार बदरीनाथ जाएंगे मोदी, करेंगे 'दिव्य ज्योति' के दर्शन

केदारनाथ में प्राथमिकता रहे पुनर्निर्माण के ये काम

केदारनाथ धाम की आपदा के बाद की सूरत बदलने के लिए सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता उन मूलभूत चीजों को दुरुस्त करना था जो धाम के लिए सबसे ज्यादा जरूरी थी. वैसे आपदा केवल केदारनाथ तक ही सीमित नहीं थी. आपदा में प्रदेश के 5 जिले प्रभावित हुए थे. ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से 9,296.89 करोड़ का पैकेज मांगा. जिसमें 6259.84 करोड़ का बजट स्वीकृत कर दिया गया, लेकिन 4617.27 करोड़ रुपए ही पुनर्निर्माण के लिए उपलब्ध कराया जा सका. खास बात यह है कि इसमें भी केवल 3708.27 करोड़ रुपए की योजनाओं पर ही काम हो पाया है.

केदारनाथ में अब क्या-क्या काम हुए

  • गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक सड़क का निर्माण.
  • केदारनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र का पुनर्निर्माण.
  • मंदिर के दोनों तरह बने भवनों का पुनर्निर्माण.
  • क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों की मरम्मत और नई पाइप लाइनें बिछाने का काम.
  • केदारनाथ क्षेत्र में बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए सोलर लाइट्स और अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का काम.
  • केदारनाथ मंदिर को सुरक्षित करने के लिए 3 लेयर वाली सुरक्षा दीवार मंदिर के पीछे बनाई गईं.
  • केदारनाथ मंदिर के पीछे और सामने के हेली पैड्स को फिर से दुरुस्त किया गया.
  • केदारनाथ में घाटों के निर्माण.
  • मंदिर व आसपास के क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण.
  • केदारनाथ धाम में 3 हजार तक श्रद्धालुओं के रुकने के लिए भवनों का निर्माण.
  • केदार धाम में तीर्थ पुरोहितों के भवनों का निर्माण.
  • आपदा प्रभावित क्षेत्र में कुल 27 हेलीपैड का निर्माण

वे काम जो अभी पाइप लाइन में हैं

  • आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई वृहद शंकराचार्य की समाधि का पुनर्निर्माण.
  • गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक रोपवे का निर्माण.
  • केदारनाथ टाउनशिप को स्थापित करने का काम.

केदारनाथ के लिए मध्यकालीन और दीर्घकालीन पर योजनाओं के तहत पैसा मंजूर किया गया था. इसमें प्राथमिक और मध्यकालीन कामों को छोड़ दिया जाए तो दीर्घकालीन परियोजनाओं पर काम थोड़ा कम ही हो पाया. हालांकि, आपदा के बाद से केदारनाथ धाम की तस्वीर पहले से काफी अलग है. पुनर्निर्माण के लिए मिले बजट के जरिए न केवल केदारनाथ बल्कि 5 जिलों में हुए नुकसान पर भी काम किया गया है. इसमें कई दीर्घकालिक परियोजनाओं के जरिए बड़े कामों को किया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड में केदारनाथ जल प्रलय के 6 सालों बाद अब तस्वीर पहले से कहीं ज्यादा जुदा है. 2013 की आपदा के बाद टूटे-फूटे भवनों को नया रूप दे दिया गया है और मंदिर को भी पहले से कहीं ज्यादा सुसज्जित किया गया है. देखा जाए तो 2013 के बाद करीब 3 से 4 सालों तक राज्य सरकारों का भी फोकस केदारनाथ वैली ही रहा है और यही कारण है कि सैकड़ों करोड़ रुपए के कामों के जरिए आज केदारनाथ की तस्वीर पहले से कहीं बेहतर है.

केदारनाथ में 16-17 जून 2013 का दिन एक ऐसी प्रलय के रूप में दर्ज है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता. न केवल प्रदेश बल्कि पूरी दुनिया केदारनाथ की उस प्रलयकारी तस्वीरों को देखकर आज भी सिहर उठती है. आपदा के बाद केदारनाथ में बर्बाद मंजर को जिसने देखा उसने कभी भी केदारनाथ के फिर आबाद होने का अंदाजा नहीं लगाया, लेकिन केदारनाथ के पुनर्निर्माण पर फोकस कर सरकार ने आखिरकार धाम को नया रूप दे दिया.

