विकासनगर: प्रदेश सरकार भले ही हर गांव में सड़क पहुंचाने के दावे करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. जौनसार बावर क्षेत्र के ग्राम पंचायत मुंगाड के कचाणू खेड़ा में प्रसव पीड़िता को ग्रामीण डंडी-कंडी के सहारे चार किलोमीटर दूर मुख्य मार्ग तक ले गए. वहीं, बर्फबारी के कारण चकराता मार्ग बंद हो जाने के कारण एंबुलेंस की सुविधा भी नहीं मिल पाई.
जौनसार बावर चकराता के ग्राम पंचायत मुंगाड के कचाणू खेड़ा में गर्भवती महिला अंजू देवी पत्नी देवेंद्र को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. प्रसूता पीड़िता को ग्रामीणों ने डंडी-कंडी के सहारे पगडंडियों से होते हुए त्यूणी मुख्य मार्ग तक पहुंचाया. वहीं, रास्तों में पड़ी बर्फ लोगों का हर पल इम्तिहान ले रही थी.
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वहीं, बर्फबारी से चकराता मार्ग बंद होने के बाद एंबुलेंस सुविधा भी नहीं मिल पाई. जिस कारण ग्रामीणों को बड़ी मशक्कत के बाद एक निजी वाहन से महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूणी ले जाना पड़ा. जौनसार बावर में आज भी ऐसे कई गांव हैं, जहां ग्रामीण बीमार लोगों को डंडी-कंडी के सहारे कई किलोमीटर पैदल दूरी तय कर हॉस्पिटल पहुंचाते हैं.