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उत्तराखंड में शहरों के विकास के लिए 70 नए मास्टर प्लान हो रहे तैयार, ऋषिकेश की भी बदलेगी सूरत

उत्तराखंड में 70 नए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे है, जिनमें रूड़की, हरिद्वार, नैनीताल और हल्द्वानी के मास्टर प्लान का काम गतिमान है.

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मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने की बैठक. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 25, 2024, 8:59 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के सुव्यवस्थित विकास के लिए मास्टर प्लान पर शहरी विकास और टाउन प्लान विभाग लगातार कसरत कर रहा है, लेकिन विभाग का प्लान धरातल पर उतरता हुआ नहीं दिख रहा है. इसी को लेकर सोमवार को शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और उनसे योजनाओं को लेकर जवाब मांगा.

इस दौरान मास्टर प्लान के लागू होने हो रही देरी को लेकर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की. मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों को सभी मास्टर प्लान जल्द से जल्द लागू करने के निर्देश दिए. इसके अलावा मानचित्र स्वीकृति समेत मास्टर प्लान लागू करने में जो मुश्किले आ रही है, उन्हें भी जल्द से जल्द दूर करने को कहा है.

टाउन प्लानिंग डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में 70 नए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे है, जिनमें रूड़की, हरिद्वार, नैनीताल और हल्द्वानी के मास्टर प्लान का काम गतिमान है, तो वहीं देहरादून, काशीपुर और रूद्रपुर जैसे बड़े शहरों में जहां लगातार तेजी से विकास हो रहा हैं, वहां भी अभी मास्टर प्लान को लेकर संशोधन किये जाने हैं.

साल 2019 से अधर में लटका है ऋषिकेश का मास्टर प्लान: वहीं ऋषिकेश का मास्टर प्लान साल 2019 में तैयार हो गया था, लेकिन अभीतक लागू नहीं हो पाया है. अपने गृह क्षेत्र ऋषिकेश मास्टर प्लान की स्थिति देखकर मंत्री अग्रवाल काफी नाराज हुए. उन्होंने कहा कि नगर के सुनियोजित विकास, स्थानीय लोग और व्यापारियों के अलावा श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिये मास्टर प्लान तैयार किया गया है. मंत्री अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश में मास्टर प्लान लागू होने से मुनिकीरेती, तपोवन, स्वर्गाश्रम, जौंक और लक्ष्मणझूला क्षेत्रों में विकास का नया मॉडल तैयार होगा.

मास्टर प्लान के बाद बदलेगी ऋषिकेश की सूरत: ऋषिकेश से विधायक और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि मास्टर प्लान लागू होने के बाद ऋषिकेश में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही आईएसबीटी नये और भव्य रूप में अस्तित्व में आएगा, जो योगनगरी रेलवे स्टेशन के समीप होगा. इससे रेल से यात्रा कर ऋषिकेश पहुंचने वाले यात्रियों को बस से आगे गंतव्य तक जाने में सुविधा मिलेगी.

मास्टर प्लान में आपदा के दृष्टिगत फायर स्टेशन को भव्य बनाया जाएगा, जिससे ऋषिकेश और आसपास क्षेत्रों के लिये फायर वाहनों की संख्या पर्याप्त रहेगी. मास्टर प्लान में ट्रेड कॉप्लेक्स जिसमें पहाड़ से आने वाले नागरिकों को कृषि संबंधी, कोल्ड स्टोरेज और वेयर हाउस की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा ट्रक टर्मिनल भी स्थापित होगा. वहीं चंद्रभागा और लक्ष्मणझूला को आपस में जोड़ने के लिये ब्रिज बनाया जाएगा. इसी तरह नीलकंठ रोपवे भी तैयार होगा. इससे स्थानीय व्यापारियों की आर्थिकी में और सुधार आएगा. नगर का विकास त्वरित गति से बढ़ेगा.

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देहरादून: उत्तराखंड के सुव्यवस्थित विकास के लिए मास्टर प्लान पर शहरी विकास और टाउन प्लान विभाग लगातार कसरत कर रहा है, लेकिन विभाग का प्लान धरातल पर उतरता हुआ नहीं दिख रहा है. इसी को लेकर सोमवार को शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और उनसे योजनाओं को लेकर जवाब मांगा.

इस दौरान मास्टर प्लान के लागू होने हो रही देरी को लेकर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की. मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों को सभी मास्टर प्लान जल्द से जल्द लागू करने के निर्देश दिए. इसके अलावा मानचित्र स्वीकृति समेत मास्टर प्लान लागू करने में जो मुश्किले आ रही है, उन्हें भी जल्द से जल्द दूर करने को कहा है.

टाउन प्लानिंग डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में 70 नए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे है, जिनमें रूड़की, हरिद्वार, नैनीताल और हल्द्वानी के मास्टर प्लान का काम गतिमान है, तो वहीं देहरादून, काशीपुर और रूद्रपुर जैसे बड़े शहरों में जहां लगातार तेजी से विकास हो रहा हैं, वहां भी अभी मास्टर प्लान को लेकर संशोधन किये जाने हैं.

साल 2019 से अधर में लटका है ऋषिकेश का मास्टर प्लान: वहीं ऋषिकेश का मास्टर प्लान साल 2019 में तैयार हो गया था, लेकिन अभीतक लागू नहीं हो पाया है. अपने गृह क्षेत्र ऋषिकेश मास्टर प्लान की स्थिति देखकर मंत्री अग्रवाल काफी नाराज हुए. उन्होंने कहा कि नगर के सुनियोजित विकास, स्थानीय लोग और व्यापारियों के अलावा श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिये मास्टर प्लान तैयार किया गया है. मंत्री अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश में मास्टर प्लान लागू होने से मुनिकीरेती, तपोवन, स्वर्गाश्रम, जौंक और लक्ष्मणझूला क्षेत्रों में विकास का नया मॉडल तैयार होगा.

मास्टर प्लान के बाद बदलेगी ऋषिकेश की सूरत: ऋषिकेश से विधायक और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि मास्टर प्लान लागू होने के बाद ऋषिकेश में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही आईएसबीटी नये और भव्य रूप में अस्तित्व में आएगा, जो योगनगरी रेलवे स्टेशन के समीप होगा. इससे रेल से यात्रा कर ऋषिकेश पहुंचने वाले यात्रियों को बस से आगे गंतव्य तक जाने में सुविधा मिलेगी.

मास्टर प्लान में आपदा के दृष्टिगत फायर स्टेशन को भव्य बनाया जाएगा, जिससे ऋषिकेश और आसपास क्षेत्रों के लिये फायर वाहनों की संख्या पर्याप्त रहेगी. मास्टर प्लान में ट्रेड कॉप्लेक्स जिसमें पहाड़ से आने वाले नागरिकों को कृषि संबंधी, कोल्ड स्टोरेज और वेयर हाउस की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा ट्रक टर्मिनल भी स्थापित होगा. वहीं चंद्रभागा और लक्ष्मणझूला को आपस में जोड़ने के लिये ब्रिज बनाया जाएगा. इसी तरह नीलकंठ रोपवे भी तैयार होगा. इससे स्थानीय व्यापारियों की आर्थिकी में और सुधार आएगा. नगर का विकास त्वरित गति से बढ़ेगा.

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