मसूरी: कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों और आंदोलन में शहीद हुए सभी लोगों का हमेशा से सपना रहा की उत्तराखंड की राजधानी गैरसैंण बनाई जाए. लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश की जनता से देहरादून को राजधानी समझ लेना चाहिए के बयान से जनता काफी आहत है. वहीं, कांग्रेस भी मुख्यमंत्री के इस बयान का विरोध कर रही है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि जब मुख्यमंत्री देहरादून को राजधानी मानने की बात कह रहे तो गैरसैंण को लेकर तमाम तरीके के ड्रामा क्यों किए जा रहा हैं. इस बार का बजट सत्र भी गैरसैंण में आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रदेश की राजधानी को लेकर दोहरी मानसिकता को परिलक्षित करता है. उन्होंने कहा कि ना तो मुख्यमंत्री और ना ही भाजपा इस बात को स्पष्ट कर रही है कि आखिरकार उत्तराखंड की राजधानी कहा बनेगी. उन्होंने कहा कि गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा महत्वपूर्ण कार्य किए गए जो आज दिखाई दे रहे हैं. भाजपा सरकार द्वारा गैरसैंण के विकास के लिए कुछ भी काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि चुनाव को देखते हुए भाजपा गैरसैंण को लेकर नए-नए प्रोपेगेंडा कर रही है. लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है. प्रदेश की जनता सब कुछ जानती है और 2022 में भाजपा का जाना तय है.
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जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मनरेगा के तहत 100 दिन की जगह-जगह 150 दिन काम देने की बात कर रहे हैं. लेकिन उसके लिए बजट व्यवस्था सरकार के पास नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 6 लाख पंजीकृत श्रमिक हैं, जिसके लिए सरकार को बजट की व्यवस्था करनी होगी. उन्होंने कहा कि अगर आंकड़ों की बात की जाए तो सरकार के पास मनरेगा के तहत मात्र 46 दिनों के लिए श्रमिकों को पैसे देने के लिए हैं. बाकी की व्यवस्था कहां से होगी यह अपने आप में बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि मनरेगा एक ऐसी योजना है जिससे गरीब परिवारों की रोजी-रोटी देने का काम करती है और ऐसी योजना के लिए सरकार के पास पैसा न होना प्रदेश का दुर्भाग्य है.