विकासनगर: अक्सर गर्मियों के दिनों में पशुपालकों के सामने चारे की समस्या रहती है. किसानों व पशुपालकों को उचित मात्रा में पशुओं को खिलाने के लिए चारा नहीं मिल पाता है. ऐसे में अब इस समस्या का समाधान एक डेयरी फार्म कर रही है. पशुओं के चारे की समस्या को लेकर कालसी डेयरी फार्म पशुओं के लिए स्वास्थ्यवर्धक चारा भेली का उत्पादन कर रहा है.
इसका उत्पादन प्रतिदिन 300 से 400 पीस तक होता है. वहीं, कालसी से भूसा भेली की मांग पूरे गढ़वाल मंडल में बढ़ रही है. यहां से लगभग 50 केंद्रों पर भूसा चारा भेली भेजी जाती है. इसका उद्देश्य किसानों के पशुओं को स्वास्थ्यवर्धक चारा उपलब्ध कराना है.
बता दें कि कालसी डेयरी फार्म में वर्ष 2010 में चारा बैंक संचालित हुआ था. यहां पर तो प्रकार की चारा भेली बनाई जाती है, जिसमें राहत भेली 12 किलो की 90% भूसा, 10% सीधा मिलाया जाता है. वहीं, पशुओं में दूध उत्पादन के लिए 12 किलो की दुधारू भेली बनाई जाती है, जिसमें 70% भूसा वह 20% दाना पर 10% शीरा मिलाया जाता है.
वहीं, जब वर्ष 2010 में चारा बैंक संचालित हुआ तब 150 से 200 तक ही चारा भेली का उत्पादन किया जा रहा था. इसके बाद धीरे-धीरे गढ़वाल मंडल के किसानों ने चारे की पूर्ति के लिए कालसी चारा बैंक पर अपनी डिमांड देना शुरू की.
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केंद्र के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मृदुला तिवारी ने बताया कि केंद्र पर दो प्रकार की चारा भेली बनाई जाती है, जिसमें राहत भेली 12 किलो की 90 % भूसा, 10% शीरा मिलाया जाता है जिसकी कीमत 102 रुपये रखी गई है.
दूसरी दुधारू राहत भेली 14 किलो में 70% भूसा, 20% दाना और 10% शीरा मिलाया जाता है. इसकी कीमत 155 रुपये रखी गई है. वहीं, पहाड़ों में चारे की कमी को पूरा करने के लिए चारा भेली तैयार की जाती है. साथ ही और किसानों के दुधारू पशुओं के लिए स्वास्थ्यवर्धक और दूध की मात्रा को अधिक बढ़ाती है, जिससे की किसानों की आय में भी वृद्धि होती है.