पढ़ें- प्रधानमंत्री बनने के बाद कल पहली बार बदरीनाथ जाएंगे मोदी, करेंगे 'दिव्य ज्योति' के दर्शन

केदारनाथ में प्राथमिकता रहे पुनर्निर्माण के ये काम

केदारनाथ धाम की आपदा के बाद की सूरत बदलने के लिए सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता उन मूलभूत चीजों को दुरुस्त करना था जो धाम के लिए सबसे ज्यादा जरूरी थी. वैसे आपदा केवल केदारनाथ तक ही सीमित नहीं थी. आपदा में प्रदेश के 5 जिले प्रभावित हुए थे. ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से 9,296.89 करोड़ का पैकेज मांगा. जिसमें 6259.84 करोड़ का बजट स्वीकृत कर दिया गया, लेकिन 4617.27 करोड़ रुपए ही पुनर्निर्माण के लिए उपलब्ध कराया जा सका. खास बात यह है कि इसमें भी केवल 3708.27 करोड़ रुपए की योजनाओं पर ही काम हो पाया है.

केदारनाथ में अब क्या-क्या काम हुए

  • गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक सड़क का निर्माण.
  • केदारनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र का पुनर्निर्माण.
  • मंदिर के दोनों तरह बने भवनों का पुनर्निर्माण.
  • क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों की मरम्मत और नई पाइप लाइनें बिछाने का काम.
  • केदारनाथ क्षेत्र में बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए सोलर लाइट्स और अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का काम.
  • केदारनाथ मंदिर को सुरक्षित करने के लिए 3 लेयर वाली सुरक्षा दीवार मंदिर के पीछे बनाई गईं.
  • केदारनाथ मंदिर के पीछे और सामने के हेली पैड्स को फिर से दुरुस्त किया गया.
  • केदारनाथ में घाटों के निर्माण.
  • मंदिर व आसपास के क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण.
  • केदारनाथ धाम में 3 हजार तक श्रद्धालुओं के रुकने के लिए भवनों का निर्माण.
  • केदार धाम में तीर्थ पुरोहितों के भवनों का निर्माण.
  • आपदा प्रभावित क्षेत्र में कुल 27 हेलीपैड का निर्माण

वे काम जो अभी पाइप लाइन में हैं

  • आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई वृहद शंकराचार्य की समाधि का पुनर्निर्माण.
  • गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक रोपवे का निर्माण.
  • केदारनाथ टाउनशिप को स्थापित करने का काम.

केदारनाथ के लिए मध्यकालीन और दीर्घकालीन पर योजनाओं के तहत पैसा मंजूर किया गया था. इसमें प्राथमिक और मध्यकालीन कामों को छोड़ दिया जाए तो दीर्घकालीन परियोजनाओं पर काम थोड़ा कम ही हो पाया. हालांकि, आपदा के बाद से केदारनाथ धाम की तस्वीर पहले से काफी अलग है. पुनर्निर्माण के लिए मिले बजट के जरिए न केवल केदारनाथ बल्कि 5 जिलों में हुए नुकसान पर भी काम किया गया है. इसमें कई दीर्घकालिक परियोजनाओं के जरिए बड़े कामों को किया गया है.

Intro:उत्तराखंड में केदारनाथ जल प्रलय के 6 सालों बाद अब तस्वीर पहले से कहीं ज्यादा जुदा है। 2013 की आपदा के बाद टूटे-फूटे बबलू को अब नया रूप दे दिया गया है और मंदिर को भी पहले से कहीं ज्यादा सुसज्जित किया गया है। देखा जाए तो 2013 के बाद करीब 3 से 4 सालों तक राज्य सरकारों का भी फोकस केदारनाथ वैली ही रहा है और यही कारण है कि सैकड़ों करोड़ रुपए के कामों के जरिए आज केदारनाथ की तस्वीर पहले से बेहतर की जा सकती है।


