देहरादून: UKSSSC पेपर लीक मामले में उत्तराखंड एसटीएफ को एक और सफलता मिली है. उत्तराखंड एसटीएफ ने रामनगर कोर्ट के कनिष्ठ सहायक को गिरफ्तार किया (junior assistant arrested) है. उत्तराखंड एसटीएफ को रामनगर एसीजेएम कोर्ट में कार्यरत कनिष्ठ सहायक हिमांशु कांडपाल के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले थे, जिसके आधार पर ही उत्तराखंड एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार किया है.
आरोपी हिमांशु कांडपाल की उम्र 25 साल है, जो मूल रूप से कांडागूट पोस्ट ऑफिस दौलीगार ब्लॉक धौलादेवी जिला अल्मोड़ा का रहने वाला है. फिलहाल वो रामनगर एसीजेएम कोर्ट में कनिष्ठ सहायक के पद कार्यरत है. आरोपी को पूछताछ के लिए एसटीएफ कार्यालय में बुलाया गया था. पूछताछ के बाद एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया. आरोपी का संगा जीजा मनोज जोशी पीआरडी जवान इस मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुका है. मनोज जोशी ने सीजेएम कोर्ट नैनीताल में कार्यरत कर्मचारी अभियुक्त महेंद्र चौहान और दीपक शर्मा के साथ मिलकर परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र लीक कर एग्जाम क्लियर कराया गया था.
उत्तराखंड एसटीएफ धीरे-धीरे UKSSSC पेपर लीक मामले की कड़ियां खोलती जा रही है. अब तक इस मामले में 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें दो पुलिसकर्मी है और दो नैनीताल जिले की अलग-अलग कोर्ट में कार्यरत कनिष्ठ सहायक हैं. एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक इससे पहले सोमवार को नैनीताल सीजेएम कोर्ट का कनिष्ठ सहायक उनकी गिरफ्त में आया था. आरोपी से अभी पूछताछ की जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि उत्तराखंड एसटीएफ इस मामले में कई और गिरफ्तारियां कर सकती है.
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उत्तराखंड एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक, पेपर लीक कर चांदी काटने का यह मामला बड़े हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़ा है. ऐसे में आने वाले दिनों में जांच की आंच उत्तराखंड सचिवालय तक चौंकाने वाले तथ्य के साथ पहुंच सकती है. इसका बड़ा कारण पुलिस और न्यायिक व्यवस्था से जुड़े 3 सरकारी कर्मचारी सहित उन 13 लोगों की गिरफ्तारी हैं, जिनसे बेहद अहम सबूत मिले हैं. इसके तार उच्चस्तरीय आलाधिकारी तक पहुंच सकते हैं.
जल्द हो सकती है कुछ और लोगों की गिरफ्तारीः यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसटीएफ जल्द ही कुछ और लोगों की गिरफ्तारी भी कर सकती है. इसी के चलते एसटीएफ की अलग-अलग टीमें कुमाऊं के जनपदों में डेरा डाले हुए हैं. वहीं, उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के मुताबिक, लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस का गिरफ्तार कर्मचारी जयजीत इस घपलेबाजी कड़ी का एक सूत्रधार जरूर है, लेकिन मास्टरमाइंड नहीं है.
बता दें कि बीते साल 2021 में 4 और 5 दिसंबर को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 916 पदों के लिए ग्रेजुएट लेवल की परीक्षा आयोजित करवाई गई थी. जिसमें प्रदेश के तकरीबन 2 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. जिसका परीक्षा परिणाम भी घोषित हो चुका है और डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया चल रही थी कि लेकिन इसी बीच पेपर लीक के खुलासे का मामला सामने आया.