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दो दिन बाद भी नहीं खुला कालसी-चकराता मोटर मार्ग, इस वजह से हुई देरी

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Published : Sep 16, 2021, 3:23 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 5:03 PM IST

कालसी-चकराता मोटर मार्ग लाल पुल के पास मलबा आने से बंद है. जो अभी तक नहीं खुल पाई है. इससे पहले किसान ने मलबा डालने पर ऐतराज जताया था. जिससे सड़क खोलने में देरी हो रही थी. अब किसान ने मलबा फेंकने पर अपने सहमति दे दी है.

kalsi chakrata road
कालसी-चकराता मोटर मार्ग

विकासनगरः कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर दो दिन बाद भी आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है. लाल पुल के पास बीती मंगलवार देर रात पहाड़ी दरकने से भारी मलबा आ गया था. जिससे मार्ग बाधित हो गया. अभी भी लोक निर्माण विभाग जेसीबी मशीनों के जरिए मलबा हटाने में जुटा है. इससे पहले किसान के ऐतराज के बाद मलबा काफी दूर डंप करना पड़ रहा था. जिससे देरी हो रही थी. वहीं, एसडीएम के मान मनौव्वल के बाद किसान ने मलबा फेंकने पर सहमति जता दी है.

बता दें कि कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर भूस्खलन के कारण भारी भरकम मलबा आ गया था. जिससे यातायात पूरी तरह से बंद हो गई है. ऐसे में चकराता और विकासनगर आने-जाने वाले लोगों को अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है. वाहनों को वाया साहिया से माख्टी-चकराता-मसूरी मार्ग होते हुए चकराता पहुंचना पड़ रहा है. जिस कारण यात्रियों को अतिरिक्त किराया भी देना पड़ रहा है.

कालसी-चकराता मोटर मार्ग दो दिन से बंद.

ये भी पढ़ेंः धनौल्टीः 4 विधायक बदले लेकिन नहीं पहुंची सड़क, ठगे रह गए डुंडा-नकुर्ची के ग्रामीण

वहीं, लोक निर्माण विभाग ने सड़क से मलबा हटाने के लिए दो जेसीबी मशीनें लगाई हैं. जबकि, तीन ट्रैक्टर और एक ट्रक को मलबा डंपिंग के लिए लगाया गया है. स्लाइडिंग जोन के पास मलबा डंपिंग को लेकर किसानों ने ऐतराज जताया. जिसके बाद लोनिवि को मजबूरन मलबे को एक किलोमीटर दूरी पर डंप करना पड़ा. जिससे उन्हें मार्ग खोलने में ज्यादा समय लग रहा है.

किसान में पहले जताया था ऐतराजः किसान सूरत सिंह का कहना था कि जिस स्थान पर पहाड़ी से भूस्खलन हुआ है, उसके नीचे कृषि भूमि की सिंचाई नहर है. अगर मलबा सड़क से नीचे फेंक दिया जाता है तो किसानों की खेती की नहरें क्षतिग्रस्त हो सकती है. साथ ही आसपास की जमीन को भी काफी नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए सड़क से नीचे मलबा फेंकने पर मना किया गया. उन्होंने कहा कि अगर लोक निर्माण विभाग सिंचाई नहर को ठीक करवाता है. इसके अलावा कृषि भूमि को नुकसान नहीं पहुंचाता तो सड़क के स्लाइडिंग जोन से मलबा फेंकने की अनुमति दी जाएगी.

ये भी पढ़ेंः श्रमदान कर खुद ही सड़क ठीक करने में जुटे ग्रामीण, सरकार को दिखाया आइना

SDM के मान मनौव्वल के बाद दी सहमतिः एसडीएम चकराता सौरभ असवाल, लोक निर्माण के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसान से वार्ता की. एसडीएम सौरभ असवाल ने क्षेत्रीय पटवारी को तत्काल दैवीय आपदा से हुई क्षतिग्रस्त नहर का आकलन कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साथ ही लोक निर्माण विभाग को स्लाइडिंग प्वांइट से नीचे मलबा फेंकने पर सहमति जताई. इसके बाद जेसीबी मशीनों के जरिए मलबा सडक से नीचे फेंका जा रहा है. जल्द ही मार्ग खुलने की उम्मीद जताई जा रही है.

विकासनगरः कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर दो दिन बाद भी आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है. लाल पुल के पास बीती मंगलवार देर रात पहाड़ी दरकने से भारी मलबा आ गया था. जिससे मार्ग बाधित हो गया. अभी भी लोक निर्माण विभाग जेसीबी मशीनों के जरिए मलबा हटाने में जुटा है. इससे पहले किसान के ऐतराज के बाद मलबा काफी दूर डंप करना पड़ रहा था. जिससे देरी हो रही थी. वहीं, एसडीएम के मान मनौव्वल के बाद किसान ने मलबा फेंकने पर सहमति जता दी है.

बता दें कि कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर भूस्खलन के कारण भारी भरकम मलबा आ गया था. जिससे यातायात पूरी तरह से बंद हो गई है. ऐसे में चकराता और विकासनगर आने-जाने वाले लोगों को अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है. वाहनों को वाया साहिया से माख्टी-चकराता-मसूरी मार्ग होते हुए चकराता पहुंचना पड़ रहा है. जिस कारण यात्रियों को अतिरिक्त किराया भी देना पड़ रहा है.

कालसी-चकराता मोटर मार्ग दो दिन से बंद.

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वहीं, लोक निर्माण विभाग ने सड़क से मलबा हटाने के लिए दो जेसीबी मशीनें लगाई हैं. जबकि, तीन ट्रैक्टर और एक ट्रक को मलबा डंपिंग के लिए लगाया गया है. स्लाइडिंग जोन के पास मलबा डंपिंग को लेकर किसानों ने ऐतराज जताया. जिसके बाद लोनिवि को मजबूरन मलबे को एक किलोमीटर दूरी पर डंप करना पड़ा. जिससे उन्हें मार्ग खोलने में ज्यादा समय लग रहा है.

किसान में पहले जताया था ऐतराजः किसान सूरत सिंह का कहना था कि जिस स्थान पर पहाड़ी से भूस्खलन हुआ है, उसके नीचे कृषि भूमि की सिंचाई नहर है. अगर मलबा सड़क से नीचे फेंक दिया जाता है तो किसानों की खेती की नहरें क्षतिग्रस्त हो सकती है. साथ ही आसपास की जमीन को भी काफी नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए सड़क से नीचे मलबा फेंकने पर मना किया गया. उन्होंने कहा कि अगर लोक निर्माण विभाग सिंचाई नहर को ठीक करवाता है. इसके अलावा कृषि भूमि को नुकसान नहीं पहुंचाता तो सड़क के स्लाइडिंग जोन से मलबा फेंकने की अनुमति दी जाएगी.

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SDM के मान मनौव्वल के बाद दी सहमतिः एसडीएम चकराता सौरभ असवाल, लोक निर्माण के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसान से वार्ता की. एसडीएम सौरभ असवाल ने क्षेत्रीय पटवारी को तत्काल दैवीय आपदा से हुई क्षतिग्रस्त नहर का आकलन कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साथ ही लोक निर्माण विभाग को स्लाइडिंग प्वांइट से नीचे मलबा फेंकने पर सहमति जताई. इसके बाद जेसीबी मशीनों के जरिए मलबा सडक से नीचे फेंका जा रहा है. जल्द ही मार्ग खुलने की उम्मीद जताई जा रही है.

Last Updated : Sep 16, 2021, 5:03 PM IST
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