Body:उत्तराखंड के केदारनाथ में 16-17 जून 2013 का दिन एक ऐसी प्रलय के रूप में दर्ज है जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। न केवल प्रदेश और देश बल्कि पूरी दुनिया केदारनाथ की उस प्रलयकारी तस्वीरों को देखकर आज भी सिहर उठती है। आपदा के बाद केदारनाथ में बर्बाद मंजर को जिसने देखा उसने कभी भी केदारनाथ के फिर आबाद होने का अंदाजा नही लगाया...लेकिन केदारनाथ के पुनर्निर्माण पर फोकस सरकार ने आखिरकार केदारनाथ धाम को नया रूप दे दिया।

केदारनाथ में प्राथमिकता रहे पुनर्निर्माण के ये काम

केदारनाथ धाम की आपदा के बाद की सूरत बदलने के लिए सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता उन मूलभूत चीजों को दुरुस्त करना था जो धाम के लिए सबसे ज्यादा जरूरी थी। वैसे आपदा केवल केदारनाथ तक ही सीमित नहीं थी 2013 की आपदा में प्रदेश के 5 जिले प्रभावित हुए थे । ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से 9296.89 करोड़ का पैकेज मांगा। जिसमें 6259.84 करोड का बजट स्वीकृत कर दिया गया। लेकिन 4617.27 करोड रुपए ही पुनर्निर्माण के लिए उपलब्ध कराया जा सके। खास बात यह है कि इसमें भी केवल 3708.27 करोड़ रुपए की योजनाओं पर ही काम हो सका।

केदारनाथ में क्या-क्या हुए काम

केदारनाथ में आपदा के बाद गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक सड़क का निर्माण करवाया गया, केदारनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र का पुनर्निर्माण करवाया गया। मंदिर के दोनों तरह बनए भवनों का फिर से पुनर्निर्माण करवाया गया। आपदा के दौरान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों की मरम्मत और नई पाइप लाइनें डाली गई। केदारनाथ क्षेत्र को रोशनी से नहलाने के लिए सौर ऊर्जा से जुड़े लाइट्स और दूसरी कई व्यवस्थाओं को पूरी तरह से दुरुस्त किया गया ताकि केदारनाथ में बेहतर बिजली आपूर्ति हो सके। केदारनाथ को सुरक्षित करने के लिए 3 लेयर वाली सुरक्षा दीवार मंदिर के पीछे बनाई गई, धाम के पीछे और सामने के हेली पैड्स को फिर से दुरुस्त किया गया। केदारनाथ में घाटों के निर्माण को पूरा करवाया गया। मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्रों को सुंदर बनाने के लिए सुंदरीकरण किया गया। केदारनाथ धाम में 3000 तक श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था के लिए भवनों का निर्माण। धाम के तीर्थ पुरोहितों के भवनों का निर्माण। आपदा प्रभावित क्षेत्र में कुल 27 हेलीपैड का निर्माण

वह काम जो केदारनाथ में अभी पाइप लाइन में है

वृहद शंकराचार्य की समाधि जो केदारनाथ आपदा के दौरान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी... गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक रोपवे का निर्माण... केदारनाथ टाउनशिप को स्थापित करने का काम, बहुत देसी हॉल बनाए जाने का काम।




Conclusion:केदारनाथ के लिए मध्यकालीन और दीर्घकालीन पर योजनाओं के तहत पैसा मंजूर किया गया था... इसमें प्राथमिक तौर पर किए जाने वाले कामों और मध्यकालीन कामों को छोड़ दिया जाए तो दीर्घकालीन परियोजनाओं पर काम थोड़ा कम ही हो पाया। हालांकि 2013 की आपदा के बाद से आप केदारनाथ धाम की तस्वीर पहले से काफी अलग है। पुनर्निर्माण के लिए मिले बजट के जरिए न केवल केदारनाथ बल्कि 5 जिलों में हुए नुकसान पर भी काम किया जाना था और इसमें कई दीर्घकालिक परियोजनाओं के जरिए बड़े कामों को भी होना था। बरहाल केदारनाथ में आपदा के बाद बहुत सारे काम हुए हैं और अभी काफी काम होने बाकी है।
Last Updated : May 18, 2019, 11:39 PM IST
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