देहरादून: उत्तराखंड में केदारनाथ जल प्रलय के 6 सालों बाद अब तस्वीर पहले से कहीं ज्यादा जुदा है. 2013 की आपदा के बाद टूटे-फूटे भवनों को नया रूप दे दिया गया है और मंदिर को भी पहले से कहीं ज्यादा सुसज्जित किया गया है. देखा जाए तो 2013 के बाद करीब 3 से 4 सालों तक राज्य सरकारों का भी फोकस केदारनाथ वैली ही रहा है और यही कारण है कि सैकड़ों करोड़ रुपए के कामों के जरिए आज केदारनाथ की तस्वीर पहले से कहीं बेहतर है.
केदारनाथ में 16-17 जून 2013 का दिन एक ऐसी प्रलय के रूप में दर्ज है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता. न केवल प्रदेश बल्कि पूरी दुनिया केदारनाथ की उस प्रलयकारी तस्वीरों को देखकर आज भी सिहर उठती है. आपदा के बाद केदारनाथ में बर्बाद मंजर को जिसने देखा उसने कभी भी केदारनाथ के फिर आबाद होने का अंदाजा नहीं लगाया, लेकिन केदारनाथ के पुनर्निर्माण पर फोकस कर सरकार ने आखिरकार धाम को नया रूप दे दिया.
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केदारनाथ में प्राथमिकता रहे पुनर्निर्माण के ये काम
केदारनाथ धाम की आपदा के बाद की सूरत बदलने के लिए सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता उन मूलभूत चीजों को दुरुस्त करना था जो धाम के लिए सबसे ज्यादा जरूरी थी. वैसे आपदा केवल केदारनाथ तक ही सीमित नहीं थी. आपदा में प्रदेश के 5 जिले प्रभावित हुए थे. ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से 9,296.89 करोड़ का पैकेज मांगा. जिसमें 6259.84 करोड़ का बजट स्वीकृत कर दिया गया, लेकिन 4617.27 करोड़ रुपए ही पुनर्निर्माण के लिए उपलब्ध कराया जा सका. खास बात यह है कि इसमें भी केवल 3708.27 करोड़ रुपए की योजनाओं पर ही काम हो पाया है.
केदारनाथ में अब क्या-क्या काम हुए
- गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक सड़क का निर्माण.
- केदारनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र का पुनर्निर्माण.
- मंदिर के दोनों तरह बने भवनों का पुनर्निर्माण.
- क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों की मरम्मत और नई पाइप लाइनें बिछाने का काम.
- केदारनाथ क्षेत्र में बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए सोलर लाइट्स और अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का काम.
- केदारनाथ मंदिर को सुरक्षित करने के लिए 3 लेयर वाली सुरक्षा दीवार मंदिर के पीछे बनाई गईं.
- केदारनाथ मंदिर के पीछे और सामने के हेली पैड्स को फिर से दुरुस्त किया गया.
- केदारनाथ में घाटों के निर्माण.
- मंदिर व आसपास के क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण.
- केदारनाथ धाम में 3 हजार तक श्रद्धालुओं के रुकने के लिए भवनों का निर्माण.
- केदार धाम में तीर्थ पुरोहितों के भवनों का निर्माण.
- आपदा प्रभावित क्षेत्र में कुल 27 हेलीपैड का निर्माण
वे काम जो अभी पाइप लाइन में हैं
- आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई वृहद शंकराचार्य की समाधि का पुनर्निर्माण.
- गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक रोपवे का निर्माण.
- केदारनाथ टाउनशिप को स्थापित करने का काम.
केदारनाथ के लिए मध्यकालीन और दीर्घकालीन पर योजनाओं के तहत पैसा मंजूर किया गया था. इसमें प्राथमिक और मध्यकालीन कामों को छोड़ दिया जाए तो दीर्घकालीन परियोजनाओं पर काम थोड़ा कम ही हो पाया. हालांकि, आपदा के बाद से केदारनाथ धाम की तस्वीर पहले से काफी अलग है. पुनर्निर्माण के लिए मिले बजट के जरिए न केवल केदारनाथ बल्कि 5 जिलों में हुए नुकसान पर भी काम किया गया है. इसमें कई दीर्घकालिक परियोजनाओं के जरिए बड़े कामों को किया गया है.