देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता भुवन चंद्र खंडूड़ी को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई कोर ग्रुप की बैठक में तो नहीं बुलाया गया लेकिन, बीसी खंडूड़ी से मिलने उनके आवास पर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पहुंचकर सभी को चौंका दिया. इसके बाद खंडूड़ी जरूरी है या नहीं, इसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई है.
लंबे समय से बीसी खंडूड़ी प्रदेश में बीजेपी के बेहद जरूरी थे लेकिन, अभी जरूरी हैं या नहीं, इसे लेकर पार्टी में अभी भी बीजेपी पशोपेश की स्थिति बनी हुई है. इस बात की पुष्टि हुई थी प्रदेश बीजेपी की कोर बैठक में. इस बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रहे. लेकिन खंडूड़ी की गैरमौजूदगी कई सवाल खड़े कर गई.
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दरअसल, जेपी नड्डा के देहरादून दौरे के दौरान सुबह से ही खंडूड़ी की अनुपस्थिति को लेकर सियासी गलियारों में चर्चायें थी कि क्या खंडूरी अब जरूरी नहीं रहे. लेकिन अचानक तभी एक रोचक मोड़ आता है और बड़े ही नाटकीय अंदाज में एक घटना घटित होती है. जेपी नड्डा भुवन चंद्र खंडूड़ी से मिलने उनके आवास पर पहुंच जाते हैं. इससे इस कयास को भी बल मिला कि क्या अभी भी प्रदेश में खंडूड़ी जरूरी हैं? बीसी खंडूड़ी की पुत्री और बीजेपी विधायक रितु खंडूड़ी का कहना है कि उनके पिता अब शारीरिक रूप से पार्टी कार्यक्रमों में शामिल होने में उतने अनुकूल नहीं हैं. जिस वजह से उन्होंने खुद ही पार्टी कार्यक्रमों से दूरी बना ली है.
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हालांकि, बीसी खंडूड़ी से ईटीवी भारत की टेलीफोन पर बात हुई. उन्होंने कोर कमेटी की बैठक की जानकारी होने से ही इनकार कर दिया तो वहीं, जेपी नड्डा के दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि वो परिचित हैं और ऐसे में परिचित लोगों का मिलना आम बात है, इससे पार्टी के कार्यक्रमों से कोई संबंध नहीं है.