देहरादूनः कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चकराता से विधायक प्रीतम सिंह (Congress MLA Pritam Singh) समेत करीब 400 से 500 कांग्रेसियों के खिलाफ डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है. मुकदमा विधायक प्रीतम सिंह के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और सचिवालय कूच करने पर किया गया है. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (Congress State President Karan Mahara) ने मुकदमा दर्ज करने पर सरकार की तानाशाही बताया है. उन्होंने कहा कि जब फासिस्टवादी लोगों की सरकार आती है तो वह इसी तरह के काम करते हैं.
गौरतलब है कि, 21 नवंबर को कांग्रेस ने प्रीतम सिंह के नेतृत्व में सचिवालय कूच (Uttarakhand Secretariat traveled) किया था. पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए समूचे इंतजाम किए थे. इसके बावजूद कुछ कार्यकर्ता बैरिकेडिंग तोड़ने में कामयाब हो गए और सचिवालय गेट तक पहुंच गए. इसके बाद करीब 500 कांग्रेसियों पर केस दर्ज किए गया है. इस सचिवालय कूच में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन चंद्र कापड़ी, हरक सिंह रावत समेत कई बड़े नेता शामिल थे.
करन माहरा का कहना है कि कांग्रेसियों ने आखिर क्या गलत किया. जब अंकिता भंडारी हत्याकांड के सबूत मिटाए जा रहे हों, केदार भंडारी का अभी तक शव ही मिल पाया. जिस प्रदेश में यूकेएसएसएससी पेपर और विधानसभा भर्ती घोटाला हुआ हो. ऐसे में कांग्रेस के कार्यकर्ता जांच की मांग करके क्या गलत कर रहे हैं. ऐसे में तो मुख्यमंत्री को उन्हें आमंत्रित करते हुए कार्रवाई किए जाने का आश्वासन देना था. लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस जनों ने मजबूरन सचिवालय तक पहुंचने की कोशिश की. मगर सरकार ने उन पर मुकदमे लगा दिए. उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह से दमनकारी नीति अपनाकर कांग्रेस और उनके कार्यकर्ताओं का मनोबल नहीं तोड़ सकती है.